ETV Bharat / state

प्रेमविवाह के कारण समाज से बहिष्कृत 25 लोगों ने की आत्मदाह की मांग, PMO में लगाई अर्जी

समाज से बहिष्कृत लगभग 25 लोगों ने अपना सामाजिक हक न मिलने पर शासन-प्रशासन से आत्मदाह की अनुमति मांगी है.

couples seeking permission from administration to commit self-immolation
आत्मदाह करने की अनुमति की मांग
author img

By

Published : Feb 20, 2020, 9:48 AM IST

दुर्ग: जिस समाज से खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री आते हैं उसी समाज के लगभग 25 लोग आज सम्मानपूर्वक जीने का हक मांग रहे हैं. उनका कसूर सिर्फ इतना है कि इन लोगों ने प्रेम विवाह किया है. पीड़ितों का कहना है कि अगर प्रशासन और समाज उनकी सुनवाई नहीं करता है वे सार्वजनिक आत्मदाह करेंगे, इसके लिए उन्होंने प्रशासन से अनुमति भी मांगी है. किसी तरह का न्याय नहीं मिलता देख इन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को मामले की शिकायत की है.

सामाजिक रूप से बहिष्कृत खिलेश्वर बेलचंदन का कहना है कि सामाजिक बंदिशों की वजह से उन्हें अपनी माता के अंतिम यात्रा में दाह संस्कार करने से रोक लगा दी. पीड़ितों की माने तो इनका जीवन दूभर हो गया है. इसी वजह से 22 और 23 फरवरी को होने वाले सामाजिक कार्यक्रम में ये अपना हक मांगने जाना चाहते हैं. सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं मिलने पर इन्होंने प्रशासन से आत्मदाह की अनुमति मांगी है. शासन-प्रशासन स्तर पर किसी तरह न्याय न मिलता देख इन्होंने इस बात की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में भी की है.

अधिकारों का हनन कर रहे पदाधिकारी: पीड़ित

दिल्लीवार जो कुर्मी समाज के ही अंग है इसके 25 लोगों ने अपना जीवन साथी किसी दूसरी जाति के लोगो को चुना. लेकिन समाज इनके प्रेम विवाह को स्वीकार नहीं कर रहा है. समाज से बहिष्कृत इन जोड़ो ने आरोप लगाया है कथित समाज के मुखिया उनके संवैधानिक और मौलिक अधिकारों का हनन कर रहे हैं. वे अपने माता-पिता से मिलने उनके घर नहीं जा सकते. सामाजिक कार्यक्रमों में भी इसलिए हिस्सा नहीं ले पाते है क्योंकि समाज के लोगों की ओर से बहिष्कृत लोगों को न बुलाए जाने का दबाव होता है.

दुर्ग: जिस समाज से खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री आते हैं उसी समाज के लगभग 25 लोग आज सम्मानपूर्वक जीने का हक मांग रहे हैं. उनका कसूर सिर्फ इतना है कि इन लोगों ने प्रेम विवाह किया है. पीड़ितों का कहना है कि अगर प्रशासन और समाज उनकी सुनवाई नहीं करता है वे सार्वजनिक आत्मदाह करेंगे, इसके लिए उन्होंने प्रशासन से अनुमति भी मांगी है. किसी तरह का न्याय नहीं मिलता देख इन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को मामले की शिकायत की है.

सामाजिक रूप से बहिष्कृत खिलेश्वर बेलचंदन का कहना है कि सामाजिक बंदिशों की वजह से उन्हें अपनी माता के अंतिम यात्रा में दाह संस्कार करने से रोक लगा दी. पीड़ितों की माने तो इनका जीवन दूभर हो गया है. इसी वजह से 22 और 23 फरवरी को होने वाले सामाजिक कार्यक्रम में ये अपना हक मांगने जाना चाहते हैं. सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं मिलने पर इन्होंने प्रशासन से आत्मदाह की अनुमति मांगी है. शासन-प्रशासन स्तर पर किसी तरह न्याय न मिलता देख इन्होंने इस बात की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में भी की है.

अधिकारों का हनन कर रहे पदाधिकारी: पीड़ित

दिल्लीवार जो कुर्मी समाज के ही अंग है इसके 25 लोगों ने अपना जीवन साथी किसी दूसरी जाति के लोगो को चुना. लेकिन समाज इनके प्रेम विवाह को स्वीकार नहीं कर रहा है. समाज से बहिष्कृत इन जोड़ो ने आरोप लगाया है कथित समाज के मुखिया उनके संवैधानिक और मौलिक अधिकारों का हनन कर रहे हैं. वे अपने माता-पिता से मिलने उनके घर नहीं जा सकते. सामाजिक कार्यक्रमों में भी इसलिए हिस्सा नहीं ले पाते है क्योंकि समाज के लोगों की ओर से बहिष्कृत लोगों को न बुलाए जाने का दबाव होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.