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गरियाबंद: कोयलीबेड़ा में 12 हाथियों के दल का आतंक, मकानों और फसलों को रौंदा

गरियाबंद के मैनपुर के ग्राम कोयलीबेड़ा में 12 हाथियों के दल ने रात के वक्त पहुंचकर लगभग 3 घंटे तक जमकर उत्पात मचाया. हाथियों ने ग्रामीणों ने मकानों को तोड़ा और खेतों में फसलों को चौपट कर दिया.

12 elephants broke up houses and thrashed crops in Koylibeda in Gariaband
12 हाथियों के दल का आतंक
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Published : May 15, 2020, 2:16 PM IST

Updated : May 15, 2020, 4:52 PM IST

गरियाबंद: तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 14 किलोमीटर दूर वन परिक्षेत्र मैनपुर के ग्राम कोयलीबेड़ा में रात के वक्त हाथियों के दल ने लगभग 3 घंटे जमकर उत्पात मचाया. रात के वक्त जब गांव में सभी ग्रामीण सो रहे थे तभी अचानक 12 हाथियों का दल गांव में पहुंच गया. पहुंचते ही हाथियों ने मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया'.

12 elephants broke up houses and thrashed crops in Koylibeda in Gariaband
हाथियों ने फसलों को रौंदा

ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए बाहर भागने लगे,चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई. पूरे गांव में हल्ला होने लगा लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों के छप्परों को तोड़ कर अपने बच्चों को जैसे तैसे बहार निकाला. ग्राम कोयलीबेड़ा में 5 से 6 मकानों को हाथियों ने तोड़ दिया और राशन सामग्रियों को चट कर गए.

मकानों और फसलों को हाथियों ने किया चौपट

लगभग तीन घंटे तक हाथियों का दल गांव के भीतर मंडारता रहा और पूरी रात ग्रामीणों ने दहशत में गुजारी. इसके बाद हाथियों का दल ग्रामीणों के खेतों में जमकर तबाही मचाई और फसलों को नुकसान पहुंचाया. ग्राम कोयलीबेड़ा के ग्रामीणों ने बताया कि 'पहली बार उनके ग्राम कोयलीबेड़ा में हाथियों का दल रात को अचानक आ धमका और घरों के छप्परों को तोड़फोड़ डाला. इसके साथ ही राशन भी चट कर गए'.

ग्रामीणों ने अफसर से लगाई गुहार

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के बफर जोन एरिया कुल्हाड़ीघाट के पहाड़ी इलाकों के गांव आमामोरा, ताराझर, कुर्वापानी, अमलोर, ओंढ के बाद अब हाथियों के दल का रूख पहाड़ी के नीचे मैनपुर वन परिक्षेत्र के कोयलीबेड़ा के तरफ पहुंचा है. परेशान ग्रामीण अफसर के पास पहुंचे और हाथियों से बचाव के लिए गुहार लगाते हुए मकान और चौपट फसल की जानकारी वन विभाग को दी.

12 elephants broke up houses and thrashed crops in Koylibeda in Gariaband
12 हाथियों के झूंड का आतंक

मुआवजे का दिया आश्वासन

वन परिक्षेत्र अधिकारी गणेश राम ठाकुर के नेतृत्व में वन विभाग के स्थानीय अधिकारी कर्मचारी ग्राम कोयलीबेड़ा पहुंचे और निरीक्षण कर ग्रामीणों को फसल को हुए नुकसान का मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया है. वन परिक्षेत्र अधिकारी गणेशराम ठाकुर ने बताया कि 'अभी हाथियों का दल मैनपुर वन परिक्षेत्र के पैरी नदी के किनारे डेरा डाले हुए हैं'.

ग्रामीणों से अकेले जंगल न जाने की अपील

गरियाबंद वनमंडलाधिकारी मयंक अग्रवाल ने बताया कि 'हाथियों के दल के पहुंचने की जानकारी लगते ही आसपास के ग्रामों में मुनादी करवा दी गई है और ग्रामीणों को अकेले जंगल नहीं जाने की अपील की गई है. वन विभाग मकान क्षति और फसल क्षति की रिपोर्ट तैयार कर मुआवजा राशि देगी. उन्होंने बताया कि 'ग्रामीणों को सुरक्षा के लिहाज से वन विभाग की तरफ से टॉर्च और हाई मास्क लाइट भी जल्द दिया जाएगा'.

12 elephants broke up houses and thrashed crops in Koylibeda in Gariaband
ग्रामीणों के घर को हाथियों ने तोड़ा

पढ़ें-नई एंबुलेंस की खुशी में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भूले सोशल डिस्टेंसिंग

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व गरियाबंद के उपनिदेशक राज विष्णु नायर ने बताया कि 'हाथियों का दल पिछले 6 से 7 माह से कुल्हाड़ीघाट वन परिक्षेत्र के पहाड़ी इलाके के जंगलों में विचरण कर रहे हैं'. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 'जल्द ही दो वाहन और प्रशिक्षक आने वाले हैं जो हाथी प्रभावित ग्रामों में लगातार पहुंचकर लोगों को हाथियों से सुरक्षा के उपाय बताएंगे'.

