भिलाई: बीएसपी हाउस लीज मुद्दे पर छत्तीसगढ़ के पूर्व केबिनेट मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा कि भिलाई में हाउस रजिस्ट्री को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है. लीजधारक अपने विवेक से शर्तों को पढ़कर फैसला लें. पांडे ने कहा कि रजिस्ट्रेशन पुरानी शर्तों पर ही हो रहा है. बीएसपी प्रबंधन और लीज धारक के बीच का एग्रीमेंट अब रजिस्टर हो गया है. इसे दोनों पक्ष मानने को मजबूर है. प्रेम प्रकाश पांडेय ने इन सबके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया.
कांग्रेस पर क्या आरोप लगाया : पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कांग्रेस पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि लीज एग्रीमेंट के बारे में जनता को गुमराह किया जा रहा है. भूपेश बघेल राजस्व मंत्री रहते हुए 4500 परिवारों का लीज देने का विरोध किए थे. भिलाई के विधायक कहते हैं कि घोषणा पत्र में किया एक वादा पूरा हुआ. जबकि फेस-6 की लीज का वादा अभी भी अधूरा है. यह केवल बीएसपी प्रबंधन और लीजधारकों के मध्य 20-22 वर्षों पूर्व हुई लीज एग्रीमेंट का शुल्क अदा कर किया हुआ रजिस्ट्रेशन है. यह पहले स्टाम्प पेपर पर हुआ था लेकिन रजिस्टर होने के बाद लोग भ्रम फैला रहे हैं कि लीजधारकों को मालिकाना हक मिल गया जबकि ऐसा कुछ नहीं है.
बीएसपी प्रबंधन का निर्णय ही अंतिम और मान्य: रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन के बाद संबंधित शर्तों में लोक परिसर अधिनियम 1971 के तहत कानून भी लागू होगा.इसमें किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति में बीएसपी प्रबंधन का निर्णय ही अंतिम और मान्य होगा. वास्तव में डीड, एग्रीमेंट, इकरारनामा, अनुबंध सभी शब्दों के मायने एक ही हैं. पूर्व केबिनेट मंत्री ने ये भी स्पष्ट किया कि यदि मालिकाना हक होता तो वह हुडको की तरह सेल (विक्रय) डीड होती. पूर्व मंत्री ने यह मांग की है कि सीएम बिना शर्तों के हुडको के समान रजिस्ट्री कर लोगों को मालिकाना हक दिलाएं.