दुर्ग: पॉलिटेक्निक वेटनरी की पढ़ाई करके डिप्लोमा हासिल करने वाले युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं. सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी पदों के लिए संविदा के तहत भर्तियां होनी थी, जो फिलहाल लंबित है. ऐसे में युवाओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर संविदा नियुक्ति के तहत सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के रिक्त पदों को जल्द भर्ती करने की मांग की है. पशु चिकित्सा में डिप्लोमा ले चुकी छात्राओं ने बताया कि जिले में साल 2012 से 2020 तक सहायक पशु चिकित्सक की एक भी भर्ती नहीं हुई है.
26 मई 2020 को कृषि विकास मंत्रालय की ओर से पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ और सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के पदों पर संविदा नियुक्ति के लिए सभी जिलों के कलेक्टरों को आदेश दिया था. जारी आदेश के अनुसार उपरोक्त पदों पर जिले में डीएमएफ और सीएसआर फंड से नियुक्ति होनी थी. लेकिन जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण पूरी प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई है. इन पदों को भरने के लिए बेरोजगार युवाओं ने प्रशासन से मांग की है.
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पशु हितैषी है भूपेश सरकार
छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार नरवा, गरवा, घुरवा और बारी जैसी योजनाएं चला रही है. इसके तहत गौठान के निर्माण हुए हैं. फसलों को बचाने के लिए रोका-छेका जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं. किसानों और पशु पालकों में पशु मोह बढ़ाने के लिहाज से गोधन न्याय योजना भी चलाई जा रही है. ऐसी पहली सरकार जो 2 रुपए किलोग्राम में गोबर खरीद रही है. लेकिन पशुओं के स्वास्थ्य और संरक्षण की ओर ध्यान देने की जरूरत है.
गौठानों में हुई मवेशियों की मौत
प्रदेश के विभिन्न जिलों के गौठानों ने मवेशियों की मौत हुई है. कई जिलों में पशु चिकित्सालय के हालात खराब हैं. कई गौठानों में पशुओं को रखने की व्यवस्था ठीक नहीं है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गृह जिले में 7 वर्षों से पशु चिकित्सालय में चिकित्सकों की भर्ती नहीं हो पा रही है. जो चिंता विषय है.