दुर्ग : इस बार की राखी पर जेल में बंद भाई अपनी बहनों से राखी नहीं बंधवा पाएंगे. ऐसा इसलिए कि कोविड-19 के चलते दुर्ग जेल के बाहर एक बॉक्स बनाया गया है. उसी बॉक्स में बहनों को अपनी राखी रखकर चले जाना होगा. इसके अलावा जेल प्रशासन ने बंदियों के लिए वीडियो कॉल, वॉइस कॉल के माध्यम से परिवार वालों से बातचीत की व्यवस्था की है.
केंद्रीय जेल के बाहर रखा गया है बॉक्स, उसी में डाली जाएंगी राखियां
दुर्ग केंद्रीय जेल में हर साल राखी पर भाई की कलाई पर राखी बांधने बहनें सुबह से ही लाइनों में खड़ी हो जाती थीं. लेकिन पिछले 2 सालों से जेल में बंद भाइयों की बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी नहीं बांध पा रही हैं. कोविड-19 के बढ़ते मामले को देखते हुए जेल प्रशासन ने जेल के बाहर एक बॉक्स रख दिया है. बहनें आएं और उसी बॉक्स में राखी डालकर चली जाएं, यह नियम जेल प्रशासन ने बना दिया है.
55 महिला बंदियों ने डाक से भेज दी हैं राखियां
वहीं, जेल अधीक्षक योगेश क्षत्रिय ने बताया कि बंदी भाइयों के परिवार के साथ इस बार जेल के बाहर एक बॉक्स में नाम और पिता का नाम लिखकर राखी डालने की व्यवस्था की गई है. महिला बंदियों के लिए डाक के माध्यम से राखी परिवार को भेजने की व्यवस्था की गई है. साथ ही वॉइस कॉल और वीडियो कॉल के माध्यम से परिवार वालों से बात कराने की व्यवस्था जेल प्रशासन ने कराई है. दुर्ग केंद्रीय जेल में 55 महिला बंदी हैं, जो अपने भाइयों के लिए राखी भेज चुकी हैं.