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भिलाई गैंगरेप मामले में कोर्ट ने तीन आरोपियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा - भिलाई गैंगरेप मामला

भिलाई के सुपेला थाना क्षेत्र में 2014 में अस्पताल में एक पीड़िता के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने 3 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई

जिला सत्र न्यायालय
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Published : Nov 21, 2019, 10:06 PM IST

Updated : Nov 22, 2019, 11:31 AM IST

दुर्ग: सामूहिक दुष्कर्म मामले में दुर्ग कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया है. मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. तीन आरोपियों में दो आरोपी सुपेला थाने में पदस्थ हैं. इनमें पुलिसकर्मी सौरभ भक्ता, चंद्रप्रकाश पांडेय शामिल हैं. वहीं तीसरा आरोपी लालबहादुर शास्त्री शासकीय अस्पताल का डॉक्टर गौतम पंडित है.

भिलाई गैंगरेप मामले में कोर्ट ने तीन आरोपियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

5 साल बाद मिला न्याय
बता दें कि दुष्कर्म पीड़िता ने न्याय की उम्मीद छोड़कर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. पूरा मामला सुपेला के लालबहादुर शास्त्री शासकीय अस्पताल में 18 जून 2014 को देर रात इलाज कराने पहुंची थी. इस दौरान पीड़िता को नाइट ड्यूटी में पदस्थ डॉक्टर गौतम पंडित ने नशे का इंजेक्शन लगाकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. उस वक्त अस्पताल ड्यूटी में पदस्थ पुलिसकर्मी सौरभ भक्ता ने दुष्कर्म की घटना का वीडियो क्लिपिंग बना लिया था, जिसे इंटरनेट पर वायरल करने की धमकी देकर वह और चंद्रप्रकाश पांडेय ने भी पीड़ित से कई बार दुष्कर्म किया.

कराया था गर्भपात
पीड़िता के गर्भवती होने पर भक्ता ने गर्भपात कराया था, जिस पर तबीयत बिगड़ने पर पीड़िता के परिजनों को जानकारी हुई. मामले के प्रकाश में आने पर तीनों आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य मामले में अपराध पंजीबद्ध कर तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

तीनों आरोपियों के कारण की थी आत्महत्या
न्यायालय में सुनवाई के दौरान डेढ़ वर्ष बाद भी न्याय न मिलने पर हताश होने से पीड़िता ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. साथ ही उसने एक सुसाइड नोट में अपने साथ हुई न्यायालयीन प्रक्रिया का जिक्र करते हुए तीनों आरोपियों के कारण आत्महत्या करने का जिक्र किया था. गिरफ्तारी के बाद से ही तीनों आरोपी केंद्रीय जेल दुर्ग में निरुद्ध हैं.

दुर्ग: सामूहिक दुष्कर्म मामले में दुर्ग कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया है. मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. तीन आरोपियों में दो आरोपी सुपेला थाने में पदस्थ हैं. इनमें पुलिसकर्मी सौरभ भक्ता, चंद्रप्रकाश पांडेय शामिल हैं. वहीं तीसरा आरोपी लालबहादुर शास्त्री शासकीय अस्पताल का डॉक्टर गौतम पंडित है.

भिलाई गैंगरेप मामले में कोर्ट ने तीन आरोपियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

5 साल बाद मिला न्याय
बता दें कि दुष्कर्म पीड़िता ने न्याय की उम्मीद छोड़कर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. पूरा मामला सुपेला के लालबहादुर शास्त्री शासकीय अस्पताल में 18 जून 2014 को देर रात इलाज कराने पहुंची थी. इस दौरान पीड़िता को नाइट ड्यूटी में पदस्थ डॉक्टर गौतम पंडित ने नशे का इंजेक्शन लगाकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. उस वक्त अस्पताल ड्यूटी में पदस्थ पुलिसकर्मी सौरभ भक्ता ने दुष्कर्म की घटना का वीडियो क्लिपिंग बना लिया था, जिसे इंटरनेट पर वायरल करने की धमकी देकर वह और चंद्रप्रकाश पांडेय ने भी पीड़ित से कई बार दुष्कर्म किया.

कराया था गर्भपात
पीड़िता के गर्भवती होने पर भक्ता ने गर्भपात कराया था, जिस पर तबीयत बिगड़ने पर पीड़िता के परिजनों को जानकारी हुई. मामले के प्रकाश में आने पर तीनों आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य मामले में अपराध पंजीबद्ध कर तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

तीनों आरोपियों के कारण की थी आत्महत्या
न्यायालय में सुनवाई के दौरान डेढ़ वर्ष बाद भी न्याय न मिलने पर हताश होने से पीड़िता ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. साथ ही उसने एक सुसाइड नोट में अपने साथ हुई न्यायालयीन प्रक्रिया का जिक्र करते हुए तीनों आरोपियों के कारण आत्महत्या करने का जिक्र किया था. गिरफ्तारी के बाद से ही तीनों आरोपी केंद्रीय जेल दुर्ग में निरुद्ध हैं.

Intro:सामूहिक दुष्कर्म मामले में दुर्ग न्यायालय ने आज फैसला सुनाते हुए तीनो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है,,तीनो आरोपियों में दो आरोपी सुपेला थाना में पदस्थ पुलिस कर्मी सौरभ भक्ता, चंद्रप्रकाश पांडेय और लाल बहादुर शास्त्री शासकीय अस्पताल के डॉक्टर गौतम पंडित को दुष्कर्म के आरोपी सिद्ध होने पर सुनाई गई सज़ा ।
5 सालों के बाद सुनवाई के बाद आया फैसला ।

Body:दुष्कर्म पीड़िता ने न्याय की उम्मीद छोड़ देने पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी..
पूरा मामला सुपेला के लाल बहादुर शास्त्री शासकीय अस्पताल में 18 जून 2014 को देर रात इलाज कराने पहुंची थी पीड़िता को रात्रि कालीन ड्यूटी में पदस्थ डॉक्टर गौतम पंडित ने नशे का इंजेक्शन लगाकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था..डॉक्टर के द्वारा दी गई दुष्कर्म की घटना को उस वक्त अस्पताल ड्यूटी में पदस्थ पुलिस कर्मी सौरभ भक्ता ने देखकर वीडियो क्लिपिंग बना लिया जिसे इंटरनेट पर वायरल करने की धमकी देकर पुलिस कर्मी सौरभ भक्ता और चंद्रप्रकाश पांडेय ने भी पीड़ित से कई बार दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया..पीड़िता के गर्भवती होने पर पुलिस कर्मि सौरभ भक्ता ने गर्भपात कराया था जिसपर तबियत बिगड़ने पर पीड़िता के परिजनों को जानकारी हुई ।Conclusion:तब कही जाकर तीनो आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य मामलों के तहत मामला पंजीबद्ध कर तीनो को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया ..न्यायालय में सुनवाई के दौरान डेढ़ वर्ष बाद भी न्याय ना मिलने पर हताश होने से पीड़िता ने अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी साथ ही उसने एक सुसाइड पत्र में अपने साथ हुई न्यायालयीन प्रक्रिया का जिक्र करते हुए तीनो आरोपियों के कारण आत्महत्या करने का जिक्र किया था । गिरफ्तारी के बाद से ही तीनो आरोपी केंद्रीय जेल दुर्ग में निरुद्ध है।

बाईट :- कमलकिशोर वर्मा,अतिरिक्त शासकीय लोक अभियोजक ,जिला न्यायलय,दुर्ग
Last Updated : Nov 22, 2019, 11:31 AM IST
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