दुर्ग: पाटन विधानसभा क्षेत्र के खुड़मुड़ा हत्याकांड का केस अभी सुलझा भी नहीं है. एक और केस सामने आ गया है. इस केस में एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत की खबर ने पूरे प्रदेश के लोगों को सकते में ला दिया है. गायकवाड़ परिवार के 5 लोगों की हत्या के बाद दुर्ग पुलिस अब सकते में आ गई है. घटना के बाद दुर्ग रेंज के आईजी विवेकानंद सिन्हा, पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर मौके पर पहुंचे हैं. उन्होंने घटनास्थल की बारीकी से मुआयना कर इस बात की पुष्टि की है कि गायकवाड़ परिवार के मुखिया राम बृज की पत्नी जानकी बाई और उसकी दोनों बेटियां ज्योति और दुर्गा की हत्या कर उसके शव को पैरावट में ले जाकर जला दिया गया है. इसके बाद बेटे की हत्या कर घर के मुखिया ने स्वयं फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है.
आर्थिक तंगी के कारण वारदात को अंजाम !
दुर्ग रेंज के आईजी विवेकानंद सिन्हा शनिवार रात 8 बजे के करीब घटना स्थल पहुंचे. जहां घटना स्थल का जायजा लेने के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस को छानबीन के दौरान घर से एक सुसाइड नोट मिला है. जिसके आधार पर दावा किया जा सकता है कि इस वारदात को आर्थिक तंगी की वजह से अंजाम दिया गया है.
खुड़मुड़ा हत्याकांड: जांच के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ डीके सतपथी पहुंचे घटनास्थल
मौके पर पहुंचे सांसद बघेल
बठेना गांव में हुई इस घटना की सूचना पर दुर्ग सांसद विजय बघेल भी घटनास्थल पहुंचकर मौके का जायजा लिया. सांसद ने पुलिस अधिकारियों को बारीकी से तफ्तीश करने को कहा है. सांसद विजय बघेल ने इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि गायकवाड़ परिवार की हत्या के मामले को पुलिस जब सुसाइड बता रही है तो प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा किसानों के हितों की सरकार बताना हास्यास्पद है. आर्थिक तंगी से यदि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में कोई किसान परिवार आत्महत्या कर रहा है. इसका मतलब साफ है कि किसानों को सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है.
10 एकड़ खेत का मालिक था राम बृज
दुर्ग सांसद विजय बघेल ने पूरे घटनाक्रम को लेकर कहा कि जो 10 एकड़ खेत का मालिक हो वो आत्महत्या क्यों करेगा? खुड़मुड़ा में भी दो महीने पहले हुई किसान परिवार के चार लोगों की मौत सरकार के निकम्मेपन का ही नतीजा है. सांसद ने कहा कि वे जिले के सांसद होने के नाते मुख्यमंत्री से इसपर इस्तीफा देने की मांग करते हैं.
दुर्ग: एक ही परिवार के पांच लोगों की संदिग्ध मौत से सनसनी
दोपहर को मिली सूचना
पुलिस को इस घटना के बारे में करीब 3 बजे सूचना मिली थी. इसके बाद आनन-फानन में पाटन थानेदार अपनी टीम के साथ पहुंचे. एक साथ 5 लोगों की मौत के बाद पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया. क्योंकि खुड़मुड़ा हत्याकांड के आरोपी अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं.
विधानसभा में भी उठा है किसान आत्महत्या का मुद्दा
किसानों की आत्महत्या का मुद्दा छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में भी गूंज चुका है. 26 फरवरी को कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने विधानसभा में बताया था कि राज्य में पिछले 10 महीने में 141 किसानों ने आत्महत्या की है. मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा और मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से वॉकआउट भी किया था.