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Dengue Havoc In Bhilai : भिलाई में डेंगू का बढ़ता डंक, अब तक 38 मरीजों की पुष्टि, बीएसएफ के जवान भी पॉजिटिव - डेंगू

Dengue Havoc In Bhilai दुर्ग जिले में एक बार फिर डेंगू का प्रकोप बढ़ने लगा है.टाउनशिप में डेंगू के मरीज लगातार मिल रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. बीएसएफ के जवान भी डेंगू की चपेट में हैं.

Dengue Havoc In Bhilai
भिलाई में डेंगू का बढ़ता डंक, अब तक 38 मरीजों की पुष्टि
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Published : Aug 10, 2023, 2:02 PM IST

भिलाई में डेंगू का बढ़ता डंक

दुर्ग : बारिश के मौसम में एक बार फिर मौसमी बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. ट्विनसिटी दुर्ग भिलाई में पीलिया और डेंगू के कई मामले मामले आए हैं. डेंगू का डंक लगातार टाउनशिप में लोगों को अपना शिकार बना रहा है. इस बार सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज सेक्टर एरिया में देखने को मिल रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की लिस्ट में 38 मरीज हैं. जिनमें से सेक्टर एरिया के 32 मरीज हैं. इनमें पांच बीएसएफ जवान भी शामिल हैं.

स्वास्थ्य विभाग चलाएगा ज्वाइंट ऑपरेशन : भिलाई टाउनशिप में पिछले तीन महीनों में 12 लोगों में डेंगू के लक्षण मिले थे. इनमें से सभी का इलाज अस्पताल में हुआ और छुट्टी दे दी गई.वहीं ताजा मामले में 38 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई थी. जिसमें भिलाई नगर निगम में 32 केस आए थे. इनमें से कुछ मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. वहीं 18 मरीजों का इलाज दुर्ग जिले के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है. डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग और निगम की टीम ज्वाइंट ऑपरेशन चलाने की तैयारी कर रहे हैं.

2018 में डेंगू ने बरपाया था कहर : साल 2018 में डेंगू ने अपना रौद्र रूप दिखाया था. 5000 लोग डेंगू से पीड़ित हुए थे. 80 से ज्यादा लोगों की मौत डेंगू से हुई थी. जिसमें अधिकतर बच्चे शामिल थे. फिलहाल स्वास्थ्य अमला अलर्ट मोड में नजर आ रहा है. जिला स्वास्थ्य विभाग ने पूरे जिले में अस्पतालों में अलर्ट घोषित कर दिया है.

'' दुर्ग जिले में डेंगू के केस फिर बढ़ते जा रहे हैं. फिलहाल डेंगू के 38 केस जिले में मिले हैं. इनमें से पांच लोग बाहर से आए थे. 18 मरीज भर्ती है. इनमें से बीएसएफ के पांच जवान भी शामिल हैं. इनमें से एक का रिपोर्ट पॉजिटिव आया है, जबकि 4 की रिपोर्ट अभी नहीं आई है. लोगों से अपील है कि अपने आसपास का एरिया साफ सुथरा रखें. कहीं पर भी पानी का जमाव न होनें दे और मच्छरदानी लगाकर सोएं.''-जेपी मेश्राम,सीएमएचओ

बीएसपी प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप : बीएसपी टाउनशिप में बढ़ रहे डेंगू के मामलों को लेकर स्थानीय पार्षदों ने बीएसपी प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है. सेक्टर 2 की पार्षद साधना सिंह के मुताबिक बीएसपी टाउनशिप में साफ सफाई को लेकर गंभीर नहीं है. कई जगहों पर गंदा और साफ पानी जमा है. डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है.लेकिन बीएसपी कोई ठोस रणनीति नहीं बना रहा.

''ठहरे हुआ पानी चाहे साफ हो या गंदा डेंगू के लार्वा पनप रहे हैं.नगर निगम की टीम लोगों के घरों का सर्वे कर डेंगू लार्वा नष्ट करने वाली दवाइयां बांट रही है. सेक्टर 2 में अब तक डेंगू के 15 केस सामने आ चुके हैं. बीएसपी प्रबंधन को आवेदन देने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई. स्वास्थ्य विभाग ही अलर्ट है.'' -साधना सिंह,पार्षद वार्ड 56

दुर्ग जिले में डेंगू का प्रकोप : बारिश के दौरान डेंगू का असर इस बार तेजी से फैल रहा है.सेक्टर 2, 4 ,5,6,कोहका, प्रियदर्शनी परिसर, कैंप एरिया में डेंगू के मरीज मिले हैं.नगर निगम की टीम सेक्टर के चिन्हित इलाकों में फॉगिंग और दवाओं का छिड़काव कर रही है. स्वास्थ्य विभाग अब डेंगू के बढ़ते असर को देखते हुए जनजागरुकता अभियान चलाने की बात कह रहा है. वहीं टाउनशिप में इस्पात सुविधा की टीम भी ऑइलिंग, कीटनाशक दवाओं का छिड़काव और फॉगिंग कर रही है.

