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मुफलिसी में दुर्ग की बिटिया, ताइक्वांडो में 14 गोल्ड मेडल लाने वाली शिवानी सिलाई करके पाल रही परिवार

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Published : Jun 21, 2021, 7:21 PM IST

Updated : Jun 21, 2021, 8:07 PM IST

हमारा दुर्भाग्य है कि मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को अपना पेट पालने के लिए दूसरा काम करना पड़ता है. दुर्ग जिले में रहने वाली इंटरनेशनल ताइक्वांडो प्लेयर शिवानी वैष्णव पर घर-परिवार की ऐसी जिम्मेदारी आ गई है कि सुनहरा भविष्य रखने वाली ये खिलाड़ी आज सिलाई करने को मजबूर है. शिवानी का कहना है कि सीएम भूपेश बघेल अगर उनकी मदद करें तो वो गुमनाम होने से बच जाएगी. ETV भारत से शिवानी ने अपना संघर्ष और दु:ख साझा किया है.

International Taekwondo player Shivani Vaishnav struggling with financial crisis in durg
शिवानी वैष्णव

दुर्ग: छत्तीसगढ़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. दुर्ग जिले ने प्रदेश को कई हीरे जैसे खिलाड़ी दिए हैं, जिनकी चमक से राज्य का नाम रोशन हुआ है. लेकिन दुर्भाग्य है कि मेडल लाने वाले ये प्लेयर्स किस्मत और कठिनाइयों के आगे हार जाते हैं. जिले की ऐसी ही एक खिलाड़ी हैं शिवानी वैष्णव (Shivani Vaishnav). शिवानी ताइक्वांडो (taekwondo) और कराटे (karate) में इंटरनेशनल खेल चुकी हैं. लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से उनका खेल का करियर खत्म करने की कगार पर पहुंच गया है. शिवानी ने सीएम भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) से मांग की है कि परिवार की हालत ठीक नहीं होने के कारण उसे अपना खेल छोड़कर दूसरा काम करना पड़ रहा है. लिहाजा सरकार उसकी और उसके परिवार की मदद करे.

मुफलिसी में है खिलाड़ी शिवानी वैष्णव

स्टेट लेवल पर 14 गोल्ड हासिल किए

  • शिवानी ने ब्लॉक स्तर से ताइक्वांडो (taekwondo) का सफर शुरू किया.
  • साल 2017-18 में बलौदाबाजार स्टेट लेवल में स्वर्ण पदक पाया था.
  • इसके बाद 2018 में नेशनल कराटे में सिल्वर मेडल जीता.
  • इसी तरह दिल्ली में 2019-20 में नेशनल कॉम्पटिशन में शिवानी (Shivani) ने गोल्ड मेडल जीता.
  • साल 2019 में इंटरनेशनल ताइक्वांडो (international taekwondo) में कुर्की-वन में कोलकाता में हुई स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता.
  • शिवानी ने अब तक स्टेट लेवल में 14 गोल्ड, 5 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल जीता है. इतना ही नहीं शिवानी महज 17 साल की उम्र में ताइक्वांडो की स्टेट रेफरी भी रह चुकी है.
    International Taekwondo player Shivani Vaishnav struggling with financial crisis in durg
    बच्चों को ताइक्वॉन्डो कोचिंग देती है शिवानी

17 साल की उम्र में परिवार संभाल रही हैं शिवानी

दुर्ग जिले के कुम्हारी में रहने वाली शिवानी (Shivani) ने महज 17 साल की उम्र में खेल जगत में अच्छा नाम कमाया है. लेकिन परिस्थतियों ने कम उम्र में ही उसके कांधे पर एक बड़ा बोझ लाद दिया है. पिता की तबीयत बिगड़ने के बाद से परिवार में कमाने वाला कोई नहीं है. मां लकड़ी टाल में काम करने को मजबूर है. लेकिन मां जितना पैसा वह कमाती हैं, वो पिता के इलाज में चला जाता है. पिता की हालत और घर की जिम्मेदारी को देखते हुए शिवानी ने बच्चों को ताइक्वांडो की कोचिंग देनी शुरू की. लेकिन कोरोना (corona) की वजह से कोचिंग बंद हो गई. हालांकि इस दौरान शिवानी (Shivani) कुछ बच्चों के घरों में जाकर ट्रेनिंग दे रही हैं. लेकिन जब इससे भी खर्चे पूरे नहीं हुए तो उन्हें सिलाई शुरू करनी पड़ी. उससे भी बात नहीं बनी तो अब मोहल्ले के लोगों के कपड़े सिलकर उससे कुछ पैसे कमा रही है.

