ETV Bharat / state

सीएम बघेल के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर काम शुरू, उत्सुक हैं ग्रामीण

गरियाबंद में सरकार की योजना अब आकार लेने लगी है. इस प्रोजेक्ट को लेकर ग्रामीणों में भारी उत्सुकता देखने को मिल रही है.

डिजाइन फोटो
author img

By

Published : Jun 5, 2019, 11:35 AM IST

Updated : Jun 5, 2019, 12:20 PM IST

गरियाबंद: छत्तीसगढ़ सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट हमर गौठान अब धरातल पर दिखने लगा है. गरियाबंद में सरकार की योजना अब आकार लेने लगी है. सरकार की योजना को जिला प्रशासन के आला अधिकारी सफल बनाने में जुटे हैं.

भूतल पर उतरा सीएम भूपेश का ड्रीम प्रोजेक्ट, नरूवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी

जिले के हर पंचायत में 20 लाख रुपये की लागत गौठान का निर्माण कराया जा रहा है. जिसमें पशुओं के लिए चारा, पानी और बैठने की उत्तम व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा गौठानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वर्मी कम्पोस्ट और कम्पोस्ट खाद टैंको का भी निर्माण किया गया है. ताकि इससे होने वाली कमाई से समय-समय पर पशुओं के लिए चारा और दूसरी जरूरी चीजें खरीदी जा सकें. गौठान में गांव का कोई भी किसान अपने पशुओं को भेज सकता है. पशुओं का ख्याल रखने वाले चरवाहों के लिए भी गौठान में विशेष व्यवस्थाएं की जा रही है. जिले में गौठान का कामकाज महिला समूहों को सौंपा गया है.

कैसे काम करेगा योजना
सरकार नरवा, गरवा, घुरुआ और बाड़ी को बचाने के लिए एक योजना बनाई है. इसके लिए हर गांव में चार समितियां बनाई जा रही है. जो नरवा, गरवा, घुरुआ और बाड़ी से जुड़े काम करेगी.

नरवा समिति: नरवा समिति जल संरक्षण पर ध्यान देगी. गांव का पानी बहकर बर्बाद न हो इसके लिए इस टीम द्वारा काम किया जाएगा.
गरवा समिति: गरवा समिति पशुधन गौठान का पूरा उपयोग करें इसका ध्यान रखेगी.
घुरुआ समिति: इसके साथ घुरुआ समिति को गांव के कचरा फेंकने की जगह से खाद बनाकर उसे गांव वालों के उपयोग में लाने और बेचने के लिए काम करेगी.
बाड़ी समिति: बाड़ी समिति ये देखेगी कि जिसके भी घर में खाली जगह है उस जगह पर कुछ उगा कर उसका उपयोग करें. इसके तहत पहली प्राथमिकता सब्जियों को दी जाएगी. इसके बाद मुनगा आदि के पेड़ को लगाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा.

गरियाबंद: छत्तीसगढ़ सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट हमर गौठान अब धरातल पर दिखने लगा है. गरियाबंद में सरकार की योजना अब आकार लेने लगी है. सरकार की योजना को जिला प्रशासन के आला अधिकारी सफल बनाने में जुटे हैं.

भूतल पर उतरा सीएम भूपेश का ड्रीम प्रोजेक्ट, नरूवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी

जिले के हर पंचायत में 20 लाख रुपये की लागत गौठान का निर्माण कराया जा रहा है. जिसमें पशुओं के लिए चारा, पानी और बैठने की उत्तम व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा गौठानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वर्मी कम्पोस्ट और कम्पोस्ट खाद टैंको का भी निर्माण किया गया है. ताकि इससे होने वाली कमाई से समय-समय पर पशुओं के लिए चारा और दूसरी जरूरी चीजें खरीदी जा सकें. गौठान में गांव का कोई भी किसान अपने पशुओं को भेज सकता है. पशुओं का ख्याल रखने वाले चरवाहों के लिए भी गौठान में विशेष व्यवस्थाएं की जा रही है. जिले में गौठान का कामकाज महिला समूहों को सौंपा गया है.

कैसे काम करेगा योजना
सरकार नरवा, गरवा, घुरुआ और बाड़ी को बचाने के लिए एक योजना बनाई है. इसके लिए हर गांव में चार समितियां बनाई जा रही है. जो नरवा, गरवा, घुरुआ और बाड़ी से जुड़े काम करेगी.

