गरियाबंद: जिले के किसानों को इन दिनों दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. किसानों को कोरोना के साथ-साथ प्रकृति की मार भी झेलनी पड़ रही है. जिले में आंधी-बारिश से बहेरापाल क्षेत्र की करीब 900 एकड़ में लगी धान की फसल खराब हो गई है. मंगलवार को जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू फसल क्षति का जायजा लिया. जिला पंचायत सदस्य ने धान की फसल की बर्बादी देखने के बाद सरकार से किसानों का लोन के साथ मुआवजा देने की मांग की.
जिला पंचायत सदस्य के आग्रह पर एसडीएम जीडी वाहिले ने राजस्व निरीक्षक वर्मा को निरीक्षण के लिए बहेरापाल भेजा. जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू और ग्रामीणों की उपस्थिति में नुकसान का जायजा लेने की बात कही. इस दौरान सरपंच प्रतिनिधि महेन्द्र साहू, ग्राम पटेल धर्मेन्द्र साहू, मनबोध साहू, जगत, रामचंद्र, जितेन्द्र, कुलेश्वर, गोविंद, झब्लेश, नेतराम, तीजरम, केशु, सुखी, हरिराम, ठाकुरराम, रामप्यारी बाई, जैन बाई, रामकुमार, दुलेश्वर, दिलीप,सोनू, चेतन साहू, नकुल, रवि, महेश दीवान, रामसहाय, रमहिर्दे, ईश्वरी आदि उपस्थित थे.
जरूरतमंदों तक गरमा गरम खाना पहुंचा रही पेंड्रा की अक्षयपात्र समिति
12 से ज्यादा गांवों की फसल पूरी तरह खराब
बहेरापाल दौरे पर पहुंचे रोहित ने बताया कि यहां के किसानों की 900 एकड़ फसल चौपट हो गई है. धान की पकी फसल जिसे किसान काटने की तैयारी कर रहे थे, ओलावृष्टि और आंधी-बारिश से बर्बाद हो गई है. इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. इस प्राकृतिक आपदा से 12 से ज्यादा गांवों की फसल पूरी तरह खराब हो गई है. हालात यह है कि बारिश के बाद खेत में गिरे धान अंकुरित होने लगे हैं.
सरगुजा के गांवों में 'तीसरी आंख', कंट्रोल रूम बनाकर कोविड इलाज पर रखी जा रही नजर
किसानों ने सेठ-साहूकारों से लिया था कर्ज
इस दौरान गांव के किसान रामकुमार साहू, जीतराम साहू, महेंद्र साहू और बोधन साहू ने बताया कि धान की फसल खराब होने से उन्हें भारी नुकसान हुआ है. सेठ-साहूकारों से कर्ज लेकर उन्होंने फसल तैयार की थी. प्रकृति ने उनकी फसल को बर्बाद कर दिया. जिससे उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है. किसानों ने फसल की तत्काल रिपोर्ट तैयार कर अधिक से अधिक मुआवजा जारी करने का आग्रह किया.