गरियाबंद: जिले में हाथी का बच्चा अपने झुंड से बिछड़ गया है और बुरी तरह बीमार पड़ने की वजह से खाना भी नहीं खा पा रहा है. जिसके इलाज के लिए रायपुर से डॉक्टर और अंबिकापुर से महावत बुलवाए गए हैं.
हाथी के बच्चे को पहले ट्रेंकुलाइजर गन से एंटीबायोटिक के इंजेक्शन डॉट किया गया और फिर रस्सी से बांधकर उसका इलाज किया जा रहा है.
गरियाबंद जिले में हाथी का बच्चा अपने 30 हाथियों के झुंड से बिझड़ गया है. जो अभी कुकरार गांव में है वहीं उसका झुंड ओडिशा पहुंच चुका है. वन अधिकारियों को इलाज के साथ-साथ अब यह भी चिंता सता रही है कि बच्चा ठीक हो जाएगा तब उसे झुंड से कैसे मिलाया जाएगा. इस मामले को लेकर उदंती सीतानदी अभ्यारण के अधिकारी लगातार तमिलनाडु के विशेषज्ञों से चर्चा कर रहे हैं और उनके बताए अनुसार हाथी का इलाज किया जा रहा है.
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सीतानदी अभयारण्य से गुजरते वक्त बिछड़ा हाथी का बच्चा
इस बार पहली बार 30 हाथियों का बड़ा झुंड ओडिशा से होकर गरियाबंद जिले के उदंती सीतानदी अभयारण्य के पहाड़ी इलाकों में पहुंचा और 15 दिनों तक इस इलाके में आतंक मचाने और खेत में खड़ी फसल को बर्बाद करने के बाद दो दिन पहले ओडिशा वापस चला गया. लेकिन झुंड का एक हाथी छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में छूट गया जब अधिकारियों ने इसे देखा तो पता चला कि यह बुरी तरह बीमार है मुंह और इसकी जुबान के साथ-साथ गले में घाव हैं. बच्चे को देखने के बाद अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों से संपर्क तमिलनाडु के चिकित्सक से सलाह ले कर अंबिकापुर से महावत बुलवाया. हाथी के बच्चे का इलाज किया जा रहा है.