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बेटी के साथ रेप करने वाले पिता को उम्रकैद, जज ने कहा- 'ऐसे इंसान के साथ उदारता उचित नहीं' - दुर्ग में दुष्कर्म की वारदात

दो नाबालिग बेटियों के साथ दुष्कर्म करने वाले पिता को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. ये फैसला अभी बड़ी बेटी के मामले में आया है. फैसला सुनाते हुए जज ने कहा कि, 'ऐसे इंसान के साथ क्या उदारता दिखाना'.

Court sentenced to life imprisonment for molestation father in durg
बेटी के साद कुकर्म करने वाले पिता को उम्र कैद की सजा
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Published : Dec 30, 2019, 11:50 AM IST

Updated : Dec 30, 2019, 1:38 PM IST

दुर्ग: दो नाबालिग बेटियों के साथ दुष्कर्म के दोषी पिता को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. दुर्ग के जिला एवं सत्र न्यायालय ने 6 महीने के अंदर ये फैसला लिया और शनिवार को सजा सुनाई.

बेटी का रेप करने वाले पिता को 6 महिने के अंदर अदालत ने सुनाई उम्र कैद की सजा

पत्नी की गैरमौजूदगी में पिता अपनी बेटियों के साथ बलात्कार करता था. उसने पहले बड़ी बेटी के साथ रेप किया और ये सिलसिला 2014 से चलता रहा. लड़की जब 16 साल की हुई तब उसने अपनी मां और नानी को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद पिता सलाखों के पीछे पहुंचा.

दोषी के चार बच्चे हैं, जिनमें 3 बेटी और एक बेटा है. बच्चे होने के बाद दोषी पिता घर छोड़कर चला गया था लेकिन 5 साल पहले फिर वापस आ गया. पत्नी के मजदूरी करने जाने के बाद वो नाबालिग बेटियों को अपना शिकार बनाता था.

बड़ी बेटी के मामले में सुनावाई
दोनों ही मामलों में पुलगांव थाने में 30 जून 2019 को शिकायत दर्ज हुई थी. इसमें से बड़ी बेटी के मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को मरते दम तक जेल में कैद रहने की सजा सुनाई है. वहीं अभी छोटी बेटी का मामला भी न्यायालय में चल रहा है, जिसका फैसला जल्द आ सकता है.

धारा 376 और पॉक्सो के तहत फैसला

विशेष न्यायाधीश सुब्रा पचौरी की अदालत ने मां, नानी और बहन की गवाही और साक्ष्यों के आधार पर धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत फैसला सुनाया है. न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 'संरक्षक और सगा पिता होने के बावजूद उसके कृत्य को देखते हुए उदारता बरतना उचित नहीं है'. इस मामले में अतरिक्त लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा की भूमिका अहम रही है.

पढ़ें- दुर्ग: मुंबई की डांसर से गैंगरेप के चारों आरोपी गिरफ्तार

खास बात यह है कि इस साल दुर्ग न्यायालय ने बच्चियों और महिलाओं के साथ बढ़ रहे अपराध पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सबसे अधिक कड़े फैसले सुनाए हैं, जिसमें आरोपी को आजीवन कारावास तो किसी को मौत तक कैद में रहने की सजा सुनाई है.

दुर्ग: दो नाबालिग बेटियों के साथ दुष्कर्म के दोषी पिता को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. दुर्ग के जिला एवं सत्र न्यायालय ने 6 महीने के अंदर ये फैसला लिया और शनिवार को सजा सुनाई.

बेटी का रेप करने वाले पिता को 6 महिने के अंदर अदालत ने सुनाई उम्र कैद की सजा

पत्नी की गैरमौजूदगी में पिता अपनी बेटियों के साथ बलात्कार करता था. उसने पहले बड़ी बेटी के साथ रेप किया और ये सिलसिला 2014 से चलता रहा. लड़की जब 16 साल की हुई तब उसने अपनी मां और नानी को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद पिता सलाखों के पीछे पहुंचा.

दोषी के चार बच्चे हैं, जिनमें 3 बेटी और एक बेटा है. बच्चे होने के बाद दोषी पिता घर छोड़कर चला गया था लेकिन 5 साल पहले फिर वापस आ गया. पत्नी के मजदूरी करने जाने के बाद वो नाबालिग बेटियों को अपना शिकार बनाता था.

