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Ram Janmabhoomi Ayodhya: भिलाई स्टील प्लांट के लोहे से अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण

अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के मंदिर (Construction of Ram temple in Ayodhya) के लिए भिलाई स्टील प्लांट से लोहा भेजा जा रहा है. बीएसपी के लोहे से अयोध्या में भगवान राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है.

Bhilai Steel Plant Iron used in Ram Mandir of Ayodhya
भिलाई स्टील प्लांट के लोहे से अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण
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Published : May 11, 2022, 8:29 PM IST

दुर्ग: अयोध्या में भगवान राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. इस मंदिर से देश-दुनिया के करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है. राम मंदिर के निर्माण के लिए भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट से लोहे की सप्लाई हो रही है. अब तक अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 190 टन टीएमटी स्टील भेजा जा चुका है. यह भिलाई के लिए बेहद ही गर्व की बात है कि अयोध्या में भगवान राम मंदिर के निर्माण के लिए छत्तीसगढ़ की धरती से लोहा वहां भेजा जा रहा है.

भिलाई स्टील प्लांट एशिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट: भिलाई स्टील प्लांट एशिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट है. इस संयंत्र का स्टील अपनी खासियत और क्वालिटी के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. भिलाई स्टील प्लांट के स्टील उत्पादों ने देश के बड़े-बड़े परियोजनाओं को नई शक्ति दी है. रक्षा क्षेत्र, अधोसंरचतना क्षेत्र और रेल परिवहन क्षेत्र में भिलाई स्टील प्लांट के स्टील का उपयोग होता है. भिलाई स्टील प्लांट की स्टील की क्वालिटी को विनिर्माण क्षेत्र में भी प्राथमिकता दी जाती है. अब भिलाई का स्टील राम मंदिर के निर्माण में भी इस्तेमाल हो रहा है. यह छत्तीसगढ़ के साथ-साथ भिलाई के लिए भी गर्व की बात है.


बीएसपी से भूकंपरोधी टीएमटी की सप्लाई:अयोध्या के राम मंदिर में विशेष तरह के लोहे का उपयोग हो रहा है. यहां बन रहे राम मंदिर के निर्माण की मजबूती के लिए विशेष तरह के स्टील का उपयोग किया जा रहा है. जिसके लिए सेल-बीएसपी अब तक विभिन्न आयामों के 550 डी ग्रेड की लगभग 190 टन टीएमटी बार की सप्लाई कर चुका है. इस परियोजना के लिए टीएमटी बार का उत्पादन प्लांट के आधुनिक बार एंड रॉड मिल और मर्चेंट मिल दोनों में किया गया है. आपूर्ति की गई सामग्री में बार एंड रॉड मिल में उत्पादित 550 डी ग्रेड के 12 मिमी व्यास वाले लगभग 120 टन टीएमटी बार शामिल हैं. जबकि मर्चेंट मिल में उत्पादित समान ग्रेड वाले 32 मिमी व्यास वाले लगभग 65 टन टीएमटी बार शामिल हैं.

अयोध्या राम मंदिर : निर्माण में राजस्थान के गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल


बेमिसाल गुणवत्ता के लिए जाना जाता है भिलाई का लोहा: गौरतलब है कि भिलाई की मोडेक्स इकाई, बार एंड रॉड मिल के उत्पाद देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंच चुके हैं. सेल-भिलाई के उत्पादों की बेहतर गुणवत्ता, नकारात्मक सहनशीलता और स्थाई यांत्रिक गुणों और आईएस-1786 मानदंडों के अनुसार उत्पादित यह अच्छी क्वालिटी के लोहे हैं. इनकी मांग कई देशों में है. अपने देश में भी कई निर्माण प्रोजेक्ट्स में इनका इस्तेमाल हो रहा है.

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अन्य उपक्रमों में भी भिलाई स्टील प्लांट के लोहे का इस्तेमाल: देश में बांधों, थर्मल, हाइड्रो-इलेक्ट्रिक, परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं, पुलों, राजमार्गों, फ्लाईओवरों, सुरंगों और ऊंची इमारतों के अलावा कुछ ऐतिहासिक परियोजनाएं हैं. इन सबमें भिलाई स्टील प्लांट के लोहे का इस्तेमाल हो रहा है. इसके अलावा बांद्रा वर्ली सी लिंक ब्रिज, सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और आगर एक्सप्रेस वे में भी भिलाई स्टील प्लांट के लोहे का इस्तेमाल हुआ है.

राम मंदिर का निर्माण कब तक होगा पूरा: राम जन्मभूमि अयोध्या (Ram Janmabhoomi Ayodhya) में भगवान राम का दिव्य और भव्य मंदिर बनाया जा रहा है. राम मंदिर से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस मंदिर के गर्भगृह का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा. इसी गर्भ गृह में रामलला विराजमान होंगे. राम मंदिर के चबूतरे का निर्माण चल रहा है. यह चबूतरा सात लेयर में बनाया गया है. इस राम मंदिर के निर्माण के लिए जो लोहे का इस्तेमाल हो रहा है वह भिलाई स्टील प्लांट से भेजा गया है. भिलाई स्टील प्लांट से यहां लोहे की सप्लाई लगातार जारी है.

