दुर्ग: जिले में एक बार फिर एक किसान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है. जिले के बोरी थाना इलाके के डोमा गांव के किसान ने फांसी लगा ली है. किसान प्रेमलाल ने अपने खेत के पास एक पेड़ के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या की है. किसान घर से खेत जाने की बात कहकर निकला था. पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर लिया है. फिलहाल केस में जांच की जा रही है. पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.
बताते हैं, 35 साल का किसान कर्ज में डूबा था. उसने मकान बनाने के लिए बैंक से 50 हजार रुपये का कर्ज लिया था. इसके अलावा गांव के अन्य लोगों से भी उसने करीब ढाई लाख रुपये का कर्ज ले रखा था. इसी को लेकर वो काफी परेशान चल रहा था. फिलहाल पुलिस केस की जांच में जुटी है.
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लगातार सामने आ रहे किसान आत्महत्या के मामले
बीते कुछ दिनों पहले मचांदुर चौकी क्षेत्र के मातरोडीह गांव के रहने वाले युवा किसान डुगेश निषाद ने भी खुदकुशी कर ली थी. डुगेश ने फसल खराब होने की वजह से आत्महत्या कर थी. इस मामले में पुलिस ने सुसाइड नोट भी बरामद किया था. इस घटना के बाद प्रदेश में खूब सियासत भी हुई थी.
इसके अलावा नंदिनी थाना क्षेत्र में एक किसान से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. किसान का शव उसके खेत के पास ही पेड़ पर फांसी के फंदे पर लटकता मिला था. इस केस में बताया गया था कि किसान पारिवारिक कारणों से कुछ दिनों से परेशान था. जिसके कारण किसान ने ये कदम उठाया है. अब दुर्ग में आत्महत्या की ये तीसरी घटना सामने है.
चौकाने वाले आंकड़े
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार खुद को किसान हितैषी बताने का एक भी मौका नहीं छोड़ती है, लेकिन छत्तीसगढ़ में किसान आत्महत्या के मामले में 2019 के आंकड़ों के अनुसार टॉप 5 में अपनी जगह बनाई थी. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक 2019 में कृषि क्षेत्र से जुड़े 10 हजार 281 लोगों (जिसमें 5 हजार 957 किसान और 4 हजार 324 खेतिहर मजदूर शामिल हैं) ने खुदकुशी की. यह संख्या देश में 2019 के आत्महत्या के कुल 1 लाख 39 हजार 123 मामलों का 7.4 प्रतिशत है. इससे पहले 2018 में खेती किसानी करने वाले कुल 10 हजार 349 लोगों ने आत्महत्या की थी. यह संख्या उस साल के कुल आत्महत्या के मामलों का 7.7 प्रतिशत थी.