ETV Bharat / state

गरियाबांद: इलाज के दौरान हिरण की मौत, वन विभाग बेखबर

गरियाबंद में पानी की तलाश में गांव पहुंचे हिरण की मौत हो गई है. दरअसल धान मंडी के लिए की गई फेंसिंग में उलझने से उसकी पूंछ की हड्डी टूट गई थी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए भर्ती कराया गया, लेकिन उसने दम तोड़ दिया.

death-of-deer-in-gariyaband
हिरण की इलाज के दौरान मौत
author img

By

Published : May 13, 2020, 5:36 PM IST

गरियाबंद: जंगल में वन्यजीवों के लिए पानी की व्यवस्था के नाम पर लाखों रुपए तालाब बनाने में खर्च करने के दावे किए जाते हैं, लेकिन ये दावे तब खोखले लगने लगते हैं जब जानवर पानी की खोज में गांव का रुख करते हैं. ऐसा ही मामला सामने आया है गरियाबंद में, जहां पानी की तलाश में गांव पहुंचा हिरण धान मंडी के लिए की गई फेंसिंग में फंसकर गंभीर रूप से घायल हो गया. बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

हिरण की इलाज के दौरान मौत

गर्मी बढ़ने की वजह से जंगलों में पानी की कमी हो गई है. वन्यप्राणी पानी की तलाश में भटकते-भटकते गांव पहुंच रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार, पानी की तलाश में भटकते इस हिरण को कुत्तों ने दौड़ाया, तो जान बचाने के लिए वो धान मंडी में छिप गया. बाद में धान मंडी की फेंसिंग में उलझने से उसके पूंछ की हड्डी टूट गई.

पढ़ें: प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में मिला हथिनी का शव, मौत का कारण अज्ञात

वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल

इस बात की जानकारी ग्रामीणों को लगते ही हिरण को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे रायपुर रेफर करने की बात कही. इसी दौरान घायल हिरण ने दम तोड़ दिया. इस मौत के बाद से वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं.

पढ़ें: SPECIAL: यहां कोरोना नहीं हाथियों की दहशत है साहब !

आए दिन होती हैं ऐसी घटनाएं

इस तरह की घटना आए दिन देखने को मिलती है. वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि जानवरों के लिए जंगल में पर्याप्त पानी की व्यवस्था है. अब सवाल ये उठता है कि वन विभाग कब इन वन्यप्राणियों को लेकर सतर्क होता है और अगर वन में पानी की इतनी ही व्यवस्था है, तो फिर जानवरों को रिहायशी इलाकों में आने की जरूरत क्यों पड़ती है.

गरियाबंद: जंगल में वन्यजीवों के लिए पानी की व्यवस्था के नाम पर लाखों रुपए तालाब बनाने में खर्च करने के दावे किए जाते हैं, लेकिन ये दावे तब खोखले लगने लगते हैं जब जानवर पानी की खोज में गांव का रुख करते हैं. ऐसा ही मामला सामने आया है गरियाबंद में, जहां पानी की तलाश में गांव पहुंचा हिरण धान मंडी के लिए की गई फेंसिंग में फंसकर गंभीर रूप से घायल हो गया. बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

हिरण की इलाज के दौरान मौत

गर्मी बढ़ने की वजह से जंगलों में पानी की कमी हो गई है. वन्यप्राणी पानी की तलाश में भटकते-भटकते गांव पहुंच रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार, पानी की तलाश में भटकते इस हिरण को कुत्तों ने दौड़ाया, तो जान बचाने के लिए वो धान मंडी में छिप गया. बाद में धान मंडी की फेंसिंग में उलझने से उसके पूंछ की हड्डी टूट गई.

पढ़ें: प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में मिला हथिनी का शव, मौत का कारण अज्ञात

वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल

इस बात की जानकारी ग्रामीणों को लगते ही हिरण को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे रायपुर रेफर करने की बात कही. इसी दौरान घायल हिरण ने दम तोड़ दिया. इस मौत के बाद से वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं.

पढ़ें: SPECIAL: यहां कोरोना नहीं हाथियों की दहशत है साहब !

आए दिन होती हैं ऐसी घटनाएं

इस तरह की घटना आए दिन देखने को मिलती है. वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि जानवरों के लिए जंगल में पर्याप्त पानी की व्यवस्था है. अब सवाल ये उठता है कि वन विभाग कब इन वन्यप्राणियों को लेकर सतर्क होता है और अगर वन में पानी की इतनी ही व्यवस्था है, तो फिर जानवरों को रिहायशी इलाकों में आने की जरूरत क्यों पड़ती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.