दुर्ग: क्राइम ब्रांच और साइबर क्राइम यूनिट ने ऑनलाइन ठगी के मामले का खुलासा किया है. केस में प्रार्थी का दोस्त ही आरोपी निकला है. जिसे पुलिस गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने अपने दोस्त का मोबाइल मांगा और चुपके से उसमें गूगल पे एकाउंट डाउनलोड कर ठगी किया और चोरी के रुपए से मोबाइल खरीदा और ऑनलाइन गेम में रुपए उड़ा दिए. सुरडुंग निवासी धनेश्वर राम साइबर टीम ने जांच कर आरोपी को पकड़ा. साहू अपने एसबीआइ बैंक के खाते से 46 हजार पांच सौ रुपए गायब होने की शिकायत जामुल थाना में की.
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ऐसे होती आनलाइन ठगी: साइबर ठग उपभोक्ता नंबर के बजाय उपभोक्ता का मोबाइल नंबर मांगते हैं और भुगतान संबंधी जानकारी देने की बात कहते हैं. साथ ही ये प्ले स्टोर में जाकर किसी एप को डाउनलोड करने को कहते हैं, जिससे उपभोक्ता धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं. उपभोक्ताओं से आग्रह किया गया है कि बिजली संबंधी सभी भुगतान विद्युत वितरण कंपनी के काउंटरों, एटीपी सेंटरों, मोर बिजली ऐप, कंपनी की वेबसाइट अथवा सीएससी या पे-पाइंट के अधिकृत आउटलेट्स पर ही करें. इसके अलावा किसी दूसरे माध्यम से किसी भी तरह की राशि का भुगतान न करें. छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा बिजली उपभोक्ताओं को सूचनार्थ भेजे जाने वाले अधिकृत एसएमएस हमेशा सीएसपीडीसीएल सेन्डर आईडी के साथ भेजे जाते हैं.
इसके अलावा कंपनी ने अपने सभी उपभोक्ताओं को ऐसे किसी भी अनाधिकृत एसएमएस को नजर अंदाज करने की सलाह दी है. कंपनी की टोल फ्री नंबर 1912 पर संपर्क कर अपने संदेह का समाधान कर सकते हैं.
सबसे पहले मोबाइल खरीदा: गुगल पे एकाउंट डाउनलोड होते ही विक्की ने एक नया मोबाइल खरीदा. उसका ऑनलाइन भुगतान किया. कई बार उसने धनेश्वर का मोबाइल लेकर अपने दोस्तों के बैंक खाते में ऑनलाइन रकम ट्रांसफर किया. आरोपी विक्की की निशानदेही पर ठगी की रकम से खरीदा गया. मोबाइल फोन बरामद किया गया. ठगी से प्राप्त शेष रकम को पबजी ऑनलाइन गेम खेलने में खर्च होना बताया गया. साइबर क्राइम यूनिट ने आरोपी विक्की को गिरफ्तार कर कार्रवाई के लिए जामुल थाने के सुपूर्द कर दिया है.