भिलाई में डेंगू के चार मरीज मिलने से निगम अलर्ट
डेंगू के लक्षण होने के बाद भी रिपोर्ट निगेटिव,जानिए कैसे करें इलाज
बस्तर में डेंगू और मलेरिया का प्रकोप

क्या हैं डेंगू के लक्षण : डेंगू बुखार एक बीमारी है जो डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है. लक्षण आम तौर पर फ्लू जैसे होते हैं लेकिन गंभीर डेंगू में बदल सकते हैं, जो जीवन के लिए खतरा है. दूसरी बार संक्रमित होने से गंभीर लक्षणों का खतरा बढ़ जाता है. यदि आपको पहले भी एक बार डेंगू हो चुका है तो आप टीका लगवा सकते हैं. डेंगू सामान्य बुखार की तरह होता है. जिसमें 104 डिग्री सेल्सियस तक बुखार आता है. इसके साथ ही आंखों में तेज दर्द, मतली या उलटी, हड्डियों और जोड़ों में दर्द होता है. डेंगू मच्छर के काटने के चार से दस दिन बाद से बुखार आने लगता है. जो तीन दिन से लेकर सात दिनों तक होता है. डेंगू से पीड़ित लगभग 20 में से 1 व्यक्ति में प्रारंभिक लक्षण कम होने के बाद गंभीर डेंगू विकसित होता है.

डेंगू होने पर क्या करें : यदि आपको डेंगू हुआ है तो आप ज्यादा पानी और तरल पदार्थ पीकर खुद को हाइड्रेटेड रखें. जितना संभव हो उतना आराम करें. दर्द का इलाज केवल डॉक्टर की दी हुई दवाओं से करें. इबुप्रोफेन या एस्पिरिन जैसी दवाओं का सेवन सहीं नहीं माना गया है.क्योंकि डेंगू होने पर शरीर में प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं.ऐसे में डेंगू वायरस कम होने के बजाए बढ़ सकता है.

डेंगू से कैसे करें बचाव : बारिश के मौसम में अक्सर लोगों के घरों में पानी का जमाव होता है.इसी पानी में डेंगू के मच्छर पनपते हैं.घर के कूलर, बेकार के सामान, टायर और गमलों में यदि पानी इकट्ठा हो रहा है तो उसे तुरंत खाली करे. घर की नालियों में पानी जमा ना होने दे.नाली में यदि पानी जमा हो रहा है तो उसमें केरोसिन ऑयल या दवाईयों का छिड़काव करें.

भिलाई में डेंगू का बढ़ता डंक

दुर्ग : बारिश के मौसम में एक बार फिर मौसमी बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. ट्विनसिटी दुर्ग भिलाई में पीलिया और डेंगू के कई मामले मामले आए हैं. डेंगू का डंक लगातार टाउनशिप में लोगों को अपना शिकार बना रहा है. इस बार सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज सेक्टर एरिया में देखने को मिल रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की लिस्ट में 38 मरीज हैं. जिनमें से सेक्टर एरिया के 32 मरीज हैं. इनमें पांच बीएसएफ जवान भी शामिल हैं.

स्वास्थ्य विभाग चलाएगा ज्वाइंट ऑपरेशन : भिलाई टाउनशिप में पिछले तीन महीनों में 12 लोगों में डेंगू के लक्षण मिले थे. इनमें से सभी का इलाज अस्पताल में हुआ और छुट्टी दे दी गई.वहीं ताजा मामले में 38 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई थी. जिसमें भिलाई नगर निगम में 32 केस आए थे. इनमें से कुछ मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. वहीं 18 मरीजों का इलाज दुर्ग जिले के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है. डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग और निगम की टीम ज्वाइंट ऑपरेशन चलाने की तैयारी कर रहे हैं.

2018 में डेंगू ने बरपाया था कहर : साल 2018 में डेंगू ने अपना रौद्र रूप दिखाया था. 5000 लोग डेंगू से पीड़ित हुए थे. 80 से ज्यादा लोगों की मौत डेंगू से हुई थी. जिसमें अधिकतर बच्चे शामिल थे. फिलहाल स्वास्थ्य अमला अलर्ट मोड में नजर आ रहा है. जिला स्वास्थ्य विभाग ने पूरे जिले में अस्पतालों में अलर्ट घोषित कर दिया है.

