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गुस्साए ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट में किया हंगामा, सरकारी अधिग्रहण का किया विरोध

गांवों में खाली जमीनों पर सरकारी कार्यालय बनाने का सिलसिला चल पड़ा है. कुछ गांवों में तो सरकारी जमीन इतना अधिक अधिग्रहण हो रहा है कि गांव वाले भी अब इससे परेशान हो गए हैं. इसी कड़ी में बुधवार को गुस्साए ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय का घेराव किया.

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Published : Jun 5, 2019, 3:14 PM IST

गुस्साए ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट में किया हंगामा

गरियाबंद: जिला बनते ही आसपास के गांवों में खाली जमीनों पर सरकारी कार्यालय बनाने का सिलसिला चल पड़ा है. कुछ गांवों में तो सरकारी जमीन इतना अधिक अधिग्रहण हो रहा है कि गांव वाले भी अब इससे परेशान हो गए हैं. इसी कड़ी में बुधवार को गुस्साए ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय का घेराव किया.

गुस्साए ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट में किया हंगामा

जमीन पर टिकी शिक्षा विभाग की निगाहें
दरअसल सढोली गांव की कई एकड़ भूमि पर जिले के लिए 132 केवी सब स्टेशन बनाया गया. नगर सेना कार्यालय के लिए गांव की भूमि ले ली गई. इस सब के बाद गांव में अब 8-10 एकड़ की सरकारी भूमि बची हुई थी, जिस पर शिक्षा विभाग की निगाहें गड़ी हुई है, लेकिन गांव में अब निस्तारी के लिए भी जमीन नहीं बची है. ऐसे में नाराज ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय का घेराव किया.

ग्रामीणों को कलेक्टर का आश्वासन
मामले में आक्रोशित ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. इसी के साथ ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं की विस्तार पूर्वक जानकारी कलेक्टर को दी. मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने भी ग्रामीणों की मांग पर सहमत नजर आए और उन्होंने आश्वासन दिया की शिक्षा विभाग अपने प्रशिक्षण केंद्र के लिए कहीं और जगह तलाशेगा.

गरियाबंद: जिला बनते ही आसपास के गांवों में खाली जमीनों पर सरकारी कार्यालय बनाने का सिलसिला चल पड़ा है. कुछ गांवों में तो सरकारी जमीन इतना अधिक अधिग्रहण हो रहा है कि गांव वाले भी अब इससे परेशान हो गए हैं. इसी कड़ी में बुधवार को गुस्साए ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय का घेराव किया.

गुस्साए ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट में किया हंगामा

जमीन पर टिकी शिक्षा विभाग की निगाहें
दरअसल सढोली गांव की कई एकड़ भूमि पर जिले के लिए 132 केवी सब स्टेशन बनाया गया. नगर सेना कार्यालय के लिए गांव की भूमि ले ली गई. इस सब के बाद गांव में अब 8-10 एकड़ की सरकारी भूमि बची हुई थी, जिस पर शिक्षा विभाग की निगाहें गड़ी हुई है, लेकिन गांव में अब निस्तारी के लिए भी जमीन नहीं बची है. ऐसे में नाराज ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय का घेराव किया.

ग्रामीणों को कलेक्टर का आश्वासन
मामले में आक्रोशित ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. इसी के साथ ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं की विस्तार पूर्वक जानकारी कलेक्टर को दी. मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने भी ग्रामीणों की मांग पर सहमत नजर आए और उन्होंने आश्वासन दिया की शिक्षा विभाग अपने प्रशिक्षण केंद्र के लिए कहीं और जगह तलाशेगा.

Intro:शिक्षा विभाग को जमीन का सढौली के ग्रामीणों ने किया विरोध

सैकड़ों ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर किया विरोध

गरियाबंद-- जिला बनने के बाद गरियाबंद के आसपास के गांवों में खाली मौजूद जमीनों पर सरकारी कार्यालय बनाने का सिलसिला चल पड़ा है कुछ गांव में तो इतने अधिक सरकारी अधिग्रहण जमीन का हो रहा है कि गांव वाले भी अब इससे परेशान होने लगे हैं जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम सढोली में लोगों का गुस्सा आज उस वक्त बढ़ गया जब उन्हें मालूम चला कि गांव की एकमात्र खाली भूमि पर भी शिक्षा विभाग अपना प्रशिक्षण केंद्र बनाने के लिए उसे अधिग्रहित कराने के प्रयास में है Body:इसके बाद ग्रामीणों में नाराजगी काफी बढ़ गई दरअसल ग्रामीण इसलिए भी नाराज थे कि कुछ समय पहले गांव की कई एकड़ की भूमि पर जिले के लिए 132 केवी सब स्टेशन बनाया गया इसके बाद फिर से शासकीय भूमि की जरूरत पड़ने पर सढोली गांव को ही चुना गया और नगर सेना कार्यालय के लिए गांव की भूमि ले ली गई इस सब के बाद गांव में 8-10 एकड़ की सरकारी भूमि बची हुई थी जिस पर अब शिक्षा विभाग की निगाहे गड़ी हुई थी वहां पर शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए डायट बनाने के लिए उस जमीन को मांगना प्रारंभ कर दिया था जिसकी जानकारी सढोली गांव के लोगों को लगने पर उनमें नाराजगी फैल गई आज दोपहर सरोली गांव में इस से लेकर एक बैठक रखी गई बैठक में हर घर से कोई न कोई सदस्य शामिल हुआ इसके बाद सभी ने इस तरह से गांव की भूमि को लेने का विरोध करने का निर्णय लिया ग्रामीण
लीलाराम ठाकुर, भारत लाल ध्रुव, लीलाम्बर शाडिल्य, गिरेश्वर तिवारी, चमार राय, शोभाराम काशी, भारत कश्यप, नाथुराम चौधरी, कुलेश्वर दुबे, बसंत शांडिल्य, राम चंद्रवंशी समेत 100 से अधिक महिला एवं पुरुष जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे यहां पहले राजस्व विभाग के अधिकारियों से मिले विरोध दर्ज कराया इसके बाद जिला कलेक्टर से मिलने पर कलेक्टर ने पता करवाया की गांव में और कितनी शासकीय भूमि खाली है जब पता लगा कि सचमुच गांव में और शासकीय भूमि नहीं है तो कलेक्टर भी ग्रामीणों की मांग पर सहमत नजर आए ग्रामीणों ने कलेक्टर को बताया कि गांव के निस्तार चारागाह और आने जाने के लिए रास्ते वाली इस जमीन को किसी भी स्थिति में ग्रामीण शासकीय निर्माण हेतु नहीं दे सकते क्योंकि भविष्य में उन्हें कई तरह की परेशानियां सामने आएगी जमीन पर कुछ गांव के लिए निर्माण करना होगा तो गांव में जगह ही नहीं बची है कलेक्टर ने ग्रामीणों की मांग को सुनने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी को बुलवाया जिला शिक्षा अधिकारी एस एल ओगरे छुरा के बीओ श्याम चंद्राकर ने ग्रामीणों से मुलाकात की ग्रामीणों की समस्या सुनने के बाद उन्होंने भी इस भवन निर्माण के लिए और जमीन तलाशने की बात कही कुल मिलाकर जिला मुख्यालय के आसपास लोग अब सभी खाली जमीनों को सरकारी भवनों के लिए आरक्षित होते देख कर असमंजस में नजर आ रहे हैं वही बाकी पड़ी खाली जमीनों पर कब्जे धारियों की नजर पड़ी हुई है


Conclusion:बाइट- युगल समदरिया जनपद सदस्य सढोली

बाइट- जगदीश राय ग्रामीण
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