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दुर्ग: ऑनलाइन दीक्षा पोर्टल में शिक्षकों ने नहीं कराया रजिस्ट्रेशन, होगी वेतन कटौती

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Published : Oct 29, 2020, 5:09 PM IST

दीक्षा पोर्टल पर अब तक पंजीयन नहीं कराने वाले शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग अब कार्रवाई के मूड में है. रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले शिक्षकों के खिलाफ अब वेतन कटौती की कार्रवाई की जाएगी.

cut in salary of teachers
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय

दुर्ग: कोरोना काल के दौरान स्कूली बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए शासन स्तर पर शिक्षकों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए ट्रेंड करने की तैयारी हो रही है. लेकिन दुर्ग जिले के तीनों ब्लॉक के हेडमास्टर और शिक्षक इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. जिले में अबतक 78 प्रतिशत शिक्षकों ने ही अपना पंजीयन कराया है. वहीं 22 प्रतिशत शिक्षकों ने दीक्षा पोर्टल पर ट्रेनिंग के लिए पंजीयन नहीं कराया है.

जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले के सभी हेडमास्टर और शिक्षकों को पंजीयन करने के लिए आदेश जारी किया था. उसके बाद भी हेडमास्टर और शिक्षकों ने तय समय तक दीक्षा पोर्टल में अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया. अब पंजीयन नहीं कराने वाले हेडमास्टर और शिक्षकों के खिलाफ वेतन रोकने की कार्रवाई की जा सकती है. जिले के पाटन, दुर्ग और धमधा ब्लॉक के 22 प्रतिशत शिक्षकों ने अब तक दीक्षा पोर्टल पर पंजीयन नहीं कराया है.

19 अक्टूबर तक होना था 100 प्रतिशत पंजीयन

दीक्षा पोर्टल पर बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए स्कूली शिक्षा विभाग ने यह कवायद शुरू की है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए पहली से आठवीं क्लास के बच्चों को दीक्षा पोर्टल से ऑनलाइन शिक्षा दी जाएगी. शासन के आदेशानुसार 19 अक्टूबर तक 100 प्रतिशत पंजीयन हो जाना चाहिए था. लेकिन वर्तमान में 78 प्रतिशत शिक्षकों ने ही अपना पंजीयन कराया है. शासन की ओर से जारी आदेश में तय समय तक पंजीयन नहीं करने पर वेतन कटौती किए जाने का जिक्र हुआ था.

राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत मानसिक दिव्यांग बच्चों को दिया गया एमआर किट

क्या है दीक्षा पोर्टल

कोरोना काल को देखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग (दीक्षा) पोर्टल और दीक्षा मोबाइल एप की शुरुआत की है. दीक्षा पोर्टल ई-बुक्स और ई-कॉन्टेंट का एक बड़ा भंडार है.

  • दीक्षा पोर्टल में 15 भाषाओं में स्टडी कंटेंट उपलब्ध है.
  • इनमें असमिया, बंगाली, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओड़िया, सिंधी, तमिल, तेलगू, उर्दू और छत्तीसगढ़ी जैसी भाषा शामिल है.
  • लॉकडाउन की अवधि के दौरान दीक्षा प्लेटफार्म पर डाउनलोड और कंटेंट प्ले हर रोज तेजी से बढ़ रहे हैं.
  • 22 मार्च से अप्रैल 2020 तक कंटेंट डाउनलोड में 8 गुना वृद्धि दर्ज की गई है.
  • केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय स्कूली बच्चों को दीक्षा प्लेटफार्म पर बड़ी संख्या में उच्च गुणवत्ता वाले संसाधन उपलब्ध करा रहा है.

दुर्ग: कोरोना काल के दौरान स्कूली बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए शासन स्तर पर शिक्षकों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए ट्रेंड करने की तैयारी हो रही है. लेकिन दुर्ग जिले के तीनों ब्लॉक के हेडमास्टर और शिक्षक इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. जिले में अबतक 78 प्रतिशत शिक्षकों ने ही अपना पंजीयन कराया है. वहीं 22 प्रतिशत शिक्षकों ने दीक्षा पोर्टल पर ट्रेनिंग के लिए पंजीयन नहीं कराया है.

जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले के सभी हेडमास्टर और शिक्षकों को पंजीयन करने के लिए आदेश जारी किया था. उसके बाद भी हेडमास्टर और शिक्षकों ने तय समय तक दीक्षा पोर्टल में अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया. अब पंजीयन नहीं कराने वाले हेडमास्टर और शिक्षकों के खिलाफ वेतन रोकने की कार्रवाई की जा सकती है. जिले के पाटन, दुर्ग और धमधा ब्लॉक के 22 प्रतिशत शिक्षकों ने अब तक दीक्षा पोर्टल पर पंजीयन नहीं कराया है.

19 अक्टूबर तक होना था 100 प्रतिशत पंजीयन

दीक्षा पोर्टल पर बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए स्कूली शिक्षा विभाग ने यह कवायद शुरू की है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए पहली से आठवीं क्लास के बच्चों को दीक्षा पोर्टल से ऑनलाइन शिक्षा दी जाएगी. शासन के आदेशानुसार 19 अक्टूबर तक 100 प्रतिशत पंजीयन हो जाना चाहिए था. लेकिन वर्तमान में 78 प्रतिशत शिक्षकों ने ही अपना पंजीयन कराया है. शासन की ओर से जारी आदेश में तय समय तक पंजीयन नहीं करने पर वेतन कटौती किए जाने का जिक्र हुआ था.

राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत मानसिक दिव्यांग बच्चों को दिया गया एमआर किट

क्या है दीक्षा पोर्टल

कोरोना काल को देखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग (दीक्षा) पोर्टल और दीक्षा मोबाइल एप की शुरुआत की है. दीक्षा पोर्टल ई-बुक्स और ई-कॉन्टेंट का एक बड़ा भंडार है.

  • दीक्षा पोर्टल में 15 भाषाओं में स्टडी कंटेंट उपलब्ध है.
  • इनमें असमिया, बंगाली, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओड़िया, सिंधी, तमिल, तेलगू, उर्दू और छत्तीसगढ़ी जैसी भाषा शामिल है.
  • लॉकडाउन की अवधि के दौरान दीक्षा प्लेटफार्म पर डाउनलोड और कंटेंट प्ले हर रोज तेजी से बढ़ रहे हैं.
  • 22 मार्च से अप्रैल 2020 तक कंटेंट डाउनलोड में 8 गुना वृद्धि दर्ज की गई है.
  • केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय स्कूली बच्चों को दीक्षा प्लेटफार्म पर बड़ी संख्या में उच्च गुणवत्ता वाले संसाधन उपलब्ध करा रहा है.
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