'' दुर्ग जिले में डेंगू के केस फिर बढ़ते जा रहे हैं. फिलहाल डेंगू के 38 केस जिले में मिले हैं. इनमें से पांच लोग बाहर से आए थे. 18 मरीज भर्ती है. इनमें से बीएसएफ के पांच जवान भी शामिल हैं. इनमें से एक का रिपोर्ट पॉजिटिव आया है, जबकि 4 की रिपोर्ट अभी नहीं आई है. लोगों से अपील है कि अपने आसपास का एरिया साफ सुथरा रखें. कहीं पर भी पानी का जमाव न होनें दे और मच्छरदानी लगाकर सोएं.''-जेपी मेश्राम,सीएमएचओ

बीएसपी प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप : बीएसपी टाउनशिप में बढ़ रहे डेंगू के मामलों को लेकर स्थानीय पार्षदों ने बीएसपी प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है. सेक्टर 2 की पार्षद साधना सिंह के मुताबिक बीएसपी टाउनशिप में साफ सफाई को लेकर गंभीर नहीं है. कई जगहों पर गंदा और साफ पानी जमा है. डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है.लेकिन बीएसपी कोई ठोस रणनीति नहीं बना रहा.

''ठहरे हुआ पानी चाहे साफ हो या गंदा डेंगू के लार्वा पनप रहे हैं.नगर निगम की टीम लोगों के घरों का सर्वे कर डेंगू लार्वा नष्ट करने वाली दवाइयां बांट रही है. सेक्टर 2 में अब तक डेंगू के 15 केस सामने आ चुके हैं. बीएसपी प्रबंधन को आवेदन देने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई. स्वास्थ्य विभाग ही अलर्ट है.'' -साधना सिंह,पार्षद वार्ड 56

दुर्ग जिले में डेंगू का प्रकोप : बारिश के दौरान डेंगू का असर इस बार तेजी से फैल रहा है.सेक्टर 2, 4 ,5,6,कोहका, प्रियदर्शनी परिसर, कैंप एरिया में डेंगू के मरीज मिले हैं.नगर निगम की टीम सेक्टर के चिन्हित इलाकों में फॉगिंग और दवाओं का छिड़काव कर रही है. स्वास्थ्य विभाग अब डेंगू के बढ़ते असर को देखते हुए जनजागरुकता अभियान चलाने की बात कह रहा है. वहीं टाउनशिप में इस्पात सुविधा की टीम भी ऑइलिंग, कीटनाशक दवाओं का छिड़काव और फॉगिंग कर रही है.

भिलाई में डेंगू के चार मरीज मिलने से निगम अलर्ट
डेंगू के लक्षण होने के बाद भी रिपोर्ट निगेटिव,जानिए कैसे करें इलाज
बस्तर में डेंगू और मलेरिया का प्रकोप

क्या हैं डेंगू के लक्षण : डेंगू बुखार एक बीमारी है जो डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है. लक्षण आम तौर पर फ्लू जैसे होते हैं लेकिन गंभीर डेंगू में बदल सकते हैं, जो जीवन के लिए खतरा है. दूसरी बार संक्रमित होने से गंभीर लक्षणों का खतरा बढ़ जाता है. यदि आपको पहले भी एक बार डेंगू हो चुका है तो आप टीका लगवा सकते हैं. डेंगू सामान्य बुखार की तरह होता है. जिसमें 104 डिग्री सेल्सियस तक बुखार आता है. इसके साथ ही आंखों में तेज दर्द, मतली या उलटी, हड्डियों और जोड़ों में दर्द होता है. डेंगू मच्छर के काटने के चार से दस दिन बाद से बुखार आने लगता है. जो तीन दिन से लेकर सात दिनों तक होता है. डेंगू से पीड़ित लगभग 20 में से 1 व्यक्ति में प्रारंभिक लक्षण कम होने के बाद गंभीर डेंगू विकसित होता है.

डेंगू होने पर क्या करें : यदि आपको डेंगू हुआ है तो आप ज्यादा पानी और तरल पदार्थ पीकर खुद को हाइड्रेटेड रखें. जितना संभव हो उतना आराम करें. दर्द का इलाज केवल डॉक्टर की दी हुई दवाओं से करें. इबुप्रोफेन या एस्पिरिन जैसी दवाओं का सेवन सहीं नहीं माना गया है.क्योंकि डेंगू होने पर शरीर में प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं.ऐसे में डेंगू वायरस कम होने के बजाए बढ़ सकता है.

डेंगू से कैसे करें बचाव : बारिश के मौसम में अक्सर लोगों के घरों में पानी का जमाव होता है.इसी पानी में डेंगू के मच्छर पनपते हैं.घर के कूलर, बेकार के सामान, टायर और गमलों में यदि पानी इकट्ठा हो रहा है तो उसे तुरंत खाली करे. घर की नालियों में पानी जमा ना होने दे.नाली में यदि पानी जमा हो रहा है तो उसमें केरोसिन ऑयल या दवाईयों का छिड़काव करें.

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