दुर्ग: सामूहिक दुष्कर्म मामले में दुर्ग कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया है. मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. तीन आरोपियों में दो आरोपी सुपेला थाने में पदस्थ हैं. इनमें पुलिसकर्मी सौरभ भक्ता, चंद्रप्रकाश पांडेय शामिल हैं. वहीं तीसरा आरोपी लालबहादुर शास्त्री शासकीय अस्पताल का डॉक्टर गौतम पंडित है.
5 साल बाद मिला न्याय
बता दें कि दुष्कर्म पीड़िता ने न्याय की उम्मीद छोड़कर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. पूरा मामला सुपेला के लालबहादुर शास्त्री शासकीय अस्पताल में 18 जून 2014 को देर रात इलाज कराने पहुंची थी. इस दौरान पीड़िता को नाइट ड्यूटी में पदस्थ डॉक्टर गौतम पंडित ने नशे का इंजेक्शन लगाकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. उस वक्त अस्पताल ड्यूटी में पदस्थ पुलिसकर्मी सौरभ भक्ता ने दुष्कर्म की घटना का वीडियो क्लिपिंग बना लिया था, जिसे इंटरनेट पर वायरल करने की धमकी देकर वह और चंद्रप्रकाश पांडेय ने भी पीड़ित से कई बार दुष्कर्म किया.
कराया था गर्भपात
पीड़िता के गर्भवती होने पर भक्ता ने गर्भपात कराया था, जिस पर तबीयत बिगड़ने पर पीड़िता के परिजनों को जानकारी हुई. मामले के प्रकाश में आने पर तीनों आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य मामले में अपराध पंजीबद्ध कर तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
तीनों आरोपियों के कारण की थी आत्महत्या
न्यायालय में सुनवाई के दौरान डेढ़ वर्ष बाद भी न्याय न मिलने पर हताश होने से पीड़िता ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. साथ ही उसने एक सुसाइड नोट में अपने साथ हुई न्यायालयीन प्रक्रिया का जिक्र करते हुए तीनों आरोपियों के कारण आत्महत्या करने का जिक्र किया था. गिरफ्तारी के बाद से ही तीनों आरोपी केंद्रीय जेल दुर्ग में निरुद्ध हैं.