गरियाबंद: तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 14 किलोमीटर दूर वन परिक्षेत्र मैनपुर के ग्राम कोयलीबेड़ा में रात के वक्त हाथियों के दल ने लगभग 3 घंटे जमकर उत्पात मचाया. रात के वक्त जब गांव में सभी ग्रामीण सो रहे थे तभी अचानक 12 हाथियों का दल गांव में पहुंच गया. पहुंचते ही हाथियों ने मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया'.

12 elephants broke up houses and thrashed crops in Koylibeda in Gariaband
हाथियों ने फसलों को रौंदा

ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए बाहर भागने लगे,चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई. पूरे गांव में हल्ला होने लगा लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों के छप्परों को तोड़ कर अपने बच्चों को जैसे तैसे बहार निकाला. ग्राम कोयलीबेड़ा में 5 से 6 मकानों को हाथियों ने तोड़ दिया और राशन सामग्रियों को चट कर गए.

मकानों और फसलों को हाथियों ने किया चौपट

लगभग तीन घंटे तक हाथियों का दल गांव के भीतर मंडारता रहा और पूरी रात ग्रामीणों ने दहशत में गुजारी. इसके बाद हाथियों का दल ग्रामीणों के खेतों में जमकर तबाही मचाई और फसलों को नुकसान पहुंचाया. ग्राम कोयलीबेड़ा के ग्रामीणों ने बताया कि 'पहली बार उनके ग्राम कोयलीबेड़ा में हाथियों का दल रात को अचानक आ धमका और घरों के छप्परों को तोड़फोड़ डाला. इसके साथ ही राशन भी चट कर गए'.

ग्रामीणों ने अफसर से लगाई गुहार

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के बफर जोन एरिया कुल्हाड़ीघाट के पहाड़ी इलाकों के गांव आमामोरा, ताराझर, कुर्वापानी, अमलोर, ओंढ के बाद अब हाथियों के दल का रूख पहाड़ी के नीचे मैनपुर वन परिक्षेत्र के कोयलीबेड़ा के तरफ पहुंचा है. परेशान ग्रामीण अफसर के पास पहुंचे और हाथियों से बचाव के लिए गुहार लगाते हुए मकान और चौपट फसल की जानकारी वन विभाग को दी.

12 elephants broke up houses and thrashed crops in Koylibeda in Gariaband
12 हाथियों के झूंड का आतंक

मुआवजे का दिया आश्वासन

वन परिक्षेत्र अधिकारी गणेश राम ठाकुर के नेतृत्व में वन विभाग के स्थानीय अधिकारी कर्मचारी ग्राम कोयलीबेड़ा पहुंचे और निरीक्षण कर ग्रामीणों को फसल को हुए नुकसान का मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया है. वन परिक्षेत्र अधिकारी गणेशराम ठाकुर ने बताया कि 'अभी हाथियों का दल मैनपुर वन परिक्षेत्र के पैरी नदी के किनारे डेरा डाले हुए हैं'.

ग्रामीणों से अकेले जंगल न जाने की अपील

गरियाबंद वनमंडलाधिकारी मयंक अग्रवाल ने बताया कि 'हाथियों के दल के पहुंचने की जानकारी लगते ही आसपास के ग्रामों में मुनादी करवा दी गई है और ग्रामीणों को अकेले जंगल नहीं जाने की अपील की गई है. वन विभाग मकान क्षति और फसल क्षति की रिपोर्ट तैयार कर मुआवजा राशि देगी. उन्होंने बताया कि 'ग्रामीणों को सुरक्षा के लिहाज से वन विभाग की तरफ से टॉर्च और हाई मास्क लाइट भी जल्द दिया जाएगा'.

12 elephants broke up houses and thrashed crops in Koylibeda in Gariaband
ग्रामीणों के घर को हाथियों ने तोड़ा

पढ़ें-नई एंबुलेंस की खुशी में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भूले सोशल डिस्टेंसिंग

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व गरियाबंद के उपनिदेशक राज विष्णु नायर ने बताया कि 'हाथियों का दल पिछले 6 से 7 माह से कुल्हाड़ीघाट वन परिक्षेत्र के पहाड़ी इलाके के जंगलों में विचरण कर रहे हैं'. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 'जल्द ही दो वाहन और प्रशिक्षक आने वाले हैं जो हाथी प्रभावित ग्रामों में लगातार पहुंचकर लोगों को हाथियों से सुरक्षा के उपाय बताएंगे'.

Last Updated : May 15, 2020, 4:52 PM IST
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