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दुर्गः बिल नहीं जमा करने पर अस्पताल ने शव देने से किया इंकार, DGP डीएम अवस्थी बने मददगार - durg

पत्नी की मौत के बाद अस्पताल ने परिजन को 80 हजार रुपए का बिल भरने को कहा. बिल न चुकाने पर अस्पताल ने शव देने से इंकार कर दिया.

बिल नहीं जमा करने पर सेक्टर-9 अस्पताल ने शव देने से किया इंकार
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Published : Apr 29, 2019, 6:10 PM IST

Updated : Apr 29, 2019, 6:23 PM IST

दुर्गः भिलाई के सेक्टर-9 अस्पताल में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. अस्पताल प्रबंधन ने इलाज का पूरा पैसा जमा नहीं करने पर परिजन को शव देने से इंकार कर दिया. हालांकि मामले में आईजी के हस्तक्षेप के बाद परिजनों को शव मिला.

बिल नहीं जमा करने पर सेक्टर-9 अस्पताल ने शव देने से किया इंकार,

बताया जा रहा है कि शहडोल निवासी बैगा आदिवासी केशव की पत्नी 21 अप्रैल को खाना बनाते वक्त बुरी तरह से जल गई थी. शहडोल में उचित इलाज नहीं होने के कारण उसने पत्नी को भिलाई के सेक्टर-9 अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां उसकी मौत हो गई.

शव देने से किया इंकार
एक सप्ताह के इलाज के दौरान मृतक की दवाई में करीब 50 हजार रुपए खर्च हो गए. इसकी भरपाई उसने अपनी जमीन बेच कर की. पत्नी की मौत के बाद अस्पताल ने परिजन को 80 हजार रुपए का बिल भरने को कहा. बिल न चुकाने पर अस्पताल ने शव देने से इंकार कर दिया.

पुलिस ने की मदद
इसकी सूचना डीजीपी डीएम अवस्थी को मिली, जिसके बाद उन्होंने आईजी हिमांशु गुप्ता को पीड़ित की मदद के निर्देश दिए. आईजी के हस्तक्षेप के बाद परिजनों को शव मिल सका. आईजी ने शहडोल तक शव ले जाने की भी व्यवस्था कराई.

दुर्गः भिलाई के सेक्टर-9 अस्पताल में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. अस्पताल प्रबंधन ने इलाज का पूरा पैसा जमा नहीं करने पर परिजन को शव देने से इंकार कर दिया. हालांकि मामले में आईजी के हस्तक्षेप के बाद परिजनों को शव मिला.

बिल नहीं जमा करने पर सेक्टर-9 अस्पताल ने शव देने से किया इंकार,

बताया जा रहा है कि शहडोल निवासी बैगा आदिवासी केशव की पत्नी 21 अप्रैल को खाना बनाते वक्त बुरी तरह से जल गई थी. शहडोल में उचित इलाज नहीं होने के कारण उसने पत्नी को भिलाई के सेक्टर-9 अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां उसकी मौत हो गई.

शव देने से किया इंकार
एक सप्ताह के इलाज के दौरान मृतक की दवाई में करीब 50 हजार रुपए खर्च हो गए. इसकी भरपाई उसने अपनी जमीन बेच कर की. पत्नी की मौत के बाद अस्पताल ने परिजन को 80 हजार रुपए का बिल भरने को कहा. बिल न चुकाने पर अस्पताल ने शव देने से इंकार कर दिया.

पुलिस ने की मदद
इसकी सूचना डीजीपी डीएम अवस्थी को मिली, जिसके बाद उन्होंने आईजी हिमांशु गुप्ता को पीड़ित की मदद के निर्देश दिए. आईजी के हस्तक्षेप के बाद परिजनों को शव मिल सका. आईजी ने शहडोल तक शव ले जाने की भी व्यवस्था कराई.

Intro:पुलिस का एक मानवीय चेहरा आज सामने आया। शहडोल से बैगा आदिवासी अपनी पत्नी का 90 प्रतिशत जलने के बाद इलाज कराने भिलाई आया था। इलाज के दौरान उसकी पत्नी की मौत हो सेक्टर 9 अस्पताल में हो गया। पर पैसा ना होने के कारण उसकी पत्नी की लाश को सेक्टर-9 अस्पताल प्रबंधन ने देने से रोक दिया। यह जानकारी पुलिस विभाग के अधिकारियों को हुई तो, मृतक की पत्नी की लाश भी अस्पताल से दिलवाया गया, साथ ही शहडोल तक लाश ले जाने के लिए वाहन की भी व्यवस्था भी निशुल्क करवाया....Body:वीओ- दरअसल शहडोल निवासी बैगा आदिवासी केशव की पत्नी का 90 प्रतिशत 21 अप्रैल की रात को खाना बनाते समय झुलस गई थी । केशव उस दौरान मजदूरी करने गया था। घर लौटने पर उसके रिस्तेदारो से जानकारी हुई कि उसकी पत्नी को शहडोल के जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है. लेकिन वहा उचित इलाज संभव नहीं हुआ...जिसके बाद वह अपनी पत्नी का इलाज कराने भिलाई के सेक्टर-9 अस्पताल पहुंचा। एक सप्ताह के इलाज के दौरान मृतक की दवाई में 80 हजार रुपए खर्च हो गए। 80 हजार रुपए वह अपना खेत बेचकर लाया था। इलाज के दौरान पीड़ित की पत्नी ने की मौत हो गई। पर अस्पताल ने पैसा जमा करने पर ही लाश को देने की बात कही।

बाईट 1_ आदिवासी केशव ,पीड़ित

वीओ- एक आदिवासी परिवार के सदस्य की पैसे के अभाव में लाश नहीं मिलने की बात जैसे छत्तीसगढ़ पुलिस के कप्तान डीजीपी डीएम अवस्थी को एक वरिष्ठ पत्रकार द्वारा दी गई। उन्होने दुर्ग रेंज आईजी हिमांशु गुप्ता को इस मामले में पीड़ित की मदद करने के निर्देश दिए। आईजी के हस्तक्षेप के बाद लाश परिजनों को मिली। वही पत्रकार ने भी अपनी सामाजिक उतरदायित्व का परिचय दिया है । वही आईजी ने शहडोल तक पीड़ित के लाश ले जाने के लिए नि:शुल्क शव वाहन की व्यवस्था कराई ...

बाईट 2_ हिमांशु गुप्ता आईजी दुर्ग रेंज


कोमेन्द्र सोनकर,दुर्ग Conclusion:
Last Updated : Apr 29, 2019, 6:23 PM IST

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