दुर्ग: ट्रैफिक नियमों की अनदेखी में छत्तीसगढ़ का दुर्ग जिला सबसे आगे है. यहां अक्सर लोग ट्रैफिक रूल्स तोड़ते नजर आते हैं. यहां शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों से 10 हजार जुर्माना वसूला जाता है. बावजूद इसके लोग नियमों का उल्लंघन करते हैं. बात अगर आंकड़ों की करें तो पिछले 12 महीने में 45 हजार से अधिक लोगों ने ट्रैफिक रूल्स तोड़ा है. इस बार भी जनवरी से लेकर दिसंबर महीने तक ट्रैफिक पुलिस विभाग ने करोड़ों रुपए का जुर्माना वसूला है.
लोगों को किया जा रहा जागरूक: दुर्ग जिले में साल 2023 में दुर्ग ट्रैफिक पुलिस की ओर से करोड़ों का चालान काटा गया है. लोगों के अवेयरनेस को लेकर ट्रैफिक पुलिस लगातार काम कर रही है. फिर भी लोग सुधरना नहीं चाह रहे हैं. लोगों की लापरवाही के कारण हादसों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इस बारे में ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया कि, "अभी भी कई लोग ट्रैफिक नियम का पालन नहीं कर रहे है. कोई हेलमेट नहीं पहनता, तो कई लोग नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने से बाज नहीं आते हैं. चौक चौराहों पर प्वाइंट लगाकर लोगों को समझाइस भी दी जाती है. इसके बाद सख्ती बरतकर कार्रवाई भी की जा रही है. नाबालिग वाहन चालकों पर भी कार्रवाई की जा रही है."
एनफोर्समेंट में ट्रैफिक पुलिस काम करती है. जिले में जनवरी से लेकर दिसंबर तक 45 हजार वाहनों पर हम लोगों ने कार्रवाई की है, वहीं, एक करोड़ 65 लाख रुपए जुर्माने की वसूली की गई है. लगातार ट्रैफिक विभाग की ओर से शॉर्ट फिल्म और अन्य तरीकों से लोगों को अवेयर किया जा रहा है. ताकि आने वाले साल में लोगों को विशेष रूप से जागरूक किया जाए. लोगों को कार चलाते समय हमेशा सीट बेल्ट लगाने, बाइक चलाते समय हेलमेट लगाने का विशेष ध्यान देने की हिदायत दी गई है. इससे चालान और दुर्घटना से बचा जा सकता है. -सतीश ठाकुर, ट्रैफिक डीएसपी
बता दें कि दुर्घटना का मूल कारण नशा और खतरनाक ढंग से वाहन चलाना है. इसके लिए लोगों का जागरूक होना जरूरी है. दुर्ग में यातायात पुलिस लगातार वाहन चालकों पर कार्रवाई कर रही है. आंकड़ों पर अगर हम गौर करें तो जनवरी से लेकर अब तक 294 लोगों की सड़क हादसे में मौत हो चुकी है. पिछले साल 2022 में 323 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई थी. पिछले साल ओवर ब्रिज काम चल रहा था. अब चार ओवर ब्रिज बनकर तैयार हो चुके हैं. निश्चित रूप से इससे दुर्घटनाओं में कमी देखने को मिलेगी. पिछले साल के मुकाबले इस साल दुर्घटनाओं में कमी आई है.