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कामधेनु विवि के बिल्डिंग निर्माण में करोड़ों का भ्रष्टाचार, कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति

कामधेनु विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य के लिए लिए 29 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृति की गई थी, लेकिन वो राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई.

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Published : Oct 2, 2019, 3:02 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 3:11 PM IST

बिल्डिंग निर्माण में करोड़ों का भ्रष्टाचार

दुर्ग: कामधेनु विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के मामले में मंत्री रविन्द्र चौबे से शिकायत की गई थी. इसके बाद मंत्री ने मामले में जांच के आदेश दिए थे, लेकिन विश्वविद्यालय ने अब तक कोई कार्रवाई करने के निर्देश नहीं दिए हैं.

बिल्डिंग निर्माण में करोड़ों का भ्रष्टाचार

बता दें कि विश्वविद्यालय को बिलासपुर और दुर्ग में 29 करोड़ के निर्माण कार्यों के लिए राशि स्वीकृति की गई थी, जिसमें टेंडर प्रक्रिया से निर्माण कार्यो में गड़बड़ी का आरोप भी लगाया गया था. साथ ही शिकायतकर्ता ने सूचना के अधिकार के माध्यम से कई दस्तावेज प्राप्त कर शिकायत की थी, लेकिन 16 माह बीत जाने के बाद भी दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

चहेते ठेकेदारों का बिल पास करने का आरोप
दुर्ग में 4 और बिलासपुर में 3 ठेकेदारों ने यह कार्य किया है. यह पूरा निर्माण विश्वविद्यालय की निर्माण शाखा की देखरेख में चल रहा है. यहां पदस्थ सब इंजीनियर हिमालय थवानी पर नियम विरुद्ध तरीके से अपने चहेते ठेकेदारों का बिल पास कर दिए जाने का आरोप है, तो वहीं कुछ ठेकेदारों का बिल कई-कई महीने जानबूझकर रोक कर रखा. विश्वविद्यालय प्रबंधन ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है, उन्होंने इसकी शिकायत वर्तमान सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री से भी की है.

दोषियों पर उचित कार्रवाई की आस
मामले में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीके मरकाम का कहना था कि पूर्व में भी शिकायत प्राप्त हुई है और इसमें उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर शासन को रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है. वहीं वर्तमान में जिस तरह से मंत्री जी का बयान आया है, तो निश्चिततौर पर जांच कर दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी.

दुर्ग: कामधेनु विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के मामले में मंत्री रविन्द्र चौबे से शिकायत की गई थी. इसके बाद मंत्री ने मामले में जांच के आदेश दिए थे, लेकिन विश्वविद्यालय ने अब तक कोई कार्रवाई करने के निर्देश नहीं दिए हैं.

बिल्डिंग निर्माण में करोड़ों का भ्रष्टाचार

बता दें कि विश्वविद्यालय को बिलासपुर और दुर्ग में 29 करोड़ के निर्माण कार्यों के लिए राशि स्वीकृति की गई थी, जिसमें टेंडर प्रक्रिया से निर्माण कार्यो में गड़बड़ी का आरोप भी लगाया गया था. साथ ही शिकायतकर्ता ने सूचना के अधिकार के माध्यम से कई दस्तावेज प्राप्त कर शिकायत की थी, लेकिन 16 माह बीत जाने के बाद भी दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

चहेते ठेकेदारों का बिल पास करने का आरोप
दुर्ग में 4 और बिलासपुर में 3 ठेकेदारों ने यह कार्य किया है. यह पूरा निर्माण विश्वविद्यालय की निर्माण शाखा की देखरेख में चल रहा है. यहां पदस्थ सब इंजीनियर हिमालय थवानी पर नियम विरुद्ध तरीके से अपने चहेते ठेकेदारों का बिल पास कर दिए जाने का आरोप है, तो वहीं कुछ ठेकेदारों का बिल कई-कई महीने जानबूझकर रोक कर रखा. विश्वविद्यालय प्रबंधन ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है, उन्होंने इसकी शिकायत वर्तमान सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री से भी की है.

