दुर्ग: भिलाई के उतई केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल सीआईएसएफ में सीसीई द्वारा फरवरी और मार्च में भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी. इस दौरान एक सरगना पकड़ाया है, जो फर्जी तरीके से प्रक्रिया में शामिल हुआ था.
32 लोग शामिल हैं इस गिरोह में
भिलाई में पकडे गए मुन्नाभाइयों के तार हरियाणा और राजस्थान से जुड़े होने की खबर है. मामले में पुलिस ने 32 मुन्नाभाइयों की गिरफ्तारी करने के बाद इस पूरे रैकेट में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले 2 अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी की है, जो मुन्नाभाइयों को भिलाई लेकर आया था और उनका फर्जी प्रमाणपत्र बनावाया था. पुलिस अब इस मामले में सरगना की तलाश कर रही है, जिसके इशारे पर पूरे रैकेट का संचालन किया जा रहा था.
फिजिकल टेस्ट में हुआ भांडाफोड़
मामले का खुलासा तब हुआ जब सीआईएसएफ द्वारा 13 मार्च को फिजिकल टेस्ट लिया जा रहा था. इसी बीच अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक नहीं मिलने पर पूरे मामले का भांडाफोड़ हुआ. सीआईएसएफ के अधिकारियों की शिकायत पर उतई थाने में अपराध पंजीबद्ध कर मामले के 32 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है.
पास कराने के नाम पर लाखों की वसूली
आरोपियों में तीन हरियाणा और एक छत्तीसगढ़ के बेमेतरा का निवासी है, जो रैकेट बनाकर सारे फर्जी काम कर रहे थे. इसमें मुख्य रूप से हरियाणा और राजस्थान के युवाओं को अपना निशाना बनाया जाता था. लिखित परीक्षा में पास करवाने के लिए ये गिरोह हर व्यक्ति से लाखों रूपए तक की राशि वसूलते थे. आरोपी इनकी पांचवीं और आठवीं की फर्जी मार्कशीट के आधार पर निवास प्रमाण पत्र तैयार कर आगे की कार्रवाई के लिए तैयार किया करता था.
हरियाण रवाना हुई दुर्ग पुलिस
पुलिस ने इस मामले से जुड़े दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं इसके मुख्य सरगना की तलाश के लिए दुर्ग पुलिस हरियाणा के लिए रवाना हो गई है.