दुर्ग/भिलाई: आमतौर पर सांप का नाम सुनते और देखते ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं, लोगों में अफरातफरी मच जाती है. जहरीले सांप के काटने से लोगों की मौत भी हो जाती है. लेकिन भिलाई के इस शख्स के सामने खतरनाक से खतरनाक सांप भी फन नहीं मारता. भिलाई पावर हाउस निवासी अजय चौधरी सांप पकड़ने में माहिर हैं. अजय अब तक 70 हजार से ज्यादा सांप पकड़ चुके हैं. इनमें कई सांप ऐसे हैं जो काफी जहरीले हैं. जिनके काटने से कुछ ही मिनटों में इंसान की मौत हो जाती है.
सांप को जलता देख, संरक्षण की ठानी
अजय चौधरी ने बचपन से ही उन्होंने सांप पकड़ना शुरू कर दिया था. वह कहते हैं कि जब वह आठवीं कक्षा में थे, स्कूल से घर जाते वक्त रास्ते में कुछ लोगों ने नाली में फंसे एक सांप को जिंदा जला दिया. सांप को जिंदा जलता देख मेरा दिल पसीज गया. उसी पल मैंने सांपों के संरक्षण का फैसला किया.
सांप पकड़ने से पहले किया सांपों का अध्ययन
अजय कहते है कि सांप पकड़ने से पहले उन्होंने तमान जहरीले सांपों का अध्ययन किया. बुजुर्गों से जहरीले सांपों के बारे में जानकारियां हासिल की. उसके बाद कम जहरीले वाले सांप पकड़ना शुरू किया. इसके लिए सबसे पहले वह अपने मोहल्ले में जिसके घर सांप घुस जाता, उसे पकड़ा करते था. धीरे धीरे पूरे जिले से सांप पकड़ने के लिए फोन आने लगे. वर्तमान में हर सप्ताह 3 से 4 सांप वह पकड़ लेते हैं.
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18 हजार सांपों का डाटा तैयार
अजय की माने तो वह अब तक 70 हजार से ज्यादा सांप पकड़ चुके हैं, लेकिन बीते 10 सालों में वे जहां-जहां सांप पकड़ने गए हैं, उसका डाटा भी तैयार कर रहे हैं. उन्होंने अब तक 18 हजार सांपों का डाटा तैयार किया है. इसमें सांप के नाम के साथ-साथ कौन से क्षेत्र में सांप पकड़ा गया, इसकी एंट्री भी करते हैं.
छत्तीसगढ़ में 32 प्रजाति के सांप
छत्तीसगढ़ में 32 प्रजातियों के सांप पाए जाते हैं. इसमें मुख्य रूप से 16 प्रकार के प्रजातियों के सांप घरों के आस पास पाए जाते हैं. जबकि बाकी सांप जंगलों में देखने को मिलते हैं. छत्तीसगढ़ में जहरीले सांपों की बात की जाए तो नाग, करैत और रसल वाइपर है. इन सांपों के काटने से जहर तेजी से शरीर मे फैलता है. जिससे मौत होने की आशंका ज्यादा होती है.
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लोगों को भी करते हैं जागरूक
अजय लोगों को सांपों के सरंक्षण के लिए भी जागरूक करते हैं. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान सर्प दंश से हुई मृतकों के परिजनों को मुआवजा राशि के बारे में जानकारी भी दी. अजय कहते हैं कि सर्प दंश से यदि किसी की मौत होती है तो उसका पोस्टमार्टम जरूरी होता है. इसके बाद ही करीब 4 लाख रुपये मुआवजा राशि प्रशासन की ओर से दी जाती है.