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Bhilai News: रुपये जमा नहीं किया तो डॉक्टरों ने वेंटिलेटर से नवजात को हटाया, तड़प तड़प कर मौत

भिलाई के शंकरा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने एक नवजात की हत्या कर दी. गरीब घरवाले नवजात का इलाज का खर्च अस्पताल में जमा नहीं कर सके. जिसके बाद अगले ही पल डॉक्टरों ने नवजात को वेंटिलेटर से हटा दिया. कुछ ही देर में नवजात की मौत हो गई. bhilai Shankara Medical College Hospital

new born baby death
नवजात की मौत
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Published : May 7, 2023, 2:22 PM IST

भिलाई: छत्तीसगढ़ के भिलाई से इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. यहां डॉक्टरों की अमानवीयता के कारण एक नवजात ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया. चंद रुपयों की खातिर जुनवानी स्थित शंकरा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने बच्चे को वैंटिलेटर से हटा दिया, जिसके कारण नवजात का कुछ ही घंटों में दम घुटने लगा और उसने दम तोड़ दिया.

जन्म के बाद ही मां की हो गई मौत: बच्चे के जन्म के बाद ही मां की मौत हो गई थी. बच्चे को भी सांस लेने में दिक्कतें हो रही थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने नवजात को वेंटिलेटर पर रखा था. नवजात के इलाज के लिए परिजनों के पास न तो पैसा था ना ही आयुष्मान कार्ड. डॉक्टरों ने कार्ड न होने पर 10 हजार रुपया जमा करने की बात परिजनों से कही. परिजनों ने कहा कि उनके पास पैसा नहीं है. ये सुनकर डॉक्टरों ने नवजात को वेंटिलेटर से हटा दिया.

कुछ ही घंटे बाद नवजात की हुई मौत: वैंटिलेटर से हटाकर नवजात को डॉक्टरों ने उसके परिजनों की गोद में लाकर दे दिया. जिसके कुछ ही घंटे बाद बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और उसने दम तोड़ दिया.

यह भी पढ़ें: GPM : गले में फंसा था सिक्का, सूझबूझ से डॉक्टरों ने बचाई जान

सुपेला पुलिस कर रही मामले की जांच: नवजात के मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने पूरे मामले की जानकारी स्मृति नगर चौकी में दी. जिसके बाद एक एएसआई ने आकर मामले की जांच शुरू की. पुलिस ने परिजनों का बयान लिया है. बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए सुपेला अस्पताल भेजा गया है.

अस्पताल के डीन ने आरोपों को नकारा: पूरे मामले में कॉलेज प्रबंधन ने पहले तो मामला दबाने का प्रयास किया. जब परिजनों ने मामले की शिकायत पुलिस में की, तो सच्चाई सामने आई. अपनी सच्चाई छिपाने के लिए डॉक्टरों ने मीडिया कवरेज पर भी रोक लगाने की कोशिश की. इधर, मेडिकल कॉलेज के डीन ने परिजनों के आरोपों को नकार दिया है.

भिलाई: छत्तीसगढ़ के भिलाई से इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. यहां डॉक्टरों की अमानवीयता के कारण एक नवजात ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया. चंद रुपयों की खातिर जुनवानी स्थित शंकरा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने बच्चे को वैंटिलेटर से हटा दिया, जिसके कारण नवजात का कुछ ही घंटों में दम घुटने लगा और उसने दम तोड़ दिया.

जन्म के बाद ही मां की हो गई मौत: बच्चे के जन्म के बाद ही मां की मौत हो गई थी. बच्चे को भी सांस लेने में दिक्कतें हो रही थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने नवजात को वेंटिलेटर पर रखा था. नवजात के इलाज के लिए परिजनों के पास न तो पैसा था ना ही आयुष्मान कार्ड. डॉक्टरों ने कार्ड न होने पर 10 हजार रुपया जमा करने की बात परिजनों से कही. परिजनों ने कहा कि उनके पास पैसा नहीं है. ये सुनकर डॉक्टरों ने नवजात को वेंटिलेटर से हटा दिया.

कुछ ही घंटे बाद नवजात की हुई मौत: वैंटिलेटर से हटाकर नवजात को डॉक्टरों ने उसके परिजनों की गोद में लाकर दे दिया. जिसके कुछ ही घंटे बाद बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और उसने दम तोड़ दिया.

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सुपेला पुलिस कर रही मामले की जांच: नवजात के मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने पूरे मामले की जानकारी स्मृति नगर चौकी में दी. जिसके बाद एक एएसआई ने आकर मामले की जांच शुरू की. पुलिस ने परिजनों का बयान लिया है. बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए सुपेला अस्पताल भेजा गया है.

अस्पताल के डीन ने आरोपों को नकारा: पूरे मामले में कॉलेज प्रबंधन ने पहले तो मामला दबाने का प्रयास किया. जब परिजनों ने मामले की शिकायत पुलिस में की, तो सच्चाई सामने आई. अपनी सच्चाई छिपाने के लिए डॉक्टरों ने मीडिया कवरेज पर भी रोक लगाने की कोशिश की. इधर, मेडिकल कॉलेज के डीन ने परिजनों के आरोपों को नकार दिया है.

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