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सख्ती के बाद निजी अस्पताल ने लौटाये पीड़ित परिवार को रुपये

प्रशासन की सख्ती के बाद अभनपुर के निजी अस्पताल ने पीड़ित परिवार को रुपये वापस लौटे दिए हैं. बता दें कि अभनपुर के सोनी अस्पताल में स्वास्थ्य योजना लागू होने के बावजूद मरीजों से रुपये लिए जा रहे थे.

private hospital returned money
निजी अस्पताल ने लौटाये पीड़ित परिवार को रुपये
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Published : Feb 12, 2021, 2:38 AM IST

Updated : Feb 12, 2021, 4:55 AM IST

गरियाबंद: अभनपुर के सोनी अस्पताल में स्वास्थ्य योजना लागू होने के बावजूद मरीजों से रुपये लिए जा रहे थे. कलेक्टर और जिला चिकित्सा अधिकारी ने इसपर नाराजगी जाहिर की. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने पीड़ित परिवार से ली गई राशि को वापस भिजवाया है. 25 हजार रुपये की राशि देने मैनपुर बीएमओ कुल्हाड़ी घाट पहुंचे.

निजी अस्पताल की मनमानी

इसके पहले अस्पताल वाले बिल भुगतान नहीं होने के चलते परिजनों को महिला की लाश सौंपने तक को तैयार नहीं थे. जिसकी वजह से परिवार वालों को ग्रामीणों से कर्ज लेना पड़ा था. बिल पटाने के बाद ही लाश परिजनों को सौंपी गई थी.

बोधघाट परियोजना: 'विरोध करने वाले नहीं हैं आदिवासियों के हितैषी'

कलेक्टर ने जताई नाराजगी

इस केस की जानकारी मिलने के बाद गरियाबंद के कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर और जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन नवरत्न ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि पीड़ित के साथ गलत हुआ. सरकार की योजना का लाभ पीड़ित परिवार को मिलना था. अस्पताल गरियाबंद जिला क्षेत्र में नहीं होने के चलते सीएमओ सीधी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा है कि केस में कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा गया है. जिसके बाद से निजी अस्पताल के लोगों में हड़कंप मचा हुआ है. निजी अस्पताल ने बीएमओ मैनपुर के माध्यम से राशि पीड़ित के परिजनों को लौटा दी है.

गरियाबंद: अभनपुर के सोनी अस्पताल में स्वास्थ्य योजना लागू होने के बावजूद मरीजों से रुपये लिए जा रहे थे. कलेक्टर और जिला चिकित्सा अधिकारी ने इसपर नाराजगी जाहिर की. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने पीड़ित परिवार से ली गई राशि को वापस भिजवाया है. 25 हजार रुपये की राशि देने मैनपुर बीएमओ कुल्हाड़ी घाट पहुंचे.

निजी अस्पताल की मनमानी

इसके पहले अस्पताल वाले बिल भुगतान नहीं होने के चलते परिजनों को महिला की लाश सौंपने तक को तैयार नहीं थे. जिसकी वजह से परिवार वालों को ग्रामीणों से कर्ज लेना पड़ा था. बिल पटाने के बाद ही लाश परिजनों को सौंपी गई थी.

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कलेक्टर ने जताई नाराजगी

इस केस की जानकारी मिलने के बाद गरियाबंद के कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर और जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन नवरत्न ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि पीड़ित के साथ गलत हुआ. सरकार की योजना का लाभ पीड़ित परिवार को मिलना था. अस्पताल गरियाबंद जिला क्षेत्र में नहीं होने के चलते सीएमओ सीधी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा है कि केस में कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा गया है. जिसके बाद से निजी अस्पताल के लोगों में हड़कंप मचा हुआ है. निजी अस्पताल ने बीएमओ मैनपुर के माध्यम से राशि पीड़ित के परिजनों को लौटा दी है.

Last Updated : Feb 12, 2021, 4:55 AM IST
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