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कपड़े सिलती ताइक्वॉन्डो प्लेयर शिवानी

ओलंपिक में देश के लिए मेडल लाना लक्ष्य: आकर्षी कश्यप

घर में चलाती हैं दुकान

परिवार की माली हालत ठीक नहीं होने की वजह से शिवानी (Shivani Vaishnav ) घर में एक छोटी सी दुकान भी चलाती हैं. दुकान में ही वह सिलाई का भी काम करती हैं. लेकिन कोरोना महामारी (corona pandemic) और लॉकडाउन (locldown) की वजह से ना तो दुकान ठीक से संचालित हो सकी और ना ही सिलाई का काम बेहतर हो सका. लॉकडाउन में मां का काम भी बंद हो गया. जिसकी वजह से काफी मुश्किल हो गई. ETV भारत से बात करते हुए शिवानी बताती हैं कि घर की स्थिति काफी खराब हो चुकी है. एक बड़ा भाई है, लेकिन वह भी शादी के बाद से बाहर रह रहा है. ऐसे में भाई और एक छोटी बहन की पढ़ाई के साथ पिता की देखरेख करना किसी चुनौती से कम नहीं है. शिवानी कहती हैं कि कोच के सपोर्ट की वजह से वो कोचिंग देने की हिम्मत जुटा पाती हैं.

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शिवानी की मां और छोटी बहन

शिवानी ETV भारत से कहती हैं कि कोचिंग देकर जब वो रात को घर लौटती थीं, तो लोग कई तरह की बातें करते थे. लेकिन उन्होंने सबको इग्नोर किया. घर के हालात और भविष्य के लिए वो हर बात अनसुनी कर देती हैं. शिवानी ने बताया कि माता-पिता चाह कर भी उन्हें सपोर्ट नहीं कर पा रहे हैं. पिता करीब 8 साल से बिस्तर पर हैं. मां मजबूरी में काम पर जाती हैं. वो घर की बड़ी हैं इसलिए उनकी जिम्मेदारी है कि वे कुछ काम करें.

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शिवानी का घर

सांप भी पकड़ती हैं शिवानी

शिवानी एक अच्छी स्नेक कैचर (snake catcher) भी है. वो बताती हैं कि उसने अपने चाचा से सांपों को पकड़ना सीखा है. जिससे इलाके में कहीं किसी के घर में सांप घुसने से शिवानी तुरंत वहां पहुंचकर सांप को आसनी से पकड़ लेती है.

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शिवानी वैष्णव

8 साल की उम्र में सिर से उठा मां-पिता का साया, संघर्ष से बनी नेशनल प्लयेर

आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से नहीं कर पा रही प्रैक्टिस

शिवानी ने ETV भारत से बात करते हुए कहा कि परिवार की हालत खराब होने के चलते वो ठीक से प्रैक्टिस नहीं कर पा रही है. क्योंकि ज्यादातर ध्यान घर चलाने को लेकर है. शिवानी बताती हैं कि खिलाड़ियों का माइंड फ्री रहना जरूरी है. प्रदेश में कई युवा खिलाड़ी हैं लेकिन ज्यादातर खिलाड़ी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. जिसका असर उनके प्रदर्शन पर पड़ता है और इसकी वजह से कई खिलाड़ी अपना खेल छोड़ देते हैं. वे बताती है कि जितने भी खिलाड़ी है सभी की इच्छा ओलंपिक खेलने की होती है. लेकिन आर्थिक तंगी से ना उन्हें बेहतर प्रैक्टिस मिल पाती है और ना ही उन्हें अच्छी डाइट मिलती है. ऐसी हालत में कोई खिलाड़ी भला कैसे ओलंपिक (Olympics) पहुंच पाएगा.

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घर में छोटी दुकान से चलता है गुजारा

सीएम भूपेश बघेल से लगाई मदद की गुहार

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) के विधानसभा क्षेत्र की शिवानी ने ETV भारत के माध्यम से अपने क्षेत्र के विधायक व प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) से मदद की गुहार लगाई है. वे कहती हैं उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार उनकी मदद करे. जितने भी खिलाड़ी इस हाल में हैं उनकी मदद करें, जिससे उनकी तरह हालत बाकी खिलाड़ियों की न हो. शिवानी कहती हैं कि अगर उन्हें सपोर्ट नहीं मिलेगा तो वे आगे नहीं खेल पाएंगी. उन्होंने सरकार ना सिर्फ उसकी बल्कि उसकी तरह के सभी गरीब खिलाड़ियों की मदद करें. शिवानी वैष्णव (Shivani Vaishnav ) ने सीएम भूपेश बघेल से कुम्हारी में एक ताइक्वॉन्डो क्लब (taekwondo club) बनाने की भी अपील की है.

दुर्ग: छत्तीसगढ़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. दुर्ग जिले ने प्रदेश को कई हीरे जैसे खिलाड़ी दिए हैं, जिनकी चमक से राज्य का नाम रोशन हुआ है. लेकिन दुर्भाग्य है कि मेडल लाने वाले ये प्लेयर्स किस्मत और कठिनाइयों के आगे हार जाते हैं. जिले की ऐसी ही एक खिलाड़ी हैं शिवानी वैष्णव (Shivani Vaishnav). शिवानी ताइक्वांडो (taekwondo) और कराटे (karate) में इंटरनेशनल खेल चुकी हैं. लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से उनका खेल का करियर खत्म करने की कगार पर पहुंच गया है. शिवानी ने सीएम भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) से मांग की है कि परिवार की हालत ठीक नहीं होने के कारण उसे अपना खेल छोड़कर दूसरा काम करना पड़ रहा है. लिहाजा सरकार उसकी और उसके परिवार की मदद करे.

मुफलिसी में है खिलाड़ी शिवानी वैष्णव

स्टेट लेवल पर 14 गोल्ड हासिल किए

  • शिवानी ने ब्लॉक स्तर से ताइक्वांडो (taekwondo) का सफर शुरू किया.
  • साल 2017-18 में बलौदाबाजार स्टेट लेवल में स्वर्ण पदक पाया था.
  • इसके बाद 2018 में नेशनल कराटे में सिल्वर मेडल जीता.
  • इसी तरह दिल्ली में 2019-20 में नेशनल कॉम्पटिशन में शिवानी (Shivani) ने गोल्ड मेडल जीता.
  • साल 2019 में इंटरनेशनल ताइक्वांडो (international taekwondo) में कुर्की-वन में कोलकाता में हुई स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता.
  • शिवानी ने अब तक स्टेट लेवल में 14 गोल्ड, 5 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल जीता है. इतना ही नहीं शिवानी महज 17 साल की उम्र में ताइक्वांडो की स्टेट रेफरी भी रह चुकी है.
    International Taekwondo player Shivani Vaishnav struggling with financial crisis in durg
    बच्चों को ताइक्वॉन्डो कोचिंग देती है शिवानी

17 साल की उम्र में परिवार संभाल रही हैं शिवानी

दुर्ग जिले के कुम्हारी में रहने वाली शिवानी (Shivani) ने महज 17 साल की उम्र में खेल जगत में अच्छा नाम कमाया है. लेकिन परिस्थतियों ने कम उम्र में ही उसके कांधे पर एक बड़ा बोझ लाद दिया है. पिता की तबीयत बिगड़ने के बाद से परिवार में कमाने वाला कोई नहीं है. मां लकड़ी टाल में काम करने को मजबूर है. लेकिन मां जितना पैसा वह कमाती हैं, वो पिता के इलाज में चला जाता है. पिता की हालत और घर की जिम्मेदारी को देखते हुए शिवानी ने बच्चों को ताइक्वांडो की कोचिंग देनी शुरू की. लेकिन कोरोना (corona) की वजह से कोचिंग बंद हो गई. हालांकि इस दौरान शिवानी (Shivani) कुछ बच्चों के घरों में जाकर ट्रेनिंग दे रही हैं. लेकिन जब इससे भी खर्चे पूरे नहीं हुए तो उन्हें सिलाई शुरू करनी पड़ी. उससे भी बात नहीं बनी तो अब मोहल्ले के लोगों के कपड़े सिलकर उससे कुछ पैसे कमा रही है.

