दुर्ग: एशिया के सबसे बड़े भिलाई इस्पात सयंत्र (Bhilai Steel Plant) से निकलने वाले गंदे और केमिकल युक्त पानी (chemical water) किसानों के लिए मुसीबत का कारण (trouble for farmers) बन गया है. बीएसपी (BSP) द्वारा मशीनरी और अन्य केमिकल विभागों से निकलने वाले दूषित पानी को नाले में छोड़ा जाता है. यह पानी कई गांवों से होकर गुजरता है. किसानों के खेतों में अब इस पानी का असर देखने को मिल रहा है. इस संबंध में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ( Collector Dr. Sarveshwar Narendra Bhure) ने प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए हैं.
बिजली की कटौती से मुसीबत में किसान
दुर्ग जिले में कमजोर बारीश से किसान सूखे की मार झेल रहे हैं. वहीं कुछ दिनों से बिजली के बढ़ती खपत के चलते बिजली विभाग (electricity department) ने भी कटौती शुरू कर दी है. जिससे किसान अपने पम्पों से भी सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं. इन सबके बीच सोमनी, गनियारी, सिरसा गांव के किसानों ने बीएसपी प्रबंधन (BSP Management) के खिलाफ कलेक्टर दुर्ग को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें कहा गया है कि नाले में आ रहे गंदे पानी के कारण फसलें खराब हो रही हैं. जल्द से जल्द इसका निराकरण किया जाए.
लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश
इस शिकायत के बाद दुर्ग कलेक्टर ने एसडीएम और अन्य अधिकारियों से विस्तार से स्थिति की जानकारी ली. पर्यावरण विभाग के अधिकारियों को जांचकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने और लापरवाही पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये हैं. औद्योगिक प्रदूषण अधिनियम (Industrial Pollution Act) के तहत फैक्ट्री या संयंत्र को अपने गंदे या केमिकल युक्त पानी का निपटारा स्वयं करना होता है. लेकिन खुले में इसे छोड़कर भिलाई इस्पात संयंत्र किसानों के लिए मुसीबत खड़ा कर रहा है.
क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी डॉ. अनीता सावंत (Regional Environment Officer Dr. Anita Sawant) ने बताया कि, इससे पहले भी बीएसपी को नोटिस दिया गया था, लेकिन किसानों की शिकायतों के बाद नाले के गंदे पानी का सैंपल लिया गया है. जांच रिपोर्ट जल्द ही कलेक्टर को सौंपी जाएगी. लापरवाही पाए जाने पर प्लांट के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.