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संविदा नर्सिंग कर्मियों ने नौकरी से निकाले जाने के विरोध में दुर्ग कलेक्ट्रेट का किया घेराव

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Published : Jun 2, 2021, 9:48 AM IST

Updated : Jun 2, 2021, 11:36 AM IST

कोरोना वायरस संक्रमण घटते ही दुर्ग में संविदा नर्सिंग कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है. नर्सिंग कर्मचारी इसका भारी विरोध कर रहे हैं. निकाले गए सभी नर्सों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया.

protest against fired in durg collectorate
दुर्ग कलेक्ट्रेट का किया घेराव

दुर्ग: कोरोना संक्रमितों की घटती संख्या के बीच जिला प्रशासन ने संविदा नर्सिंग कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. इन्हें कोरोना काल की भयंकर त्रासदी के बीच नौकरी पर रखा गया था. कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर दिन-रात कोरोना मरीजों की सेवा की. ऐसे में आज सैकड़ों की संख्या में निकाले गए संविदा नर्सिंग कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया. उन्होंने नौकरी पर दोबारा बहाल करने की मांग रखी.

बता दें कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग में कोरोना की रफ्तार कम होती नजर आ रही है. मंगलवार को जिले में महज 46 नए संक्रमित मरीजों की पहचान हुई है. लगातार कोरोना संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं. 100 से अधिक संविदा नर्सिंग कर्मचारियों को निकाला गया है.

कोरोना के कम होते आंकड़ों के बीच आज से अस्पतालों में शुरू होंगी OPD सेवाएं

कोरोना के मामले घटते ही प्रशासन ने झाड़ा पल्ला

कोरोना की दूसरी लहर ने जिले में जब कोहराम मचाना शुरू किया था, तब प्रशासन के पास न तो मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था थी और न ही नर्सिंग स्टाफ की. ऐसे में जिला प्रशासन ने संविदा नर्सिंग स्टाफ के लिए भर्तियां निकाली. जिसमें एएनएम स्टूडेंट्स के अलावा वार्ड बॉय भी शामिल थे. इन सभी को प्रशासन ने अप्रैल माह में तत्काल प्रभाव से नौकरी पर रख दिया. क्योंकि अप्रैल माह में जिले में सबसे अधिक मौतें हुईं. वहीं संक्रमण का आंकड़ा 50 हजार के करीब पहुंच गया था. वर्तमान में कोरोना की स्थिति पहले से बेहतर हो गई है. संक्रमितों की संख्या घटती जा रही है, ऐसे में प्रशासन ने उन तमाम संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया, जिन्होंने मुश्किल वक्त में अपनी सेवाएं दीं.

नियम के विरुद्ध निकाले गए संविदा कर्मचारी

नौकरी से निकाले गए नर्सिंग संविदा कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर का घेराव किया. इनका कहना है कि प्रशासन ने उन्हें 3 से 6 माह के लिए नौकरी पर रखा था, लेकिन डेढ़ माह में ही हमें निकाल दिया गया. कोरोना महामारी से जब लोग मर रहे थे, ऐसे समय में नर्सिंग संविदा कर्मचारियों ने काम किया. हालांकि कोरोना का संक्रमण जिले में कम हो गया है, लेकिन अभी तीसरी लहर आनी बाकी है. ऐसे परिस्थिति में नौकरी से निकाला जाना उचित नहीं है.

दुर्ग: कोरोना संक्रमितों की घटती संख्या के बीच जिला प्रशासन ने संविदा नर्सिंग कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. इन्हें कोरोना काल की भयंकर त्रासदी के बीच नौकरी पर रखा गया था. कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर दिन-रात कोरोना मरीजों की सेवा की. ऐसे में आज सैकड़ों की संख्या में निकाले गए संविदा नर्सिंग कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया. उन्होंने नौकरी पर दोबारा बहाल करने की मांग रखी.

बता दें कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग में कोरोना की रफ्तार कम होती नजर आ रही है. मंगलवार को जिले में महज 46 नए संक्रमित मरीजों की पहचान हुई है. लगातार कोरोना संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं. 100 से अधिक संविदा नर्सिंग कर्मचारियों को निकाला गया है.

कोरोना के कम होते आंकड़ों के बीच आज से अस्पतालों में शुरू होंगी OPD सेवाएं

कोरोना के मामले घटते ही प्रशासन ने झाड़ा पल्ला

कोरोना की दूसरी लहर ने जिले में जब कोहराम मचाना शुरू किया था, तब प्रशासन के पास न तो मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था थी और न ही नर्सिंग स्टाफ की. ऐसे में जिला प्रशासन ने संविदा नर्सिंग स्टाफ के लिए भर्तियां निकाली. जिसमें एएनएम स्टूडेंट्स के अलावा वार्ड बॉय भी शामिल थे. इन सभी को प्रशासन ने अप्रैल माह में तत्काल प्रभाव से नौकरी पर रख दिया. क्योंकि अप्रैल माह में जिले में सबसे अधिक मौतें हुईं. वहीं संक्रमण का आंकड़ा 50 हजार के करीब पहुंच गया था. वर्तमान में कोरोना की स्थिति पहले से बेहतर हो गई है. संक्रमितों की संख्या घटती जा रही है, ऐसे में प्रशासन ने उन तमाम संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया, जिन्होंने मुश्किल वक्त में अपनी सेवाएं दीं.

नियम के विरुद्ध निकाले गए संविदा कर्मचारी

नौकरी से निकाले गए नर्सिंग संविदा कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर का घेराव किया. इनका कहना है कि प्रशासन ने उन्हें 3 से 6 माह के लिए नौकरी पर रखा था, लेकिन डेढ़ माह में ही हमें निकाल दिया गया. कोरोना महामारी से जब लोग मर रहे थे, ऐसे समय में नर्सिंग संविदा कर्मचारियों ने काम किया. हालांकि कोरोना का संक्रमण जिले में कम हो गया है, लेकिन अभी तीसरी लहर आनी बाकी है. ऐसे परिस्थिति में नौकरी से निकाला जाना उचित नहीं है.

Last Updated : Jun 2, 2021, 11:36 AM IST
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