दुर्ग: अयोध्या में भगवान राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. इस मंदिर से देश-दुनिया के करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है. राम मंदिर के निर्माण के लिए भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट से लोहे की सप्लाई हो रही है. अब तक अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 190 टन टीएमटी स्टील भेजा जा चुका है. यह भिलाई के लिए बेहद ही गर्व की बात है कि अयोध्या में भगवान राम मंदिर के निर्माण के लिए छत्तीसगढ़ की धरती से लोहा वहां भेजा जा रहा है.

भिलाई स्टील प्लांट एशिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट: भिलाई स्टील प्लांट एशिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट है. इस संयंत्र का स्टील अपनी खासियत और क्वालिटी के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. भिलाई स्टील प्लांट के स्टील उत्पादों ने देश के बड़े-बड़े परियोजनाओं को नई शक्ति दी है. रक्षा क्षेत्र, अधोसंरचतना क्षेत्र और रेल परिवहन क्षेत्र में भिलाई स्टील प्लांट के स्टील का उपयोग होता है. भिलाई स्टील प्लांट की स्टील की क्वालिटी को विनिर्माण क्षेत्र में भी प्राथमिकता दी जाती है. अब भिलाई का स्टील राम मंदिर के निर्माण में भी इस्तेमाल हो रहा है. यह छत्तीसगढ़ के साथ-साथ भिलाई के लिए भी गर्व की बात है.


बीएसपी से भूकंपरोधी टीएमटी की सप्लाई:अयोध्या के राम मंदिर में विशेष तरह के लोहे का उपयोग हो रहा है. यहां बन रहे राम मंदिर के निर्माण की मजबूती के लिए विशेष तरह के स्टील का उपयोग किया जा रहा है. जिसके लिए सेल-बीएसपी अब तक विभिन्न आयामों के 550 डी ग्रेड की लगभग 190 टन टीएमटी बार की सप्लाई कर चुका है. इस परियोजना के लिए टीएमटी बार का उत्पादन प्लांट के आधुनिक बार एंड रॉड मिल और मर्चेंट मिल दोनों में किया गया है. आपूर्ति की गई सामग्री में बार एंड रॉड मिल में उत्पादित 550 डी ग्रेड के 12 मिमी व्यास वाले लगभग 120 टन टीएमटी बार शामिल हैं. जबकि मर्चेंट मिल में उत्पादित समान ग्रेड वाले 32 मिमी व्यास वाले लगभग 65 टन टीएमटी बार शामिल हैं.

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बेमिसाल गुणवत्ता के लिए जाना जाता है भिलाई का लोहा: गौरतलब है कि भिलाई की मोडेक्स इकाई, बार एंड रॉड मिल के उत्पाद देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंच चुके हैं. सेल-भिलाई के उत्पादों की बेहतर गुणवत्ता, नकारात्मक सहनशीलता और स्थाई यांत्रिक गुणों और आईएस-1786 मानदंडों के अनुसार उत्पादित यह अच्छी क्वालिटी के लोहे हैं. इनकी मांग कई देशों में है. अपने देश में भी कई निर्माण प्रोजेक्ट्स में इनका इस्तेमाल हो रहा है.

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अन्य उपक्रमों में भी भिलाई स्टील प्लांट के लोहे का इस्तेमाल: देश में बांधों, थर्मल, हाइड्रो-इलेक्ट्रिक, परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं, पुलों, राजमार्गों, फ्लाईओवरों, सुरंगों और ऊंची इमारतों के अलावा कुछ ऐतिहासिक परियोजनाएं हैं. इन सबमें भिलाई स्टील प्लांट के लोहे का इस्तेमाल हो रहा है. इसके अलावा बांद्रा वर्ली सी लिंक ब्रिज, सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और आगर एक्सप्रेस वे में भी भिलाई स्टील प्लांट के लोहे का इस्तेमाल हुआ है.

राम मंदिर का निर्माण कब तक होगा पूरा: राम जन्मभूमि अयोध्या (Ram Janmabhoomi Ayodhya) में भगवान राम का दिव्य और भव्य मंदिर बनाया जा रहा है. राम मंदिर से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस मंदिर के गर्भगृह का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा. इसी गर्भ गृह में रामलला विराजमान होंगे. राम मंदिर के चबूतरे का निर्माण चल रहा है. यह चबूतरा सात लेयर में बनाया गया है. इस राम मंदिर के निर्माण के लिए जो लोहे का इस्तेमाल हो रहा है वह भिलाई स्टील प्लांट से भेजा गया है. भिलाई स्टील प्लांट से यहां लोहे की सप्लाई लगातार जारी है.

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