दुर्ग: मुख्यमंत्री अमृत योजना के तहत पहली से आठवीं क्लास तक के बच्चों को सोया मिल्क दिया जा रहा है. वो एक्सपायरी डेट से पहले ही खराब हो रहा है, जिससे बच्चों को मिलने वाले पोषण आहार पर सवाल खड़ा हो रहा है. वहीं खराब सोया मिल्क पीने से बच्चों के बीमार होने की आशंका भी बनी हुई है.
कुम्हारी स्कूल में ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां बच्चों को दिया जाने वाला सोया मिल्क एक्सपायरी डेट से पहले ही खराब होने के साथ ही बदबूदार हो रहा है. स्कूली बच्चों में कुपोषण दूर करने सरकार ने अपनी योजना के तहत कई पोषण आहार कार्यक्रम शुरू किए हैं, उन्ही में से एक है अमृत मिशन योजना. इस योजना के तहत बच्चों को सोया मिल्क पिलाया जाना है, लेकिन दुर्ग जिले में 40 फीसदी सोया मिल्क बच्चों को पिलाने से पहले ही खराब हो जा रहा है'.
अनहोनी का खतरा
वो तो गनीमत है कि अब तक इस तरह की कोई अनहोनी घटना सामने नहीं आई है, वहीं स्कूल में काम करने वाली रसोइया ने बताया कि ' लगातार खराब सोया मिल्क आ रहा है. जिसे पीने से बच्चों को नुकसान हो सकता है. वहीं शिक्षा विभाग ने भी सोया मिल्क बच्चों को देने से पहले सावधानी बरतनी है, इस बात का ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं'.
जिला शिक्षा अधिकारी की माने तो जिले में ये समस्या जरूर आ रही है, लेकिन सप्लायर को निर्देश देकर गुणवत्ता वाला सोया मिल्क दोबारा मांगा लिया जाएगा. वहीं जो दूध खराब हुआ है, उसे फेंक दिया जाता है. इस तरह की समस्या पैकिंग की वजह से आ रही है और भविष्य में जल्द ही इसका सुधार करने की बात भी कही है.