गरियाबंद: विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत के मुख्य के तौर पर राजिम माघी पुन्नी मेले में शामिल हुए. चरणदास महंत ने महोत्सव स्थल पर भगवान राजीवलोचन की पूजा अर्चना कर मेले के शुभारंभ किया. इससे पहले उन्होंने मंदिर पहुंचकर भगवान राजीवलोचन के दर्शन किए. प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू, विधायक अमितेष शुक्ल और धनेन्द्र साहू भी इस दौरान मंच पर उनके साथ मौजूद थे.
सुबह से त्रिवेणी स्नान के साथ ही राजिम माघी पुन्नी मेले की शुरुआत हो गई थी. मगर मुख्य मंच से मेले की विधिवत शुरुआत शाम को महोत्सव स्थल से विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने की है. विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने राजिम माघी पुन्नी मेला की तैयरियों को लेकर प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू की प्रशंसा करते हुए कहा कि राजिम श्रद्धा और आस्था की नगरी है. यहां से काफी कुछ सीखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ना केवल राजिम बल्कि छत्तीसगढ़ की धरती प्रेम, भाईचारा, सदभावना, एकता, श्रद्धा और धर्मिक आस्था का केंद्र है. बाहर से जो भी व्यक्ति एक बार यहां आता है, वह यहां के कल्चर से प्रभावित हुए बगैर नहीं रह सकता.
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अगले साल होगा बड़ा आयोजन: ताम्रध्वज
धर्मस्व एवं न्यास मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि कोरोना महामारी के माघी मेला का स्वरूप छोटा किया गया है. कार्यक्रम कम किए जा रहे हैं. लेकिन उन्होंने अगले साल इस आयोजन को दोगुने उत्साह के साथ बड़े पैमाने पर करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने प्रदेश में छत्तीसगढ़ संस्कृति को विकसित करना अपने सरकार की प्राथमिकता बताई है.
अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू ने उपस्थित श्रद्धालुओं को माघी पुन्नी मेला की बधाई देते हुए कहा कि 2002 में उनके धर्मस्व मंत्री रहते हुए राजिम महोत्सव की शुरुवात हुई थी. उन्होंने बीच के कुछ सालों में इस मंच के राजनीतिकरण होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अब एक बार फिर यह आयोजन अपनी आध्यात्मिक आस्था का केंद्र बनने की ओर अग्रसर हो रहा है.
राजिम विधायक अमितेष शुक्ल ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि राजिम की भूमि बहुत पवित्र है. सदियों से यहां माघी पुन्नी मेला आयोजित होता आ रहा है. जो भी व्यक्ति इस क्षेत्र में सच्चे मन से मेहनत करता है, भगवान राजीवलोचन उसकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं.