दुर्गः बीएसपी प्रबंधन के रवैये के खिलाफ सफाई कामगारों ने मोर्चा खोल दिया है. छटनी और भ्रष्टाचार के खिलाफ कामगारों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है. बार-बार शिकायत करने के बाद भी सुनवाई नहीं होने से आक्रोशित कामगारों ने पहले क्रमिक भूख हड़ताल की. प्रबंधन को चार जनवरी तक कार्रवाई करने का समय दिया. इसके बाद 22 कामगारों ने आमरण अनशन मंगलवार सुबह से शुरू कर दिया है. इनमें 15 महिला और 6 पुरुष सफाईकर्मी शामिल हैं.
जिम्मेदार अधिकारियों का करते रहे इंतजार
सीटू ठेका यूनियन के महासचिव योगेश कुमार सोनी के नेतृत्व में कामगार आमरण अनशन पर बैठे हैं. आमरण अनशन शुरू करने से पहले प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारियों का इंतजार किया जा रहा था. वहीं सबको सकारात्मक फैसले की उम्मीद थी. मौके पर जब कोई नहीं पहुंचा तो छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा कार्यकर्ता समिति के कलादास डेहरिया, जयप्रकाश नारायण, वरिष्ठ नेता पीके मुखर्जी, उमराव सिंह पुरामे ने आमरण अनशन पर बैठने वालों को माला पहनाया और तिलक लगाया.
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सफाईकर्मियों की छटनी को लेकर अनशन
भिलाई टाउनशिप के घर-घर से कचरा उठाने वालों की छंटनी के खिलाफ चल रहे क्रमिक भूख हड़ताल को आमरण अनशन में तब्दील कर दिया है. जन स्वास्थ्य विभाग के सफाईकर्मियों की क्रमिक भूख हड़ताल का सोमवार को अंतिम दिन था. हिंदुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन सीटू के बैनर तले सेक्टर-9 चौक में क्रमिक भूख हड़ताल का 7वां दिन भी गुजर गया. बावजूद इसके कोई ठोस निराकरण नहीं हो सका था. सफाई कामगाारों का आरोप है कि ठेकेदार से वेतन का आधा पैसा वापस मांगने के विरोध में काम से निकाल दिया गया है. पुन: बहाली के लिए बीते साल 29 दिसंबर से क्रमिक भूख हड़ताल को आमरण अनशन में तब्दील कर अनशन जारी है.