दुर्ग: लॉकडाउन की अवधि में दुर्ग में सड़क हादसों में कमी (Reduction in road accidents in durg) आई है. लेकिन शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओ में तेजी आई है. जिसका मुख्य वजह सड़कों के चौड़ीकरण के कारण तेज रफ्तार से वाहन चलाना है.
दुर्ग जिले की ट्रैफिक व्यवस्था (Traffic system of Durg) के सुधार के लिए लगातार जागरूकता अभियान के तहत वाहन चालकों को सड़क दुर्घटनाओं से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद लोग पुलिस के बताए उपायों का पालन नहीं करते. जिसके कारण लोगों को अपनी जान भी गवानी पड़ रही है. लॉकडाउन अवधि में सड़क दुर्घटनाओं में कमी जरूर देखने की मिली है. लेकिन शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं में ज्यादातर लोगों ने सड़क हादसों में जान गंवाई है.
शहरी क्षेत्रों में ट्रैफिक पुलिस (traffic police) लगातार जागरूकता अभियान के जरिए रोजाना लोगों को नियमो का पालन करने की समझाइश देती है. चालानी कार्रवाई भी की जाती है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इसका असर कम दिखाई देता है. जिसके चलते नियमों का पालन नहीं हो पाता है. ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों का चौड़ीकरण होने से वाहन चालक लापरवाही पूर्वक तेज रफ्तार से गाड़ी चलाते हैं. इस वजह से वे हादसे का शिकार होते हैं. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनवरी से अप्रैल में सड़कों दुर्घटनाओं के आंकड़े:
बेमेतरा में सड़क हादसे में एक की मौत, दो अन्य घायल
ग्रामीण क्षेत्रो में सड़क हादसे
महीना | दुर्घटना | घायल | मौत |
जनवरी | 63 | 39 | 24 |
फरवरी | 43 | 33 | 10 |
मार्च | 47 | 34 | 13 |
अप्रैल | 04 | 03 | 01 |
ग्रामीण क्षेत्रो में सड़क हादसों की संख्या 157 रही. सड़क हादसों में घायल 109 तो वहीं सड़क हादसों में 48 लोगों ने अपनी जान गंवाई है.
शहरी क्षेत्रों में सड़क हादसे
महीना | दुर्घटना | घायल | मौत |
जनवरी | 35 | 60 | 09 |
फरवरी | 35 | 60 | 05 |
मार्च | 33 | 52 | 11 |
अप्रैल | 19 | 16 | 06 |
शहरी क्षेत्रों में सड़क हादसों की संख्या 122 रही. सड़क हादसों में घायल 188 लोग हुए. तो वहीं सड़क हादसों में 31 लोगों की मौत हुई है.
यातायात पुलिस डीएसपी गुरजीत सिंह (Traffic Police DSP Gurjit Singh) ने बताया कि लॉकडाउन अवधि में सड़क दुर्घटनाओं में कमी जरूर आई है. लेकिन शहर क्षेत्र के बजाय ग्रामीण क्षेत्रो में सड़क हादसे से मौत के आंकड़े चिंताजनक है.