दुर्ग: दो नाबालिग बेटियों के साथ दुष्कर्म के दोषी पिता को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. दुर्ग के जिला एवं सत्र न्यायालय ने 6 महीने के अंदर ये फैसला लिया और शनिवार को सजा सुनाई.
पत्नी की गैरमौजूदगी में पिता अपनी बेटियों के साथ बलात्कार करता था. उसने पहले बड़ी बेटी के साथ रेप किया और ये सिलसिला 2014 से चलता रहा. लड़की जब 16 साल की हुई तब उसने अपनी मां और नानी को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद पिता सलाखों के पीछे पहुंचा.
दोषी के चार बच्चे हैं, जिनमें 3 बेटी और एक बेटा है. बच्चे होने के बाद दोषी पिता घर छोड़कर चला गया था लेकिन 5 साल पहले फिर वापस आ गया. पत्नी के मजदूरी करने जाने के बाद वो नाबालिग बेटियों को अपना शिकार बनाता था.
बड़ी बेटी के मामले में सुनावाई
दोनों ही मामलों में पुलगांव थाने में 30 जून 2019 को शिकायत दर्ज हुई थी. इसमें से बड़ी बेटी के मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को मरते दम तक जेल में कैद रहने की सजा सुनाई है. वहीं अभी छोटी बेटी का मामला भी न्यायालय में चल रहा है, जिसका फैसला जल्द आ सकता है.
धारा 376 और पॉक्सो के तहत फैसला
विशेष न्यायाधीश सुब्रा पचौरी की अदालत ने मां, नानी और बहन की गवाही और साक्ष्यों के आधार पर धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत फैसला सुनाया है. न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 'संरक्षक और सगा पिता होने के बावजूद उसके कृत्य को देखते हुए उदारता बरतना उचित नहीं है'. इस मामले में अतरिक्त लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा की भूमिका अहम रही है.
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खास बात यह है कि इस साल दुर्ग न्यायालय ने बच्चियों और महिलाओं के साथ बढ़ रहे अपराध पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सबसे अधिक कड़े फैसले सुनाए हैं, जिसमें आरोपी को आजीवन कारावास तो किसी को मौत तक कैद में रहने की सजा सुनाई है.