International Taekwondo player Shivani Vaishnav struggling with financial crisis in durg
कपड़े सिलती ताइक्वॉन्डो प्लेयर शिवानी

ओलंपिक में देश के लिए मेडल लाना लक्ष्य: आकर्षी कश्यप

घर में चलाती हैं दुकान

परिवार की माली हालत ठीक नहीं होने की वजह से शिवानी (Shivani Vaishnav ) घर में एक छोटी सी दुकान भी चलाती हैं. दुकान में ही वह सिलाई का भी काम करती हैं. लेकिन कोरोना महामारी (corona pandemic) और लॉकडाउन (locldown) की वजह से ना तो दुकान ठीक से संचालित हो सकी और ना ही सिलाई का काम बेहतर हो सका. लॉकडाउन में मां का काम भी बंद हो गया. जिसकी वजह से काफी मुश्किल हो गई. ETV भारत से बात करते हुए शिवानी बताती हैं कि घर की स्थिति काफी खराब हो चुकी है. एक बड़ा भाई है, लेकिन वह भी शादी के बाद से बाहर रह रहा है. ऐसे में भाई और एक छोटी बहन की पढ़ाई के साथ पिता की देखरेख करना किसी चुनौती से कम नहीं है. शिवानी कहती हैं कि कोच के सपोर्ट की वजह से वो कोचिंग देने की हिम्मत जुटा पाती हैं.

International Taekwondo player Shivani Vaishnav struggling with financial crisis in durg
शिवानी की मां और छोटी बहन

शिवानी ETV भारत से कहती हैं कि कोचिंग देकर जब वो रात को घर लौटती थीं, तो लोग कई तरह की बातें करते थे. लेकिन उन्होंने सबको इग्नोर किया. घर के हालात और भविष्य के लिए वो हर बात अनसुनी कर देती हैं. शिवानी ने बताया कि माता-पिता चाह कर भी उन्हें सपोर्ट नहीं कर पा रहे हैं. पिता करीब 8 साल से बिस्तर पर हैं. मां मजबूरी में काम पर जाती हैं. वो घर की बड़ी हैं इसलिए उनकी जिम्मेदारी है कि वे कुछ काम करें.

International Taekwondo player Shivani Vaishnav struggling with financial crisis in durg
शिवानी का घर

सांप भी पकड़ती हैं शिवानी

शिवानी एक अच्छी स्नेक कैचर (snake catcher) भी है. वो बताती हैं कि उसने अपने चाचा से सांपों को पकड़ना सीखा है. जिससे इलाके में कहीं किसी के घर में सांप घुसने से शिवानी तुरंत वहां पहुंचकर सांप को आसनी से पकड़ लेती है.

International Taekwondo player Shivani Vaishnav struggling with financial crisis in durg
शिवानी वैष्णव

8 साल की उम्र में सिर से उठा मां-पिता का साया, संघर्ष से बनी नेशनल प्लयेर

आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से नहीं कर पा रही प्रैक्टिस

शिवानी ने ETV भारत से बात करते हुए कहा कि परिवार की हालत खराब होने के चलते वो ठीक से प्रैक्टिस नहीं कर पा रही है. क्योंकि ज्यादातर ध्यान घर चलाने को लेकर है. शिवानी बताती हैं कि खिलाड़ियों का माइंड फ्री रहना जरूरी है. प्रदेश में कई युवा खिलाड़ी हैं लेकिन ज्यादातर खिलाड़ी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. जिसका असर उनके प्रदर्शन पर पड़ता है और इसकी वजह से कई खिलाड़ी अपना खेल छोड़ देते हैं. वे बताती है कि जितने भी खिलाड़ी है सभी की इच्छा ओलंपिक खेलने की होती है. लेकिन आर्थिक तंगी से ना उन्हें बेहतर प्रैक्टिस मिल पाती है और ना ही उन्हें अच्छी डाइट मिलती है. ऐसी हालत में कोई खिलाड़ी भला कैसे ओलंपिक (Olympics) पहुंच पाएगा.

International Taekwondo player Shivani Vaishnav struggling with financial crisis in durg
घर में छोटी दुकान से चलता है गुजारा

सीएम भूपेश बघेल से लगाई मदद की गुहार

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) के विधानसभा क्षेत्र की शिवानी ने ETV भारत के माध्यम से अपने क्षेत्र के विधायक व प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) से मदद की गुहार लगाई है. वे कहती हैं उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार उनकी मदद करे. जितने भी खिलाड़ी इस हाल में हैं उनकी मदद करें, जिससे उनकी तरह हालत बाकी खिलाड़ियों की न हो. शिवानी कहती हैं कि अगर उन्हें सपोर्ट नहीं मिलेगा तो वे आगे नहीं खेल पाएंगी. उन्होंने सरकार ना सिर्फ उसकी बल्कि उसकी तरह के सभी गरीब खिलाड़ियों की मदद करें. शिवानी वैष्णव (Shivani Vaishnav ) ने सीएम भूपेश बघेल से कुम्हारी में एक ताइक्वॉन्डो क्लब (taekwondo club) बनाने की भी अपील की है.

Last Updated : Jun 21, 2021, 8:07 PM IST
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