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दुर्ग में मेडिकल उपकरण कारोबारी के साथ धोखाधड़ी, खाते से निकाले करोड़ रुपए

दुर्ग में मेडिकल उपकरण व्यापारी से धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. मामला तीन साल पुराना है.जिसमें प्रार्थी के खाते से एक करोड़ से भी ज्यादा की राशि बिना अनुमति के निकाली गई है. इस मामले में बैंक के मैनेजर पर भी शामिल होने के आरोप लगे हैं.फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरु कर दी है.Durg crime news

दुर्ग में मेडिकल उपकरण कारोबारी के साथ धोखाधड़ी
दुर्ग में मेडिकल उपकरण कारोबारी के साथ धोखाधड़ी
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Published : Nov 22, 2022, 11:49 AM IST

Updated : Nov 22, 2022, 12:02 PM IST

दुर्ग: सिटी कोतवाली पुलिस ने हिमाचल प्रदेश के मेडिकल उपकरण कारोबारी से धोखाधड़ी (Fraud from medical equipment business of Himachal) मामले में अपराध पंजीबद्ध किया है. आरोपियों ने प्रार्थी के बैंक खाते से करीब 1 करोड़ 11 लाख रुपए की राशि दूसरे खातों में ट्रांसफर किया है. इस मामले में स्टेट बैंक गंजपारा के तत्कालीन मैनेजर सहित अन्य के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने धारा 420 के तहत अपराध दर्ज किया है. बहरहाल पुलिस ने मामले में आरोपियों के नामों का खुलासा नहीं किया है. आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है. (Fraud with medical equipment dealer in Durg)



बैंक मैनेजर पर शामिल होने का आरोप: प्रार्थी महेंद्र टंडन ने पुलिस को बताया है कि '' उसके बिना अनुमति के 7 चेक के माध्यम से दो अलग-अलग बैंक खातों में राशि ट्रांसफर की गई. व्यापारी ने ट्रांजेक्शन और स्टेटमेंट को लेकर जानकारी मांगी. लेकिन बैंक प्रबंधन ने उपलब्ध नहीं कराई. धोखाधड़ी के लिए ठगों ने व्यवसायी के अकाउंट खोलने के लिए जमा दस्तावेजों का उपयोग करके एक अन्य बोगस खाता भी खोला कर पैसा ट्रांसफर किया है.''

कौन है प्रार्थी : महेंद्र टंडन हिमाचल प्रदेश के सोलन के झारमाजरी का निवासी है. जिसका मेडिकल उपकरण बनाने का काम है. वर्ष 2016-17 में उसकी कंपनी मेडिकल उपकरण की डिलिवरी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन को भी की थी. जिसके कारण उन्होंने दुर्ग के गंजपारा स्थित स्टेट बैंक में खाता खुलवाया. कंपनी में कारोबारी का बेटा विपुल और पत्नी रोमा पार्टनर हैं. आरोपियों ने 5 चेक के माध्यम से निकाली गई राशि गुरिंदर नाम के व्यक्ति ने कैश कराई. जबकि बाकी रकम मयंक बाफना के नाम से कैश हुई. इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है. बहरहाल आरोपी फरार है उनकी पतासाजी की जा रही है.

ये भी पढ़ें- महादेव एप का सरगना ईडी के निशाने पर

3 साल बाद पुलिस ने किया अपराध दर्ज,करोड़ों रुपए की ठगी : प्रार्थी महेंद्र के मुताबिक '' 30 जून 2019 को उसके बैंक अकाउंट से सबसे पहले 84 लाख रुपए ट्रांसफर किया गया. इसकी जानकारी लगने के बाद उसे बैंक से पत्राचार किया. जिससे उसे पता चला कि उसके बैंक अकाउंट से बिना सहमति के खाता से राशि ट्रांसफर कर दिया गया. वहीं प्रार्थी के खाते खुलवाने के समय दिए दस्तावेज का उपयोग करते हुए फर्जी अकाउंट खोल भी लिया गया और उक्त बोगस खाते को बंद करके पैसा वापस उसके अकाउंट में जमा करने के लिए बैंक प्रबंधन को पत्र लिखा. प्रार्थी के खाते से 2019 जून महीने में ही बैंक ने प्रार्थी के खाते में 9 लाख, फिर 6.45 लाख, 5 चेक के माध्यम से 42.19 लाख, दो चेक के जरिए 50.31 लाख और 19.18 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिया गया था. आरोपियों ने प्रार्थी के खाते से 1 करोड़ से अधिक की राशि निकलकर धोखाधड़ी की है.'' Durg crime news

