दुर्ग: महापौर चयन के ठीक एक दिन पहले भाजपा ने अपने पुराने फैसले से यू टर्न ले लिया है. पहले भाजपा ने अपने पार्षदों की संख्या बल के आधार पर अपना महापौर और सभापति का प्रत्याशी नहीं उतारते हुए विपक्ष में बैठने का फैसला लिया था.
भाजपा ने नई रणनीति के तहत दोनों पदों पर अपने कैंडिडेट उतारने का एलान कर दुर्ग की राजनीतिक फिजा को फिर से एक बार गरमा दिया है. हालांकि भाजपा के लिए प्रत्याशी उतारना तो आसान है, लेकिन उसे जिताना उतना ही मुश्किल है. भाजपा ने निर्दलीयों के भरोसे और कांग्रेस में चल रहे आपसी खटपट में क्रॉस वोटिंग होने की संभावना से ऐसा किया है.
कल नामों का एलान करेगी भाजपा
भाजपा के 16 पार्षद जीतकर आए हैं तो वहीं 13 निर्दलीयों में से 6 भाजपा के बागी हैं. ऐसे में भाजपा अपने बागियों पर भी भरोसा कर रही है. लेकिन ये इतना आसान नहीं है. अब रहा सवाल भाजपा के महापौर और सभापति के प्रत्याशी का तो भाजपा भी कांग्रेस की राह पर चलते हुए सोमवार को होने वाले चुनाव से पहले ही अपने प्रत्याशी के नाम का एलान करेगी.
किसके सिर सजेगा महापौर का ताज
अब देखना होगा कि भाजपा कितनों को मना पाती है. भाजपा अपनों का भी पूरा समर्थन जुटा पाने में सफल होती है या नहीं ये तो सोमवार को साफ हो जाएगा. वैसे दुर्ग नगर निगम पर पूरे प्रदेश की नजर टिकी हुई है. अब देखना होगा कि सोमवार को निगम का ताज किसके सिर पर सजता है.