बड़ी बेटी के मामले में सुनावाई
दोनों ही मामलों में पुलगांव थाने में 30 जून 2019 को शिकायत दर्ज हुई थी. इसमें से बड़ी बेटी के मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को मरते दम तक जेल में कैद रहने की सजा सुनाई है. वहीं अभी छोटी बेटी का मामला भी न्यायालय में चल रहा है, जिसका फैसला जल्द आ सकता है.

धारा 376 और पॉक्सो के तहत फैसला

विशेष न्यायाधीश सुब्रा पचौरी की अदालत ने मां, नानी और बहन की गवाही और साक्ष्यों के आधार पर धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत फैसला सुनाया है. न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 'संरक्षक और सगा पिता होने के बावजूद उसके कृत्य को देखते हुए उदारता बरतना उचित नहीं है'. इस मामले में अतरिक्त लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा की भूमिका अहम रही है.

पढ़ें- दुर्ग: मुंबई की डांसर से गैंगरेप के चारों आरोपी गिरफ्तार

खास बात यह है कि इस साल दुर्ग न्यायालय ने बच्चियों और महिलाओं के साथ बढ़ रहे अपराध पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सबसे अधिक कड़े फैसले सुनाए हैं, जिसमें आरोपी को आजीवन कारावास तो किसी को मौत तक कैद में रहने की सजा सुनाई है.

Intro:बाप बेटी के पवित्र रिश्ते को तार तार करने वाले कुकर्मी पिता को अब मौत होते तक जेल में कैद में रहना होगा जिसकी सजा न्यायालय ने आदेश कर दी है मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला सत्र न्यायालय ने महज 6 माह के अंदर यह सजा सुनाई है



Body:मामले में कुकर्मी पिता ने अपनी ही 12 वर्षीय नाबालिग बेटी को पत्नी के गैर मौजूदगी में वर्ष 2014 से अपनी हवस का शिकार बनते आया जब पीड़िता 16 साल की हुई तब उसने आपबीती अपनी माँ और नानी को बताया तब कही मामला थाने तक पहुचा कुकर्मी पिता ने न केवल अपनी एक बेटी बल्कि उसने दो नाबालिग बेटियों को अपनी घिनौनी हरकतों का शिकार बनाया दोनो ही मामलों में पुलगांव थाने में 30 जून 2019 को शिकायत के बाद मामला न्यायालय में विचाराधीन था जिसमे बड़ी बेटी के मामले में न्यायालय ने अभी फैसला सुनाते हुए आरोपी को मरते दम तक जेल में कैद रहने की कठोर सजा सुनाई है वही अभी छोटी बेटी का मामला भी न्यायालय में चल रहा है जिसकी सुनवाई भी जल्द से जल्द आने वाली है

Conclusion:दरअसल आरोपी के चार बच्चे है जिनमे 3 बेटी और एक बेटा है आरोपी बच्चो के होने के बाद परिवार को छोड़कर कही चला गया था लेकिन 5 वर्ष पहले फिर वापस आकर साथ रहने लगा पत्नी के मजदूरी में जाने के बाद वह घृणित काम को अंजाम देता था पहले उसने बड़ी बेटी को अपना शिकार बनाया बाद में उससे छोटी बेटी को भी नही बख्शा...विशेष न्यायाधीश सुब्रा पचौरी की अदालत ने माँ ,नानी और बहन के गवाही और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को धारा 376 और पॉक्सो के तहत फैसला सुनाया है न्यायाधीश ने फैसले में शख्त होते हुए कहा कि संरक्षक व सगा पिता होने के बावजूद उसके कृत्य को देखते हुए उदारता बरतना उचित नही है इस मामले में अतरिक्त लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा की भूमिका अहम रही है सबसे खास बात यह है कि इस वर्ष दुर्ग न्यायालय ने बच्चियों और महिलाओ के साथ बढ़ रहे अपराध पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सबसे अधिक कड़े फैसले सुनाए है जिसमे आरोपी को आजीवन कारावास तो किसी को मौत तक कैद में रहने की सजा सुनाई है


कोमेन्द्र सोनकर, दुर्ग
Last Updated : Dec 30, 2019, 1:38 PM IST
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