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दुर्ग: गैस की किल्लत, सिलेंडर होने के बावजूद लकड़ी-कंडे पर खाना बनाने को मजबूर हैं उपभोक्ता

दुर्ग में भारत गैस की 10 एजेंसी है, जिससे 70 हजार कनेक्शन की आपूर्ति होती है, लेकिन पिछले 15 से 20 दिनों से आपूर्ति ठप होने के कारण उपभोक्ताओं को सुबह से लंबी कतारें लगानी पड़ रही है. बावजूद इसके गैस की रीफिलिंग नहीं हो पा रही है.

गैस के लिए भटक रहे उपभोक्ता
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Published : Sep 24, 2019, 8:02 PM IST

Updated : Sep 25, 2019, 3:09 PM IST

दुर्ग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले कार्यकाल में घरेलू महिलाओं की सेहत को ध्यान में रखकर उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी. जिसे प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना कहा जा रहा था, पर अब उनकी यह योजना पूरी तरह से फेल होती नजर आ रही है. भारत गैस के उपभोक्ताओं को को सिलेंडर रीफिलिंग लिए भटकना पड़ रहा है. दुर्ग जिले में आए दिन गैस एजेंसी में उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

गैस के लिए भटक रहे उपभोक्ता

उज्ज्वला योजना के तहत गरीब लोगों को कनेक्शन बांटा गया था, पर अब इनके सामने गैस नहीं मिलने से फिर से लकड़ी पर खाना बनाने की नौबत आ गई है.

नहीं हो रही गैस की रीफिलिंग
दुर्ग जिले में भारत गैस की 10 एजेंसी है, जिससे 70 हजार परिवारों को गैस की आपूर्ति होती है, लेकिन पिछले 15 से 20 दिनों से आपूर्ति ठप्प होने से उपभोक्ताओं की सुबह से लंबी कतारें लगानी पड़ रही है.

पढ़ें- इस आश्रम में 44 बेड पर सोते हैं 87 बच्चे, 75 छात्रों पर एक शिक्षक

मजबूरी में जलाना पड़ रहा है लकड़ी
शहर में ऐसी स्थिति हो गई है कि उन्हें मजबूरी में चूल्हा जलाना पड़ रहा है और चूल्हे के लिए लकड़ी और मिट्टी तेल भी बमुश्किल उपलब्ध होता है. ऐसे में अपने परिवार के लिए दो वक्त का खाना बनाना भी उनके लिए समस्या बनी हुई है.

महिलाओं का कहना है कि इस बात की शिकायत जनप्रतिनिधियों से भी की जा रही है. लेकिन अभी तक हल नहीं निकला है. अब वे लोग भारत गैस एजेंसी का मुख्यालय के सामने प्रदर्शन करने का मन बना रहे हैं.
इधर, खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, 'बीते कुछ दिनों से सप्लाई में दिक्कतों की जानकारी आई है. जिस पर उन्होंने कंपनी को नोटिस दिया है.'

दुर्ग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले कार्यकाल में घरेलू महिलाओं की सेहत को ध्यान में रखकर उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी. जिसे प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना कहा जा रहा था, पर अब उनकी यह योजना पूरी तरह से फेल होती नजर आ रही है. भारत गैस के उपभोक्ताओं को को सिलेंडर रीफिलिंग लिए भटकना पड़ रहा है. दुर्ग जिले में आए दिन गैस एजेंसी में उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

गैस के लिए भटक रहे उपभोक्ता

उज्ज्वला योजना के तहत गरीब लोगों को कनेक्शन बांटा गया था, पर अब इनके सामने गैस नहीं मिलने से फिर से लकड़ी पर खाना बनाने की नौबत आ गई है.

नहीं हो रही गैस की रीफिलिंग
दुर्ग जिले में भारत गैस की 10 एजेंसी है, जिससे 70 हजार परिवारों को गैस की आपूर्ति होती है, लेकिन पिछले 15 से 20 दिनों से आपूर्ति ठप्प होने से उपभोक्ताओं की सुबह से लंबी कतारें लगानी पड़ रही है.

