दुर्गः गर्मी के आते ही पानी की जरूरत बढ़ गई है. तालाबों के जलस्तर लगातार कम होने के से शहर के वार्डों में पानी की समस्या होने लगी है. लोगों के घरों में लगे बोर और हैंडपंप सूखने लगे हैं. वहीं शहर की अधिकांश जनता तालाबों पर निर्भर है. जिसको देखते हुए दुर्ग शहर विधायक अरुण वोरा ने खरखरा जलाशय से पानी छोड़ने की मांग की थी.
पानी की रफ्तार कम
विधायक के निर्देश पर सिंचाई विभाग ने 10 अप्रैल से 30 अप्रैल तक पानी छोड़ने का निर्णय लिया था. लेकिन लेकिन पाइप लाइन और नहरों में सफाई न होने से पानी की रफ्तार धीमी है. अब भी तालाब खाली पड़े हैं. जिले के 500 से अधिक तालाबों को भरा जाना है. दुर्ग ब्लॉक में 12 तालाबों में पानी पहुंचना भी शुरू हो गया है. करीब 72 तालाब दुर्ग केे भरे जाने हैं.
इन तालाबों में है पानी की कमी
शहर के जिन तालाबों का वाटर लेबल कम हो रहा है, उसमें शक्तिनगर, बोरसी, पोटिया, दीपक नगर, कातुलबोर्ड का प्रमुख तालाब शामिल हैं. तालाब सूखने की शिकायत शहर विधायक अरुण वोरा को निरंतर मिल रही थी. लोगों की समस्याओं को देखते हुए, विधायक ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को पानी छोड़ने के लिए सिंचाई विभाग को पत्र लिखा था.
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विधायक ने दिए थे निर्देश
विधायक की मांग पर सिचाई विभाग ने खरखरा जलाशय से पानी छोड़ा है. लेकिन पाइप लाइन और नहरों में सफाई न होने से पानी की बर्बादी हो रही है. जिसको देखते हुए विधायक अरुण वोरा ने पानी की बर्बादी को रोकने के लिए लीकेज, नहर की साफ-सफाई और मरम्मत कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने अव्यवस्था को देखते हुए निगमकर्मियों पर गुस्सा जाहिर किया है. विधायक वोरा ने निगम के अधिकारियों को नहरों और तालाबों की सफाई के लिए मॉनिटरिंग पर विशेष ध्यान देने को कहा है.
जल संकट से जल्द मिलेगी निजात
सिंचाई विभाग के कार्यपालन अभियंता एसके पांडेय ने बताया कि शिवनाथ नदी में पानी नहीं होने से पेयजल की समस्या उत्पन्न हुई है. वर्तमान में शहर की जनता की जलापूर्ति के लिए दस दिन का पानी शेष है. खरखरा जलाशय से पानी मिलने लगा है. कोरोना काल में शहरवासियों को जल्द ही पानी के संकट से निजात मिलेगी.