नरवा समिति: नरवा समिति जल संरक्षण पर ध्यान देगी. गांव का पानी बहकर बर्बाद न हो इसके लिए इस टीम द्वारा काम किया जाएगा.
गरवा समिति: गरवा समिति पशुधन गौठान का पूरा उपयोग करें इसका ध्यान रखेगी.
घुरुआ समिति: इसके साथ घुरुआ समिति को गांव के कचरा फेंकने की जगह से खाद बनाकर उसे गांव वालों के उपयोग में लाने और बेचने के लिए काम करेगी.
बाड़ी समिति: बाड़ी समिति ये देखेगी कि जिसके भी घर में खाली जगह है उस जगह पर कुछ उगा कर उसका उपयोग करें. इसके तहत पहली प्राथमिकता सब्जियों को दी जाएगी. इसके बाद मुनगा आदि के पेड़ को लगाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा.

Intro:स्लग---ड्रीम प्रोजेक्ट
छत्तीसगढ़ सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट हमर गौठान अब धरातल पर दिखने लगा है, गरियाबंद जिले में भी ये योजना आकार ले रही है, जिला प्रशासन के आला अधिकारी योजना को सफल बनाने में जुटे है।
Body:वीओ 1---छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी, नरूवा, गरूवा, घुरूवा अऊ बाड़ी, एला बचाना हे संगवारी, कांग्रेस ने इस नारे के साथ विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत हासिल करने के बाद सत्ता संभालते ही इसे साकार करना शुरु कर दिया है, प्रदेश के सभी जिलों के साथ गरियाबंद जिले में भी पहले चरण के दौरान 50 गौठान तैयार की जा रही है, गौठानों को लेकर ग्रामीणों का दावा है कि इससे पशुधन को तो बढावा मिलेगा ही इसके साथ ही फसलों के लिए जैविक खाद आसानी से उपलब्ध होगा और ग्रामीण स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
बाइट 1---रुपसिंह गोड, ग्राम प्रधान, फुलकर्रा............
बाइट 2---मेलाराम कंवर, ग्राम अध्यक्ष, फुलकर्रा........
बाइट 3--राधिका ठाकुर, सदस्य, महिला समूह, फुलकर्रा................
वीओ 2---प्रत्येक गौठान का निर्माण 20 लाख की लागत से किया जा रहा है, जिसमें पशुओं के लिए चारा, पानी और बैठने की उत्तम व्यवस्था की जा रही है, इसके अलावा गौठानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वर्मी कम्पोस्ट और कम्पोस्ट खाद टैंको का भी निर्माण किया गया है, ताकि इससे होने वाली कमाई से समय समय पर पशुओं के लिए चारा और दुसरी जरुरी चीजे खरीदी जा सके, गौठान में गांव का कोई भी किसान अपने पशुओं को भेज सकता है, पशुओं का ख्याल रखने वाले चरवाहों के लिए भी गौठान में स्पेशल व्यवस्थाएं की जा रही है, गौठान का कामकाज महिला समूहों को सौंपा गया है।

बाइट 4---कीर्तन साहू, सचिव, फुलकर्रा पंचायत.............
फाईनल वीओ----सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट कितना सफल होगा ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा मगर फिलहाल सरकार के इस प्रोजेक्ट को लेकर ग्रामीणों में भारी उत्सुकता जरुर देखने को मिल रही है।Conclusion:कैसे करेगी यह योजना काम---

वीओ--- दरअसल सरकार ने इन चारों को भी आपस में जोड़ने का प्रयास किया है अर्थात हर गांव में चार समितियां बनाई जा रहे हैं जो उनसे जुड़े काम करेंगे इन्हें छोटी-मोटी आए भी होगी नरवा समिति जल संरक्षण पर ध्यान देगी गांव का पानी बहकर बर्बाद ना हो ग्राउंड वाटर में जाए इसके लिए प्रयास भविष्य में किए जाएंगे गरबा समिति पशुधन गठान का पूरा उपयोग करें इसका ध्यान रखेगी घुरुआ समिति गांव के कचरा फेंकने की जगह से खाद बनाकर उसे गांव वालों के उपयोग और बेचने के लिए जिम्मेदार होगी वही बाड़ी समिति यह देखेगी कि जिसके भी घर में खाली जगह है वाह उस जगह पर कुछ उगा कर उसका उपयोग करें पहली प्राथमिकता सब्जियों को दी जाएगी इसके बाद मुनगा आदि के वृक्ष को लगाने प्रेरित किया जाएगा फिर किनारे की बची हुई जगहों पर फलदार वृक्ष लगवाए जाएंगे कुल मिलाकर ग्रामीणों को भविष्य में आजीविका देने योजनाबद्ध ढंग ग्रामीणों को सुविधाएं उपलब्ध कराने की जो योजना थी वह अब मूर्त रूप लेते दिख रही हैं
Last Updated : Jun 5, 2019, 12:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.