दुर्ग: सिटी कोतवाली पुलिस ने हिमाचल प्रदेश के मेडिकल उपकरण कारोबारी से धोखाधड़ी (Fraud from medical equipment business of Himachal) मामले में अपराध पंजीबद्ध किया है. आरोपियों ने प्रार्थी के बैंक खाते से करीब 1 करोड़ 11 लाख रुपए की राशि दूसरे खातों में ट्रांसफर किया है. इस मामले में स्टेट बैंक गंजपारा के तत्कालीन मैनेजर सहित अन्य के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने धारा 420 के तहत अपराध दर्ज किया है. बहरहाल पुलिस ने मामले में आरोपियों के नामों का खुलासा नहीं किया है. आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है. (Fraud with medical equipment dealer in Durg)



बैंक मैनेजर पर शामिल होने का आरोप: प्रार्थी महेंद्र टंडन ने पुलिस को बताया है कि '' उसके बिना अनुमति के 7 चेक के माध्यम से दो अलग-अलग बैंक खातों में राशि ट्रांसफर की गई. व्यापारी ने ट्रांजेक्शन और स्टेटमेंट को लेकर जानकारी मांगी. लेकिन बैंक प्रबंधन ने उपलब्ध नहीं कराई. धोखाधड़ी के लिए ठगों ने व्यवसायी के अकाउंट खोलने के लिए जमा दस्तावेजों का उपयोग करके एक अन्य बोगस खाता भी खोला कर पैसा ट्रांसफर किया है.''

कौन है प्रार्थी : महेंद्र टंडन हिमाचल प्रदेश के सोलन के झारमाजरी का निवासी है. जिसका मेडिकल उपकरण बनाने का काम है. वर्ष 2016-17 में उसकी कंपनी मेडिकल उपकरण की डिलिवरी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन को भी की थी. जिसके कारण उन्होंने दुर्ग के गंजपारा स्थित स्टेट बैंक में खाता खुलवाया. कंपनी में कारोबारी का बेटा विपुल और पत्नी रोमा पार्टनर हैं. आरोपियों ने 5 चेक के माध्यम से निकाली गई राशि गुरिंदर नाम के व्यक्ति ने कैश कराई. जबकि बाकी रकम मयंक बाफना के नाम से कैश हुई. इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है. बहरहाल आरोपी फरार है उनकी पतासाजी की जा रही है.

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3 साल बाद पुलिस ने किया अपराध दर्ज,करोड़ों रुपए की ठगी : प्रार्थी महेंद्र के मुताबिक '' 30 जून 2019 को उसके बैंक अकाउंट से सबसे पहले 84 लाख रुपए ट्रांसफर किया गया. इसकी जानकारी लगने के बाद उसे बैंक से पत्राचार किया. जिससे उसे पता चला कि उसके बैंक अकाउंट से बिना सहमति के खाता से राशि ट्रांसफर कर दिया गया. वहीं प्रार्थी के खाते खुलवाने के समय दिए दस्तावेज का उपयोग करते हुए फर्जी अकाउंट खोल भी लिया गया और उक्त बोगस खाते को बंद करके पैसा वापस उसके अकाउंट में जमा करने के लिए बैंक प्रबंधन को पत्र लिखा. प्रार्थी के खाते से 2019 जून महीने में ही बैंक ने प्रार्थी के खाते में 9 लाख, फिर 6.45 लाख, 5 चेक के माध्यम से 42.19 लाख, दो चेक के जरिए 50.31 लाख और 19.18 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिया गया था. आरोपियों ने प्रार्थी के खाते से 1 करोड़ से अधिक की राशि निकलकर धोखाधड़ी की है.'' Durg crime news

Last Updated : Nov 22, 2022, 12:02 PM IST

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