दुर्ग: कामधेनु विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के मामले में मंत्री रविन्द्र चौबे से शिकायत की गई थी. इसके बाद मंत्री ने मामले में जांच के आदेश दिए थे, लेकिन विश्वविद्यालय ने अब तक कोई कार्रवाई करने के निर्देश नहीं दिए हैं.
बता दें कि विश्वविद्यालय को बिलासपुर और दुर्ग में 29 करोड़ के निर्माण कार्यों के लिए राशि स्वीकृति की गई थी, जिसमें टेंडर प्रक्रिया से निर्माण कार्यो में गड़बड़ी का आरोप भी लगाया गया था. साथ ही शिकायतकर्ता ने सूचना के अधिकार के माध्यम से कई दस्तावेज प्राप्त कर शिकायत की थी, लेकिन 16 माह बीत जाने के बाद भी दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
चहेते ठेकेदारों का बिल पास करने का आरोप
दुर्ग में 4 और बिलासपुर में 3 ठेकेदारों ने यह कार्य किया है. यह पूरा निर्माण विश्वविद्यालय की निर्माण शाखा की देखरेख में चल रहा है. यहां पदस्थ सब इंजीनियर हिमालय थवानी पर नियम विरुद्ध तरीके से अपने चहेते ठेकेदारों का बिल पास कर दिए जाने का आरोप है, तो वहीं कुछ ठेकेदारों का बिल कई-कई महीने जानबूझकर रोक कर रखा. विश्वविद्यालय प्रबंधन ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है, उन्होंने इसकी शिकायत वर्तमान सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री से भी की है.
दोषियों पर उचित कार्रवाई की आस
मामले में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीके मरकाम का कहना था कि पूर्व में भी शिकायत प्राप्त हुई है और इसमें उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर शासन को रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है. वहीं वर्तमान में जिस तरह से मंत्री जी का बयान आया है, तो निश्चिततौर पर जांच कर दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी.