गरियाबंद: जिला पंचायत में एक करोड़ 33 लाख रुपये की लागत से पौधे तैयार करने का टेंडर मिला था. लेकिन जिम्मेदारों ने नियम-कानूनों को ताक पर रखकर परियोजना तैयार की और फिर उसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ.
ये है पूरा मामला
दरअसल बिरीघाट पंचायत की 48 एकड़ शासकीय जमीन पर डेढ साल पहले जिला पंचायत ने एप्पल बेर उगाने की योजना बनायी थी. इसके लिए शासन की ओर से एक करोड़ 33 लाख रुपये दिए गए थे. जिसके लिए ग्राम पंचायत को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया था.
ऐसे हुआ भ्रष्टाचार का खेल
वहीं भूमि की घेराबंदी करने के बाद उसमें कुल 12 हजार पौधे रोपे गये, जिसमें खाद और मिट्टी के नाम पर 36 लाख खर्च किए गए है और इस पूरी परियोजना में अब तक 85 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. लेकिन इतनी बड़ी रकम खर्च करने के बाद भी कहीं भी कोई हरा भरा पौधा नजर नहीं आ रहा है. सबसे अहम बात ये है कि क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम पंचायत होने के बाद भी राशि का खर्च डायरेक्ट जिला पंचायत की ओर से किया गया.
CEO ने जांच टीम गठित कर कार्रवाई करने की बात कही
वहीं जब ये पूरा खेल चल रहा था उस समय जो जिम्मेदार अधिकारी मौजूद थे. वे अब इस पूरे मामले में जानकारी नहीं होना बता रहे हैं. जबकि तत्कालीन जिला पंचायत CEO का तबादला हो गया है और वर्तमान CEO फाइल देखने के बाद ही कुछ कहने की बात कह रहे हैं. हालांकि CEO पीआर खुंटे ने जांच टीम गठित करने की बात कही है. साथ ही जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई करने का भरोसा दिला रहे हैं.
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