गरियाबंद: टाइगर प्रोजेक्ट के संरक्षित इलाके में जंगल का बड़ा इलाका काट दिया गया. यहां लगभग एक हजार पेड़ काटे जाने की सूचना है, जिसकी खबर वन विभाग को नहीं लगी. इतना बड़ा वन अमला सोता रहा और जंगल उजाड़ दिया गया. मामले में उदंती अभयारण्य के उप निदेशक ने डिप्टी रेंजर को निलंबित कर दिया है. ऐसा तो नहीं हुआ होगा कि इतनी बड़ी संख्या में पेड़ एक दो घंटे में काट दिए गए होंगे, कटाई 20 दिन तक चलती रही और विभाग सोता रहा.
धड़ल्ले से जारी कटाई
इन दिनों उदंती सीतानदी टाइगर प्रोजेक्ट के वन परिक्षेत्र इंदागांव के कक्ष क्रमांक 1219 में धड़ल्ले से अवैध कटाई जारी है, जिसे रोकने वाला कोई नहीं है. अधिकारी-कर्मचारी मात्र गांव में रहकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर गायब हैं और जंगलों में अवैध कटाई की स्थिति ये है कि कुछ दिनों के अंदर ही 25 एकड़ में एक हजार पेड़ काट दिए गए.
डिप्टी रेंजर निलंबित
लगभग 8 लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई और लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर एक्शन लेने की बात वन विभाग ने कही थी. आज उदंती अभयारण्य के उप निदेशक ने डिप्टी रेंजर को निलंबित कर दिया है. उक्त कार्यवाही वन अधिनियम 1972 के अंतर्गत की गई है. कुछ लोगों ने इसमें राजनीतिक संलिप्तता की भी बात कही है.
कड़ाई के बीच हो गई कटाई
मामले में सबसे गंभीर बात यह है कि अभयारण्य क्षेत्र से एक लकड़ी का टुकड़ा तक उठाने की मनाही होती है. यहां का विकास इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकि नियमों के हिसाब से यहां सड़क बनाने जमीन में 6 इंच का गड्ढा तक नहीं करने दिया जाता. बिजली इसलिए नहीं पहुंच पा रही है कि गड्ढा खोदने की मनाही होती है. इतनी कड़ाई के बीच अगर 1000 पेड़-पौधे कट जाएं तो यह समझा जा सकता है कि नीचे के कर्मचारी ही नहीं बल्कि रेंजर स्तर तक के अफसर अपने काम को लेकर गंभीर नहीं हैं.