पढ़ें- इस आश्रम में 44 बेड पर सोते हैं 87 बच्चे, 75 छात्रों पर एक शिक्षक

मजबूरी में जलाना पड़ रहा है लकड़ी
शहर में ऐसी स्थिति हो गई है कि उन्हें मजबूरी में चूल्हा जलाना पड़ रहा है और चूल्हे के लिए लकड़ी और मिट्टी तेल भी बमुश्किल उपलब्ध होता है. ऐसे में अपने परिवार के लिए दो वक्त का खाना बनाना भी उनके लिए समस्या बनी हुई है.

महिलाओं का कहना है कि इस बात की शिकायत जनप्रतिनिधियों से भी की जा रही है. लेकिन अभी तक हल नहीं निकला है. अब वे लोग भारत गैस एजेंसी का मुख्यालय के सामने प्रदर्शन करने का मन बना रहे हैं.
इधर, खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, 'बीते कुछ दिनों से सप्लाई में दिक्कतों की जानकारी आई है. जिस पर उन्होंने कंपनी को नोटिस दिया है.'

Intro:देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले कार्यकाल में घरेलू महिलाओं की सेहत को ध्यान में रखकर उज्ज्वला योजना शुरू की थी जिसे प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना कहा जा रहा था पर अब उनकी यह योजना पूरे विफल होती नजर आ रही है भारत गैस के कनेक्शनधारियो को अब सिलेंडर के लिए भटकना पड़ रहा है। दुर्ग जिले में भी आये दिन गैस एजेंसी में उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
Body:उज्ज्वला योजना जिसे प्रधानमंत्री ने महिलाओं को समर्पित कर कहा था कि जब माता बहने अपने घरों में चूल्हा फूंक कर खाना बनाती है तो फेफड़ो में भरने वाले धुंए से कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है इसीलिए उज्ज्वला योजना के तहत उन सभी गरीब तबके के लोगो को कनेक्शन बांटा गया था पर अब इनके सामने गैस नही मिलने से चूल्हा जलाने की नौबत आ रही है। Conclusion:दुर्ग जिले में भारत गैस की 10 एजेंसी है जिनमे 70 हजार कनेक्शन की आपूर्ति होती है पर पिछले 15 से 20 दिनों से आपूर्ति ठप्प पड़ने से उपभोक्ताओं की सुबह से लंबी कतारे लगी रहती है बावजूद उनके गैस की रिफिलिंग नही हो पा रही है। स्थितियां यह निर्मित हो गयी है कि उन्हें मजबूरी में चूल्हा जलाना पड़ रहा है पर चूल्हे के लिए लकड़ी और मिट्टी तेल भी बमुश्किल उपलब्ध है ऐसे में अपने परिवार के लिये 2 वक्त का खाना बनाना उनके लिए समस्या बनी हुई है। महिलाओं का कहना है कि इस बात की शिकायत अपने जनप्रतिनिधियों से भी किया जाएगा और उससे भी हल नही निकला तो भारत गैस एजेंसी के हेड क्वाटर घेराव किया जायेग। वही खाद्य विभाग के अधिकारी का इस बारे में कहना था कि बीते कुछ दिनों से सप्लाई की दिक्कतों के बारे में जानकारी आई है जिस पर उन्होंने कंपनी को नोटिस दिया है वही जो स्थितियां है उसे जल्द ही नियंत्रित कर लिया जाएगा।

बाईट 1:-मीना देवांगन, ग्राहक (औरेंज साड़ी में)
बाईट 2:- सत्तोबाई सिन्हा, ग्राहक (हरा साड़ी में)
बाईट 3:- भूपेंद्र मिश्रा ,खाद्य नियंत्रक, दुर्ग (सफेद शर्ट में)

कोमेन्द्र सोनकर,दुर्ग
Last Updated : Sep 25, 2019, 3:09 PM IST
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