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दुर्ग : मजदूरी काटने से गुस्साए सफाईकर्मी, निगम के गेट पर लगाया कचरे का अंबार

समय पर वेतन ना मिलने और वेतन में कटौती होने की वजह से सफाई कर्मियों ने नगर निगम कार्यालय का घेराव किया.

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Published : Jul 24, 2019, 11:13 PM IST

वेतन में कटौती और भुगतान नहीं होने से नाराज सफाईकर्मियों ने भिलाई नगर निगम कार्यालय का घेराव कर दिया.

दुर्ग : वेतन में कटौती और भुगतान नहीं होने से नाराज सफाईकर्मियों ने भिलाई नगर निगम कार्यालय का घेराव कर दिया. इसके साध ही सफाईकर्मियों ने निगम के मैन गेट पर शहरभर का कचरा फेंककर जमकर नारेबाजी की. वहीं कामगारों के विरोध प्रदर्शन की वजह से जोन-3 की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है.

समय पर वेतन ना मिलने और वेतन में कटौती होने की वजह से सफाई कर्मियों ने नगर निगम कार्यालय का घेराव किया.


7 दिनों की मजदूरी काटी
सफाईकर्मियों का कहना है कि, 'निगम की ओर से अधिकृत ठेकेदार ने सफाईकर्मियों के वेतन में 1 से 7 दिनों की मजदूरी काट ली है. 15 जुलाई को नगर पालिका निगम के स्वास्थ्य अधिकारी को लिखित में इसकी जानकारी भी दी गई थी'.


23 सफाईकर्मियों की काटी मजदूरी
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि, 'नगर निगम में 6 जोन शामिल हैं, जिसमें से 3 जोन के सफाईकर्मी विरोध में शामिल हुए हैं. विभिन्न वार्डों के 23 सफाईकर्मियों की मजदूरी काटी गई है, जिसकी शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है'.


सफाईकर्मियों को नहीं दिए जा रहे संसाधन
निगम ने चार साल बाद सफाई कार्य का ठेका दिया है, लेकिन अब ये व्यवस्था भी विवादों के घिरते नजर आ रही है. ठेकेदार ने अब तक सफाईकर्मियों को दिए जाने वाले रेनकोट, गमबूट भी उपलब्ध नहीं कराए हैं, जिससे नालियों की सफाई के दौरान बीमार होने का खतरा बना रहता है.

दुर्ग : वेतन में कटौती और भुगतान नहीं होने से नाराज सफाईकर्मियों ने भिलाई नगर निगम कार्यालय का घेराव कर दिया. इसके साध ही सफाईकर्मियों ने निगम के मैन गेट पर शहरभर का कचरा फेंककर जमकर नारेबाजी की. वहीं कामगारों के विरोध प्रदर्शन की वजह से जोन-3 की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है.

समय पर वेतन ना मिलने और वेतन में कटौती होने की वजह से सफाई कर्मियों ने नगर निगम कार्यालय का घेराव किया.


7 दिनों की मजदूरी काटी
सफाईकर्मियों का कहना है कि, 'निगम की ओर से अधिकृत ठेकेदार ने सफाईकर्मियों के वेतन में 1 से 7 दिनों की मजदूरी काट ली है. 15 जुलाई को नगर पालिका निगम के स्वास्थ्य अधिकारी को लिखित में इसकी जानकारी भी दी गई थी'.


23 सफाईकर्मियों की काटी मजदूरी
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि, 'नगर निगम में 6 जोन शामिल हैं, जिसमें से 3 जोन के सफाईकर्मी विरोध में शामिल हुए हैं. विभिन्न वार्डों के 23 सफाईकर्मियों की मजदूरी काटी गई है, जिसकी शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है'.


सफाईकर्मियों को नहीं दिए जा रहे संसाधन
निगम ने चार साल बाद सफाई कार्य का ठेका दिया है, लेकिन अब ये व्यवस्था भी विवादों के घिरते नजर आ रही है. ठेकेदार ने अब तक सफाईकर्मियों को दिए जाने वाले रेनकोट, गमबूट भी उपलब्ध नहीं कराए हैं, जिससे नालियों की सफाई के दौरान बीमार होने का खतरा बना रहता है.

Intro:वेतन में कटौती और भुगतान नहीं होने से नाराज सफाई कामगारों ने भिलाई नगर निगम कार्यालय को घेराव कर दिया। निगम के मुख्य प्रवेश द्वार पर शहर भर का कचरा फेककर जमकर नारेबाजी की। कामगारों के विरोध प्रदर्शन की वजह से जोन-3 की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। सफाईकर्मियों का जून माह के वेतन में कटौती और शर्त के मुताबिक वेतन नहीं दिए जाने से नाराज है...Body:सफाई कर्मियों का कहना है कि निगम की ओर से अधिकृत ठेकेदार ने सफाई कर्मियों के वेतन में 1 से 7 दिनों मजदूरी में कटौती की है। 15 जुलाई को इसकी जानकारी नगर पालिक निगम के स्वास्थ्य अधिकारी को लिखित में जानकारी दी गई थी। नगर निगम में 6 जोन शामिल है जिसमे 3 जोन से सफाई कर्मी विरोध में शामिल हुए जिससे विभिन्न वार्डो की सफाई करने वाले 23 सफाई कर्मियों के मजदूरी में 1 से 7 दिनों की कटौती की जानकारी दी थी। इसके बाद भी अब तक उन्होंने मजदूरों को वेतन दिलाने का प्रयास नहीं किया ....निगम चार साल बाद सफाई कार्य का ठेका दिया है लेकिन अब यह व्यवस्था भी विवादों में आ गई है। सफाई कर्मियों वेतन नहीं दिया जा रहा है। ठेकेदार ने अब तक सफाई कर्मियों को दिए जाने वाले रेनकोट, गमबूट भी उपलब्ध नहीं कराया है। जिससे नालियों की सफाई के दौरान शरीर में बीमारियों फैलने का डर बनी रहती है। प्रदर्शनकारियों ने नगर निगम मुख्यालय के प्रवेश द्वार के सामने कचरा भी डाल दिया है। अधिकारी कर्मचारी बदबू से परेशान होकर बैठे हैं। प्रदर्शनकारियों ने किसी को कचरा हटाने नहीं दिया है....Conclusion:भिलाई नगर निगम में जून 2019 से सभी जोन के सभी वार्डों को ठेका पद्धति से सफाई कराने हेतू ठेका एजेंसी P V रमन को ठेका अनुबंध के अनुसार काम निगम प्रशासन स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया गया था 5 घण्टे तक निगम के अधिकारी बंधक बनकर अंदर फंसे रहे। इसके पुर्व अप्रैल 2017 से मई 2019 तक 26 माह निगम प्रशासन द्वारा ठेका नहीं होने के कारण छग शासन के दिशा निर्देश पर अपने पूरी जिम्मेदारी पर सफाई कार्य संचालित किया जा रहा था, ठेका प्रथा को वापस लाने से सफाई कर्मी लगातार विरोध में उतरा रहे है ....

बाईट_ प्रदर्शनकारी सफाईकर्मी

बाईट_प्रदर्शनकारी सफाईकर्मी



कोमेन्द्र सोनकर,दुर्ग
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