दुर्ग: विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टी का परचम एक बार फिर से लहराने के लिए कांग्रेस ने कमर कस लिया है. विधानसभा चुनाव के ठीक 4 महीने पहले दुर्ग में कांग्रेस संभागीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और छग कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा प्रमुख रूप से शामिल हुए. पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के साथ दुर्ग संभाग के 7 जिलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर आगामी चुनाव को लेकर समीक्षा की गई.
2018 के नतीजों को दोहराने बनी रणनीति: 2018 के चुनाव में दुर्ग संभाग से कुल 18 सीट कांग्रेस को मिली थी. एक बार फिर प्रदर्शन को दोहराने के लिए आज रणनीति तैयार की गई. इसके अलावा इस बात का भी मंथन किया गया कि सरकार की नीतियों और योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए किस तरह से कार्य किया जाए. संभागीय सम्मेलन लगभग 4 घंटे चली. सम्मेलन में शामिल हुए सभी लोगों से एक एक करके चर्चा भी हुई.
"2023 के चुनाव से पहले अधिकांश विधायकों के रिपोर्ट कार्ड अच्छे हैं. लेकिन जिन कुछ विधायक के रिपोर्ट अच्छे नहीं हैं, उनके पास अभी भी चार महीनों का समय है. वे चाहे तो अपना रिपोर्ट कार्ड में सुधार ला सकते हैं. इन सबके बाद भी पार्टी हाईकमान को तय करना है किसको टिकट मिलेगा. इसके अलावा प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा भी सभी विधानसभा में पहुंचकर वहां की स्तिथि को समझ रहीं हैं." - भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
कार्यकर्ताओं के जमीनी स्तर पर कार्य की सराहना: छग कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के जमीनी स्तर पर कार्य की सराहना की है. उन्होंने कहा कि "2018 में भी उनकी जमीनी मेहनत के चलते हमने सरकार बनाया. दुर्ग संभाग से मुख्यमंत्री है, साथ ही 6 मंत्री हैं. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार ने जनता, गरीबों और किसानों के लिए कार्य किया है, उससे सभी खुश हैं. सरकार की जनकल्याण नीतियों को लेकर ही हमारे कार्यकर्ता 2023 के चुनाव में जनता के बीच जायेंगे और दुबारा सरकार बनाएंगे."
"प्रधानमंत्री और उनके मंत्री की भाषा भारत की संस्कृति नहीं": कांकेर पहुंचे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को काका की जगह खा खा वाले विवादित बयान पर कुमारी शैलजा ने प्रतिक्रिया दी है. छग कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा ने उनके बयान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि "प्रधानमंत्री और उनके मंत्री जिस तरह से भाषा का उपयोग करते हैं. वह भारत की संस्कृति नहीं है. उनके बयान उनकी बौखलाहट को भी दर्शाता है."
बेहद दिलचस्प होगा 2023 का चुनाव: दुर्ग संभाग इसलिए भी कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि मुख्यमंत्री सहित 6 मंत्रियों की विधानसभा सीट भी इसी संभाग में है. दुर्ग संभाग के किले को बचाने के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को और भी मेहनत करने की जरूरत है. निश्चित रूप से कांग्रेस के लिए यह प्रतिष्ठा का भी विषय है. 2018 के चुनाव में कांग्रेस जिन घोषणा पत्र के माध्यम से 15 साल की भाजपा सरकार का सूपड़ा साफ किया था. उसी तरह का प्रदर्शन फिर से करने की योजना बना रही है. तो वहीं बीजेपी भी सत्ता में वापसी के लिए लगातार संघर्ष कर रही है. 22 जून को केंद्रीय गृहमंत्री का भी दुर्ग आगमन होने जा रहा है, जिसके कारण 2023 का चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है.