दुर्ग/भिलाई: बीएसपी कर्मचारी कार्तिक राम ठाकुर की मौत को अब तक 22 दिन हो चुके हैं, लेकिन उनका परिवार हर दिन उनके अंतिम संस्कार का इंतजार कर रहा है. अनुकंपा नियुक्ति विवाद के कारण 22 दिन बाद कर्मचारी के शव का अंतिम संस्कार नहीं हो सका है. परिवार मेडिकल ग्राउंड पर बेटे को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग पर अड़ा है, वहीं बीएसपी प्रबंधन इसे अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता से इनकार कर रहा है. इधर गोंडवाना समाज भी मृतक परिवार का समर्थन कर रहा है और आंदोलन कर रहा है.
मृतक कर्मचारी का परिवार गोंडवाना समाज के साथ धरने पर बैठ गए हैं. मृतक की पत्नी आशा ठाकुर ने बताया की बीएसपी प्रबंधन टालमटोल कर रही है. उनके पति की मौत किडनी फेल होने से 4 जनवरी को हुई थी, लेकिन बीएसपी नियमों के खिलाफ काम कर रहीं है. जब तक उनके बेटे को अनुकंपा नहीं मिलेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
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भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन का कहना है की इस केस में अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने के कोई भी प्रावधान नहीं है. इसकी जानकारी परिजनों को भी दे दी गई है, लेकिन परिजन नौकरी देने की मांग पर अड़े हैं. जिला प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई है.
अनुकंपा नियुक्ति की मांग
भिलाई इस्पात संयंत्र में अटेंडेंट पद पर कार्यरत कार्तिक राम ठाकुर लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे. उन्होनें 2 जनवरी को बीएसपी प्रबंधन को एक पत्र लिखा था. उन्होंने खुद को ड्यूटी करने में असमर्थ बताया था, जांच से पता चला है कि उनकी दोनों किडनी खराब है. कर्मचारी ने मांग की थी कि उन्हें चिकित्सीय अयोग्य घोषित करके उनके बेटे को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए. इसके बाद 4 जनवरी को उनकी मौत हो गई थी.