दोषियों पर उचित कार्रवाई की आस
मामले में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीके मरकाम का कहना था कि पूर्व में भी शिकायत प्राप्त हुई है और इसमें उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर शासन को रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है. वहीं वर्तमान में जिस तरह से मंत्री जी का बयान आया है, तो निश्चिततौर पर जांच कर दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी.

Intro:कामधेनु विश्वविद्यालय में निर्माण कार्यो में भ्रष्टाचार के मामले की शिकायत होने के बाद मंत्री रविन्द्र चौबे ने जाँच के आदेश दिए थे जिसके बाद विश्वविद्यालय के द्वारा अब तक कोई कार्यवाही करने के निर्देश नही दिए गए है विश्विद्यालय में पदस्थ कुलपति और रजिष्ट्रार की माने तो शिकायत के पर पूर्व में जाँच तो हुयी है पर वर्तमान में मंत्री जी के द्वारा भी जाँच के बाद कार्यवाही की बात कही गयी है जो मिडिया के माध्यम से ज्ञात हुआ था पर अब तक कोई आदेश मंत्रालय से प्राप्त नही हुआ है वही इस बारे में पत्र प्राप्त होते ही जाँच के बाद कार्यवाही की जावेगी ...

Body:कामधेनु विश्वविद्यालय द्वारा बिलासपुर और दुर्ग में 29 करोड़ के निर्माण कार्यो की स्वीकृति प्राप्त हुयी थी जिसमे टेंडर प्रक्रिया से निर्माण कार्यो में गड़बड़ी का आरोप भी लगाया गया था ...कांग्रेस नेता व प्रार्थी विनोद तिवारी द्वारा भी सुचना के अधिकार के माध्यम से कई दस्तावेज प्राप्त कर शिकायत की गयी पर उनका कहना है कि जाँच हो जाने के बाद भी दोषियों पर 16 माह बीतने जाने बाद अभी तक कोई कार्यवाही नही की गयी है.....दुर्ग में 4 और बिलासपुर में 3 ठेकेदारों द्वारा यह कार्य किया जा रहा है. यह पूरा निर्माण विश्वविद्यालय की निर्माण शाखा की देखरेख में चल रहा है....यहां पदस्थ सब इंजीनियर हिमालय थवानी पर नियम विरुद्ध तरीके से अपने चहेते ठेकेदारों का बिल पास कर दिये जाने का आरोप है तो वहीं कुछ ठेकेदारों का बिल कई-कई महीने जानबूझकर रोक कर रखा ...विश्वविद्यालय प्रबंधन ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है, उन्होंने इसकी शिकायत वर्तमान सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री से भी की है ..

Conclusion:भाजपा शासन काल में हुए इस भ्रष्टाचार के दोषियों को वर्तमन सरकार में कार्यवाही कर उनकी असली जगह जेल तक पहुँचाया जायेगा ..वही मामले में विश्वविद्यालय के रजिष्ट्रार पी के मरकाम का कहना था कि पूर्व में भी शिकायत प्राप्त हुयी है और इसमें उच्च स्तरीय जाँच समिति गठित कर शासन को रिपोर्ट सौपी जा चुकी है वही वर्तमान में जिस तरह से मंत्री जी का बयान आया है तो निश्चित तौर पर जाँच कर दोषियों पर उचित कार्यवाही की जावेगी ....

बाईट_पी.के.मरकाम,रजिस्ट्रार,कामधेनु विश्वविद्यालय,दुर्ग (सफ़ेद शर्ट में)

बाईट_विनोद तिवारी,कांग्रेस नेता व शिकायतकर्ता (चेक शर्ट में)

कोमेन्द्र सोनकर,दुर्ग
Last Updated : Oct 2, 2019, 3:11 PM IST
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