दुर्ग : कोर्ट ने गैंगेस्टर तपन सरकार सहित तीन पुलिसकर्मियों को दो साल की सजा सुनाई है. यह पहला मामला है, जिसमें कोर्ट ने आरोपी समेत सहायता करने वाले पुलिसकर्मियों को भी सजा सुनाई है. सजा पाने वालों में एक आरोपी पुलिसकर्मी की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई है.
दरअसल, वर्ष 2010 में महादेव हत्याकांड के मुख्य आरोपी तपन सरकार को जगदलपुर के केंद्रीय जेल से पुलिस की अभिरक्षा में दुर्ग लाया गया था. अभिरक्षा में तैनात तीन पुलिसकर्मियों ने सेवाकार्य के नियम के विरुद्ध संबंधित थाना मोहन नगर थाने में आमद दिए बगैर आरोपी तपन सरकार के कहने पर उसके रिश्तेदार तरुण मजूमदार के सिकोलाभाठा घर में रातभर ठहराया था, जहां से तपन भागने के फिराक में था. वक्त रहते मुखबिर की सूचना पर मोहननगर थाना पुलिस ने दबिश देकर आरोपी तपन सरकार को गिरफ्तार कर लिया.
वहीं ड्यूटी आचरण का उल्लंघन करने वाले तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था. रविवार को ट्रायल के दौरान दुर्ग न्यायालय में भूपेंद्र कुमार वासनीकर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने सभी को दोषी करार देते हुए आरोपी तपन सरकार और सहायक उपनिरीक्षक मनबहाल सिंह ठाकुर, कांस्टेबल लोकेश नागेश, सुखराम कश्यप को दो-दो वर्ष और दो सौ रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.
इस मामले में एक आरोपी पुलिसकर्मी सुखराम कश्यप की ट्रायल के दौरान मौत हो गई है. मौत के बाद न्यायालय ने दोनों दोषी पुलिसकर्मियों को जमानत दे दिया है. वहीं तपन सरकार पर दो वर्ष की सजा बरकरार है, उसे जमानत की दायक से बाहर रखा गया है.