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पैकेट में ही खराब हो रहा है मुख्यमंत्री अमृत योजना के तहत मिलने वाला सोया मिल्क

दुर्ग सरकारी स्कूलों में मुख्यमंत्री अमृत योजना के तहत पहली से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं को सोया मिल्क दिया जा रहा है. लेकिन वह पीने से पहले ही खराब हो रहा है, जिससे बीमारी का खतरा बना रहता है.

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Published : Nov 16, 2019, 12:22 PM IST

Updated : Nov 16, 2019, 3:34 PM IST

मुख्यमंत्री अमृत योजना के सोया मिल्क में ख़राबी

दुर्ग: मुख्यमंत्री अमृत योजना के तहत पहली से आठवीं क्लास तक के बच्चों को सोया मिल्क दिया जा रहा है. वो एक्सपायरी डेट से पहले ही खराब हो रहा है, जिससे बच्चों को मिलने वाले पोषण आहार पर सवाल खड़ा हो रहा है. वहीं खराब सोया मिल्क पीने से बच्चों के बीमार होने की आशंका भी बनी हुई है.

कुम्हारी स्कूल में ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां बच्चों को दिया जाने वाला सोया मिल्क एक्सपायरी डेट से पहले ही खराब होने के साथ ही बदबूदार हो रहा है. स्कूली बच्चों में कुपोषण दूर करने सरकार ने अपनी योजना के तहत कई पोषण आहार कार्यक्रम शुरू किए हैं, उन्ही में से एक है अमृत मिशन योजना. इस योजना के तहत बच्चों को सोया मिल्क पिलाया जाना है, लेकिन दुर्ग जिले में 40 फीसदी सोया मिल्क बच्चों को पिलाने से पहले ही खराब हो जा रहा है'.

मुख्यमंत्री अमृत योजना के सोया मिल्क में ख़राबी

अनहोनी का खतरा

वो तो गनीमत है कि अब तक इस तरह की कोई अनहोनी घटना सामने नहीं आई है, वहीं स्कूल में काम करने वाली रसोइया ने बताया कि ' लगातार खराब सोया मिल्क आ रहा है. जिसे पीने से बच्चों को नुकसान हो सकता है. वहीं शिक्षा विभाग ने भी सोया मिल्क बच्चों को देने से पहले सावधानी बरतनी है, इस बात का ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं'.

जिला शिक्षा अधिकारी की माने तो जिले में ये समस्या जरूर आ रही है, लेकिन सप्लायर को निर्देश देकर गुणवत्ता वाला सोया मिल्क दोबारा मांगा लिया जाएगा. वहीं जो दूध खराब हुआ है, उसे फेंक दिया जाता है. इस तरह की समस्या पैकिंग की वजह से आ रही है और भविष्य में जल्द ही इसका सुधार करने की बात भी कही है.

दुर्ग: मुख्यमंत्री अमृत योजना के तहत पहली से आठवीं क्लास तक के बच्चों को सोया मिल्क दिया जा रहा है. वो एक्सपायरी डेट से पहले ही खराब हो रहा है, जिससे बच्चों को मिलने वाले पोषण आहार पर सवाल खड़ा हो रहा है. वहीं खराब सोया मिल्क पीने से बच्चों के बीमार होने की आशंका भी बनी हुई है.

कुम्हारी स्कूल में ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां बच्चों को दिया जाने वाला सोया मिल्क एक्सपायरी डेट से पहले ही खराब होने के साथ ही बदबूदार हो रहा है. स्कूली बच्चों में कुपोषण दूर करने सरकार ने अपनी योजना के तहत कई पोषण आहार कार्यक्रम शुरू किए हैं, उन्ही में से एक है अमृत मिशन योजना. इस योजना के तहत बच्चों को सोया मिल्क पिलाया जाना है, लेकिन दुर्ग जिले में 40 फीसदी सोया मिल्क बच्चों को पिलाने से पहले ही खराब हो जा रहा है'.

मुख्यमंत्री अमृत योजना के सोया मिल्क में ख़राबी

अनहोनी का खतरा

वो तो गनीमत है कि अब तक इस तरह की कोई अनहोनी घटना सामने नहीं आई है, वहीं स्कूल में काम करने वाली रसोइया ने बताया कि ' लगातार खराब सोया मिल्क आ रहा है. जिसे पीने से बच्चों को नुकसान हो सकता है. वहीं शिक्षा विभाग ने भी सोया मिल्क बच्चों को देने से पहले सावधानी बरतनी है, इस बात का ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं'.

जिला शिक्षा अधिकारी की माने तो जिले में ये समस्या जरूर आ रही है, लेकिन सप्लायर को निर्देश देकर गुणवत्ता वाला सोया मिल्क दोबारा मांगा लिया जाएगा. वहीं जो दूध खराब हुआ है, उसे फेंक दिया जाता है. इस तरह की समस्या पैकिंग की वजह से आ रही है और भविष्य में जल्द ही इसका सुधार करने की बात भी कही है.

Intro:मुख्यमंत्री अमृत योजना के तहत कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों को दिए जाने वाले सोया मिल्क दूध एक्सपायरी डेट से पहले से खराब हो रहा है,जिससे बच्चों को मिलने वाले पोषण आहार पर सवाल खड़ा भी होने लगा है वही खराब सोया मिल्क पी जाने से अनहोनी घटना की आशंका भी बनी हुई है।



Body:कुम्हारी स्कूल में ऐसा ही मामला सामने आया जहाँ बच्चों को दिया जाने वाला सोया मिल्क एक्सपायरी डेट से पहले ही खराब व बदबूदार हो गयी..स्कूली बच्चों में कुपोषण दूर करने सरकार ने अपनी योजना के तहत कई पोषण आहार कार्यक्रम शुरू किये है उन्ही में से एक है अमृत मिशन योजना जिसमे बच्चों को सोया मिल्क पिलाया जाना है पर दुर्ग जिले में सोया मिल्क बच्चों को पिलाने से पहले 40% तक खराब हो जा रही है वही बदबूदार सोया मिल्क पीने का खतरा भी बना हुआ है। गनीमत है कि अब तक इस तरह की कोई अनहोनी घटना सामने नही आई है जिसमे खराब सोया मिल्क पीने से बच्चों को नुकसान पहुंचा हो। स्कुल के कार्य करने वाली रसोइया ने बताया कि की सोया मिल्क दूध लगातार ख़राब आ रहे है जिससे पीने से बच्चो को नुकसान हो सकता है



Conclusion:वही शिक्षा विभाग ने भी सोया मिल्क बच्चों को देने से पहले किस बात की सावधानी बरतनी है इस बात का ध्यान रखने के निर्देश दिये है। जिला शिक्षा अधिकारी की माने तो जिले में ये समस्या ज़रूर आ रही है पर सप्लायर को निर्देश देकर गुणवत्ता वाला सोया मिल्क पुनः माँगा लिया जाता है वही जो दूध खराब हुए है उसे फेक दिया जाता है। इस तरह की समस्या पेकिंग की वजह से आ रही है और भविष्य में जल्द ही इसका सुधार करने की बात भी कही है।



बाईट_सुनीता,महिला रसोइया,कुम्हारी (गले मे गमछा वाली)

बाईट_अनिता देवांगन, महिला रसोइया,कुम्हारी (लाल साड़ी वाली)

बाईट_प्रवास बघेल,जिला शिक्षा अधिकारी,दुर्ग (फूल शर्ट में)

कोमेन्द्र सोनकर, दुर्ग
Last Updated : Nov 16, 2019, 3:34 PM IST
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