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गरियाबंद के मौहभाठा में 18 दिनों से ब्लैक आउट, बिजली विभाग के कान पर नहीं रेंगी जूं - बिजली गुल

गरियाबंद जिले के मौहभाठा गांव में ट्रांसफार्मर खराब होने से पिछले 18 दिनों से बिजली नहीं हैं.

ब्लैक आउट
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Published : Jul 18, 2019, 6:32 PM IST

Updated : Jul 18, 2019, 7:28 PM IST

गरियाबंद : 18 दिनों से मैनपुर विकासखंड के मौहभाठा गांव में बिजली नहीं है. लोग अंधेरे में जीवन यापन कर रहे हैं. ब्लैक आउट से बरसात में लोगों को सांप, बिच्छू, जंगली जीवों आदि का भी खतरा है. मामले में बिजली विभाग के कान पर अभी तक जूं नहीं रेगा है. इस समस्या की वजह से लोग काफी परेशान हैं. बता दें कि मौहभाठा गांव में ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली नहीं है. नया ट्रांसफार्मर नहीं लगने से गांव में अंधेरा है.

मौहभाठा में ब्लैक आउट

7 बजे के बाद थम जाता है गांव
हर शाम को 7 बजे के बाद गांव अंधेरे में डूब जाता है. 18 दिनों से लोगों की जिंदगी चिमनी युग में पहुंच गई है.

प्राभावित हो रही बच्चों की पढ़ाई
सांझ ढलने के बाद केवल एक-दो घंटे ही चिमनी के सहारे बच्चों की पढ़ाई हो पा रही है. बिजली नहीं होने के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

अधिकारी दे रहे गोल-मोल जवाब
मामले में संबंधित अधिकारी पहले तो रायपुर से ट्रांसफार्मर मंगवाने के लिये गाड़ी उपलब्ध नहीं होने की बात कह रहे थे. बाद में अन्य कार्य में व्यस्त होने की बात करने लगे. मामले में जल्द ही ट्रांसफार्मर लगवाने की बात कही है.

गरियाबंद : 18 दिनों से मैनपुर विकासखंड के मौहभाठा गांव में बिजली नहीं है. लोग अंधेरे में जीवन यापन कर रहे हैं. ब्लैक आउट से बरसात में लोगों को सांप, बिच्छू, जंगली जीवों आदि का भी खतरा है. मामले में बिजली विभाग के कान पर अभी तक जूं नहीं रेगा है. इस समस्या की वजह से लोग काफी परेशान हैं. बता दें कि मौहभाठा गांव में ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली नहीं है. नया ट्रांसफार्मर नहीं लगने से गांव में अंधेरा है.

मौहभाठा में ब्लैक आउट

7 बजे के बाद थम जाता है गांव
हर शाम को 7 बजे के बाद गांव अंधेरे में डूब जाता है. 18 दिनों से लोगों की जिंदगी चिमनी युग में पहुंच गई है.

प्राभावित हो रही बच्चों की पढ़ाई
सांझ ढलने के बाद केवल एक-दो घंटे ही चिमनी के सहारे बच्चों की पढ़ाई हो पा रही है. बिजली नहीं होने के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

अधिकारी दे रहे गोल-मोल जवाब
मामले में संबंधित अधिकारी पहले तो रायपुर से ट्रांसफार्मर मंगवाने के लिये गाड़ी उपलब्ध नहीं होने की बात कह रहे थे. बाद में अन्य कार्य में व्यस्त होने की बात करने लगे. मामले में जल्द ही ट्रांसफार्मर लगवाने की बात कही है.

Intro:स्लग---अंधेरे में डूबा गांव


एंकर--गरियाबंद जिले का एक गांव पिछले 18 दिन से अंधेरे में डूबा हुआ है, गांव में लगे ट्रांसफार्मर के खराब हो जाने और नया ट्रांसफार्मर अभी तक नही लगाये जाने के कारण ये स्थिति निर्मित हुई है, Body:मामला मैनपुर विकासखंड के मौहभाठा गांव का है, ग्रामीणों के मुताबिक गांव में लाईट नही होने के कारण उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के अधिकारियों पर लगातार मांग के भी ट्रांफार्मर नही लगाने का आरोप लगाया है, ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 18 दिनों से उनकी जिंदगी चिमनी युग में पहुंच गई है चिमनी के सहारे वे सांझ ढलने के बाद केवल एक-दो घंटे ही कुछ कर पाते हैं अर्थात 7:00 बजे के बाद ना तो बच्चे पढ़ पाते हैं ना ग्रामीण बाहर निकल पाते हैं क्योंकि अंधेरे में सांप बिच्छू और जंगली जीवो का डर बना रहता है

वही मामले में जब वहां के अधिकारी से सवाल किया तो पहले तो वे रायपुर से ट्रांसफार्मर मंगवाने गाड़ी उपलब्ध नहीं होने और अन्य कार्य में व्यस्त रहने की बात करते रहे लेकिन फिर जल्दी ही ट्रांसफार्मर लगवाने की बात कही हैं


Conclusion:इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रदेश में हालात ऐसे हो गए हैं कि महज एक ट्रांसफार्मर बदलने में 18 दिन लग जाए और एक गांव को जिंदगी चिमनी के भरोसे बितानी पड़े......
फरहाज़ मेमन etv भारत गरियाबंद

बाइट 1---ग्रामीण-------------
बाइट 2---ग्रामीण महिला............
बाइट 3--- केपी शर्मा इंजीनियर विद्युत विभाग.............
Last Updated : Jul 18, 2019, 7:28 PM IST
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