दुर्ग: भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारी जगतराम उइके की हत्या की पहेली को पुलिस ने सुलझा लिया है. हत्या के पीछे लेने-देन मुख्य वजह बताई जा रही है. मामले में पुलिस ने 4 संदिग्धों को हिरासत में लिया है. उनसे पूछताछ जारी है. कैंप-1 निवासी जगतराम उइके बीएसपी के एसएमएस-3 में ड्यूटी करता था. उन्होंने बच्चों से कहा कि रिश्तेदार से मिलकर आ रहा हूं. देर रात तक नहीं आया. परेशान होकर बच्चों ने देर रात थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई.
दुर्ग के एसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि BSP कर्मी जगतराम उइके बीएसपी के एसएमएस-3 में जॉब करता था. खुर्सीपार निवासी वेंकट ने उसे अंतिम बार देखा. बीएसपी के मुख्य गेट पर भी जाते हुए सीसीटीवी कैमरे में नजर आया, लेकिन वह बाहर नहीं निकाला. मोबाइल का लोकेशन प्लांट के अंदर ही मिला. पुलिस ने पूरे प्लांट में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. कार वाली जगह को केंद्रित करते हुए उसकी खोजबीन शुरू की. जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ.
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वहीं छावनी सीएसपी चंद्राकर, भिलाई नगर राकेश जोशी, टीआई भूषण एक्का, टीआई विशाल सोम के साथ पुलिस टीम ने खोजबीन की. डॉग स्कवॉयड की टीम बुलाई गई. टीम के कुत्ते सूंघते हुए एसएमएस-2 के कनर्वटर-6 के पास ले गया. जहां जगतराम का शव मिला. जगतराम के शव में फफोले पड़े हुए थे.
फोरेंसिक एक्सपर्ट ने प्रथमदृष्टि में करंट लगने या फिर भाप की वजह की चपेट में आने से मौत होने की आंशका जताई थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हत्या का खुलासा हो गया. पुलिस 4 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.