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'यालको' को लौटाने होंगे निवेशकों के 55 लाख रुपये, उपभोक्ता फोरम का फैसला - durg

79 आवेदकों को उनकी मूल राशि पर प्रत्येक मामलों पर निवेशकों को मानसिक क्षति पर 10 प्रतिशत और वाद व्यय 5 प्रतिशत के ब्याज सहित कुल 55 लाख से अधिक रुपये एक महीने के भीतर देने का अहम फैसला सुनाया है.

उपभोक्ता फोरम का फैसला
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Published : May 14, 2019, 10:05 AM IST

Updated : May 14, 2019, 2:45 PM IST

दुर्ग: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतिरोपण फोरम ने ऐतिहासिक काम करते हुए एक ही दिन में 79 प्रकरणों का निराकरण कर दिया है. एक ही दिन में इतने ज्यादा प्रकरण निपटाने का मामला प्रदेश में दूसरी बार सामने आया है.

'यालको' को लौटाने होंगे निवेशकों के 55 लाख रुपये


इससे पहले प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रकरण सुलझाने का रिकॉर्ड भी दुर्ग जिला उपभोक्ता फोरम का ही है. पिछले साल चिटफंड मामले में यालको कंपनी के 228 प्रकरणों का एक ही दिन में दुर्ग जिला उपभोक्ता फोरम ने निराकरण किया था.

आवेदकों के 55 लाख रुपये लौटाने के आदेश
उपभोक्ता फोरम के सदस्यों द्वारा सुनाए गए इस फैसले को निवेशकों के लिए अहम माना जा रहा है. यालको बचत और साख सहकारी समिति मर्यादित और यालको एग्रो नाम की चिटफंड कंपनी के खिलाफ फोरम ने फैसला सुनाया है. फैसले में सभी 79 आवेदकों को उनका मूल राशि पर प्रत्येक मामलों पर निवेशकों को मानसिक क्षति पर 10 प्रतिशत और वाद व्यय 5 प्रतिशत का ब्याज सहित कुल 55 लाख से अधिक रुपये एक महीने के भीतर देने का अहम फैसला सुनाया है.

जेल में है कंपनी के दोनों मालिक
आवेदकों ने 2010 से 2015 के बीच यालको कंपनी के विभिन्न योजना के तहत निवेश किया था, जिसके बाद कंपनी ने ग्राहकों के पैसे लौटाए बिना अपना दफ्तर बंद कर फरार हो गया. जिसपर चिटफंड कंपनी चलाने के आरोप में कंपनी पर कार्रवाई की गई. जिसमें कंपनी के मालिक प्रेमलाल देवांगन और ममता किरण देवांगन को चिटफंड कंपनी एक्ट के तहत जेल भेज दिया गया है.

दुर्ग: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतिरोपण फोरम ने ऐतिहासिक काम करते हुए एक ही दिन में 79 प्रकरणों का निराकरण कर दिया है. एक ही दिन में इतने ज्यादा प्रकरण निपटाने का मामला प्रदेश में दूसरी बार सामने आया है.

'यालको' को लौटाने होंगे निवेशकों के 55 लाख रुपये


इससे पहले प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रकरण सुलझाने का रिकॉर्ड भी दुर्ग जिला उपभोक्ता फोरम का ही है. पिछले साल चिटफंड मामले में यालको कंपनी के 228 प्रकरणों का एक ही दिन में दुर्ग जिला उपभोक्ता फोरम ने निराकरण किया था.

आवेदकों के 55 लाख रुपये लौटाने के आदेश
उपभोक्ता फोरम के सदस्यों द्वारा सुनाए गए इस फैसले को निवेशकों के लिए अहम माना जा रहा है. यालको बचत और साख सहकारी समिति मर्यादित और यालको एग्रो नाम की चिटफंड कंपनी के खिलाफ फोरम ने फैसला सुनाया है. फैसले में सभी 79 आवेदकों को उनका मूल राशि पर प्रत्येक मामलों पर निवेशकों को मानसिक क्षति पर 10 प्रतिशत और वाद व्यय 5 प्रतिशत का ब्याज सहित कुल 55 लाख से अधिक रुपये एक महीने के भीतर देने का अहम फैसला सुनाया है.

जेल में है कंपनी के दोनों मालिक
आवेदकों ने 2010 से 2015 के बीच यालको कंपनी के विभिन्न योजना के तहत निवेश किया था, जिसके बाद कंपनी ने ग्राहकों के पैसे लौटाए बिना अपना दफ्तर बंद कर फरार हो गया. जिसपर चिटफंड कंपनी चलाने के आरोप में कंपनी पर कार्रवाई की गई. जिसमें कंपनी के मालिक प्रेमलाल देवांगन और ममता किरण देवांगन को चिटफंड कंपनी एक्ट के तहत जेल भेज दिया गया है.

Intro:दुर्ग जिला उपभोक्ता विवाद प्रतिरोपण फोरम ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए एक ही दिन में 79 प्रकरणों का निराकरण किया है ,एक ही दिन में इतने ज्यादा प्रकरण निराकरण का प्रदेश में यह दुसरा मामला है,,,पहला मामला सबसे ज्यादा प्रकरण सुलझाने का रिकार्ड भी दुर्ग फोरम का ही है पिछले वर्ष चिटफंड मामलो में यालको कम्पनी के ही 228 प्रकरणों का निराकरण एक ही दिन में किया गया था....Body:उपभोक्ता फोरम के सदस्यों ने यह फैसला आज सुनाया है ....इस फैसले को निवेशको के लिए अहम् माना जा रहा है जहा यालको बचत व साख सहकारी समिति मर्यादित और यालको एग्रो नाम की चिटफंड कम्पनी के खिलाफ फोरम ने फैसला सुनाया है ,,,फैसले में सभी 79 आवेदकों को उनका मूल राशि पर प्रत्येक मामलो पर निवेशको को मानसिक क्षति पर 10 प्रतिशत और वाद व्यय 5 प्रतिशत का ब्याज सहित कुल 55 लाख से अधिक रूपये एक माह के भीतर अदा करने का अहम फैसला सुनाया है...आवेदकों ने 2010 से 2015 के बीच में यालको कम्पनी के विभिन्न योजना अंतर्गत निवेश किया था जिसे कम्पनी ने बिना लौटाए ही अपना दफ्तर बंद फरार हो गए बाद में नियम विरुद्ध चिटफंड कम्पनी चलने के जुर्म में कम्पनी पर कार्यवाही की गई ...कम्पनी के मालिक प्रेमलाल देवांगन और ममता किरण देवांगन चिटफंड एक्ट के तहत जेल में निरुद्ध है...इस फैसले के आने पर आवेदकों के अधिवक्ता एम के सोनी ने इस फैसले को मिल का पत्थर साबित होना बताते हुए लगातार कई अहम् फैसले निराकरण होने से उपभोक्ताओं को ज्यादा लाभ मिलना बताया है...वही अधिवक्ता सोनी ने फोरम में अध्यक्ष के पद के रिक्त होने से कई सम्स्य्या भी उत्पन्न होने की बात भी कही है....


बाईट-एम के सोनी,अधिवक्ता,जिला न्यायालय दुर्ग

कोमेन्द्र सोनकर,दुर्गConclusion:
Last Updated : May 14, 2019, 2:45 PM IST
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