दुर्ग: मध्य प्रदेश के राजगढ़ थाना पुलिस ने नकली नोटों का जखीरा पकड़ा था. राजगढ़ पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनके कब्जे से करीब 54 लाख रुपए के नकली नोट और नोट छापने की मशीन पुलिस ने जब्त की है. इस मामले का कनेक्शन छत्तीसगढ़ के भिलाई से जोडकर देखा जा रहा है. गिरोह के सरगना नरेश पंवार और विजय सिंह है, जो मध्यप्रदेश के इंदौर के रहने वाले हैं. वह चार साल से भिलाई में रहकर नकली नोटों छपाने कर कारोबार चला रहे थे. पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपी विजय सिंह और नरेश पहले भी नकली नोटों के कारोबार के मामले में जेल जा चुके हैं.
आरोपी नरेश पंवार और विजय सिंह जामुल हाउसिंग बोर्ड के कालीबाड़ी के पीछे एक किराये के मकान पर छिपकर रह रहे थें. लेकिन जब पुलिस ने मकान पर दबिश दी तो दोनों ही मकान में नहीं थे. जिसके बाद लोकेशन पता कर पुलिस ने दोनों को गुजराती होटल से गिरफ्तार किया है.
जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश की राजगढ़ पुलिस की एक विशेष टीम बनाकर 16 जून भिलाई पहुंचकर छावनी पुलिस से आरोपियों के लोकेशन के बारे में छावनी थाना की टीम के साथ रवाना हुई थी. नोट छापने का मास्टर माइंड विजय सिंह और नरेश पंवार को छावनी क्षेत्र के गुजराती होटल से गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने उसके मकान से करीब 54 लाख रुपये के नकली नोट, नोट छापने की मशीन, पांच प्रिंटर, दो पेपर कटर, एक लैपटॉप, एक मॉनीटर, एक सीपीयू, एक लेमिनेटर, नकली नोट बनाने का फ्रेम, वॉटरमार्क का फ्रेम और विशेष स्याही के कार्टेज आदि सामान जब्त किया हैं.
पुलिस ने बताया कि आरोपी नकली नोट छपाने के लिए स्याही और पेपर मुम्बई से लाता था. राजगढ़ पुलिस ने बीते 26 जून को जीरापुर स्थित इंदर चौराहे से शंकर और रामचंद्र नाम के दो युवकों को नकली नोट के साथ पकड़ा था. पुलिस को उन्हीं दो युवकों से आरोपी विजय सिंह का सुराग मिला था.
तमिलनाडु में एक करोड़ के नकली नोट खपाने की तैयार
आरोपी से बरामद नकली नोट को तमिलनाडु में भेजने की फिराक में थे. आरोपियों को 30 लाख के एवज में 1 करोड़ नकली नोट छपाने का ऑर्डर मिला था. आरोपी विजय सिंह 2003, 2012 और 2017 में नकली नोट छापने के मामले में, इंदौर की एमआईजी थाना पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकाी है. मास्टरमाइंड विजय सिंह के गिरोह में 12 सदस्य है, जिसमें से अब तक 5 सदस्यों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
पुलिस ने बताया कि आरोपी किराये के मकान में नकली नोट की फैक्ट्री संचालित करते थे. जहां से आरोपी नकली नोट छापने के बाद दूसरे राज्यो में भजते थे. आरोपियों ने बताया है कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के अलावा गुजरात और राजस्थान तक इनका कारोबार फैला था. इस कारोबार को राष्ट्रीय स्तर पर आरोपी ऑपरेट करता था. लेकिन पुलिस ने पहले ही पकड़ लिया.
जानकारी के मुताबिक मास्टरमाइंड विजय सिंह ऑर्डर लेकर नकली नोट छापता था, जो 30 हजार के असली नोट लेकर एक लाख के नकली नोट छापता था. अब तक आरोपी 50 लाख से अधिक नकली नोटों को बाजार में खपा चुके हैं. आरोपी 100, 200, 500 और 2000 का नकली नोट तैयार करते थे. आरोपी सोशल मीडिया में ग्राहक तलाशते थे. वहीं आरोपी द्वारा नकली नोट बनाने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में अपलोड भी करता था और नकली नोट बनाने की ट्रेनिंग भी देता था.
आरोपी इंदौर से भिलाई आकर चार सालों से किराये के मकान में नकली नोट छापने और खपाने कर काम कर रहा थे. लेकिन स्थानीय और राज्य पुलिस को इसकी भनक भी नहीं लगी. स्थानीय पुलिस बाहर से आने वालों की जानकारी लेने का जरूर दावा करती है.