दुर्ग: दुर्ग के भिलाई स्थित छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय ने एक शानदार उदाहरण पेश किया (Chhattisgarh Swami Vivekanand Technical University) है. इस यूनिवर्सिटी में पांच साल पहले 60 लाख रुपये की लागत से पार्किंग शेड पर सोलर पैनल लगाया गया (csvtu durg generating electricity from solar panels) था. इस पैनल से यहां बिजली पैदा होती है. इस सोलर से पैदा होने वाली बिजली से छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय को बिजली बिल में बचत मिलती है. बिजली के यूज का भी फायदा मिलता है. साथ ही यह यूनिवर्सिटी अन्य संस्थानों को छुट्टी के दिनों में बिजली बेचने का काम करता (Chhattisgarh Swami Vivekanand Technical University earning from Solar Panel) है.
प्रत्येक महीने एक लाख रुपये की होती है बचत: बीते साठ महीने में छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय ने करीब 60 लाख रुपये की बचत की है. इससे यूनिवर्सिटी प्रबंधन के साथ साथ विद्यार्थी वर्ग भी काफी खुश है.
बारिश से बचने के लिए बनाया गया था पार्किंग शेड: दरअसल सीएसवीटीयू विश्विद्यालय में पार्किंग नहीं होने से यहां के विद्यार्थियों के साथ ही स्टाफ को भी विशेषकर बारिश के दिनों में काफी परेशानी होती थी. वाहनों को खुले में रखना पड़ता था. इस पर पार्किंग बनाने का निर्णय लिया गया. विश्वविद्यालय परिसर में कार और दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग बनाने में काफी खर्च आया. ऐसे में प्रबंधन ने बैठक की.जिसमें पार्किंग के शेड पर सोलर पैनल लगाने का निर्णय लिया गया. इस तरह वर्ष 2017 में पार्किंग के शेड पर सोलर पैनल लगाया दिए गए. इसके निर्माण में कुल 60 लाख रुपए खर्च हुए. इससे रोजना 120 किलोवाट बिजली पैदा हो रही है.
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पार्किंग शेड से पैदा होने वाली बिजली का यूनिवर्सिटी करती है उपयोग: इस पार्किंग शेड से पैदा होने वाली बिजली का यूनिवर्सिटी उपयोग करती है. वहीं अवकाश के दिनों में बिजली ग्रिड में देकर यूनिवर्सिटी आय में भी इजाफा कर रहा है. इस तरह प्रबंधन प्रतिमाह औसतन करीब एक लाख रुपए की बचत कर रहा है. इस पार्किंग की खासियत यह भी हैं कि यहां पर खड़ी की जाने वाली गाड़ियां कितनी भी तेज धूप हो, गर्म नहीं होती है.
सोलर प्लांट शुरू करने की योजना: सोलर पैनल को ऊंचाई में लगाया गया है. यहां पूरी गर्मी पैनल में जमा हो जाती है. विश्विद्यालय में शनिवार और रविवार को अवकाश रहता है. ऐसे में छुट्टी के दिनों में बनने वाली बिजली ग्रिड में देकर प्रबंधन आमदनी भी करता है. सीएसवीटीयू के कुलपति डॉ. एम के वर्मा का कहना है कि "पांच वर्ष पूर्व यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने स्टैंड में सोलर पैनल लगाकर जो राशि खर्च की थी. वह बिजली बिल के रूप में बचत हो गई है. अब हम जितनी भी बचत करेंगे, उससे विश्वविद्यालय पर होने वाला सरकार का खर्च घटेगा. हम अभी 120 किलो वाट का सौर ऊर्जा प्लांट शुरू कर चुके हैं. उससे विश्वविद्यालय को काफी लाभ मिल रहा है.