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दुर्ग: सीमेंट कंपनी को नगर निगम का नोटिस, 30 में संपत्ति कर जमा करने के निर्देश - जेपी सिमेंट प्रबंधन

भिलाई नगर निगम ने जेपी सीमेंट को गलत रिपोर्ट देने और घोषित संपत्ति कर नहीं जमा करने पर नोटिस जारी कर दिया है. नोटिस में निगम ने प्रबंधन को 30 दिनों के भीतर कर जमा करने के निर्देश दिए हैं.

दुर्ग: सीमेंट कंपनी को नगर निगम का नोटिस, 30 में संपत्ति कर जमा करने के निर्देश
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Published : Sep 27, 2019, 2:49 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 4:03 PM IST

दुर्ग: नगर निगम भिलाई के आयुक्त ने संपत्ति कर जमा नहीं करने पर जेपी सीमेंट प्रबंधन को नोटिस भेजा है. नोटिस में 30 दिनों के भीतर 3 करोड़ रुपए का कर जमा करने का निर्देश दिया गया है. निर्धारित तिथि में राशि जमा नहीं करने पर एकतरफा वसूली की कार्रवाई की जाएगी.

दुर्ग: सीमेंट कंपनी को नगर निगम का नोटिस, 30 में संपत्ति कर जमा करने के निर्देश

जांच में गलत पाई गई घोषित आय

जेपी सीमेंट प्रबंधन ने 2016 से 2019 के लिये जो रिपोर्ट दी थी वो गलत और आधी अधूरी पाई गई है. निगम ने जब जेपी सीमेंट के संबंधित भवनों और भूमि के उपलब्ध विवरणों के आधार पर परीक्षण किया, तो पाया कि निर्धारित संपत्ति कर की व्यावसायिक जोन के अनुसार गणना ही नहीं की गई है. जितना कर जमा करना था, उतना कर प्रबंधन ने नहीं जमा किया है.

30 दिन के भीतर कर जमा करने के निर्देश

नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 138 अधीन और छग. नगर पालिका नियम 1997 के नियम 11 में उल्लेखित प्रावधानों के तहत जेपी सीमेंट की रिपोर्ट झूठी पाए जाने पर और वास्तविक देय राशि कम जमा किए जाने के कारण निगम ने पुनर्गणना की थी, जिसमें संपत्ति कर के देय राशि में लगभग 38 लाख का अंतर मिला. इस अंतर की राशि का 5 गुना पेनाल्टी तय करने के बाद 3 करोड़ 45 लाख रुपए की कुल पेनाल्टी जेपी सीमेंट को भरने के निर्देश दिए गए हैं.

दुर्ग: नगर निगम भिलाई के आयुक्त ने संपत्ति कर जमा नहीं करने पर जेपी सीमेंट प्रबंधन को नोटिस भेजा है. नोटिस में 30 दिनों के भीतर 3 करोड़ रुपए का कर जमा करने का निर्देश दिया गया है. निर्धारित तिथि में राशि जमा नहीं करने पर एकतरफा वसूली की कार्रवाई की जाएगी.

दुर्ग: सीमेंट कंपनी को नगर निगम का नोटिस, 30 में संपत्ति कर जमा करने के निर्देश

जांच में गलत पाई गई घोषित आय

जेपी सीमेंट प्रबंधन ने 2016 से 2019 के लिये जो रिपोर्ट दी थी वो गलत और आधी अधूरी पाई गई है. निगम ने जब जेपी सीमेंट के संबंधित भवनों और भूमि के उपलब्ध विवरणों के आधार पर परीक्षण किया, तो पाया कि निर्धारित संपत्ति कर की व्यावसायिक जोन के अनुसार गणना ही नहीं की गई है. जितना कर जमा करना था, उतना कर प्रबंधन ने नहीं जमा किया है.

30 दिन के भीतर कर जमा करने के निर्देश

नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 138 अधीन और छग. नगर पालिका नियम 1997 के नियम 11 में उल्लेखित प्रावधानों के तहत जेपी सीमेंट की रिपोर्ट झूठी पाए जाने पर और वास्तविक देय राशि कम जमा किए जाने के कारण निगम ने पुनर्गणना की थी, जिसमें संपत्ति कर के देय राशि में लगभग 38 लाख का अंतर मिला. इस अंतर की राशि का 5 गुना पेनाल्टी तय करने के बाद 3 करोड़ 45 लाख रुपए की कुल पेनाल्टी जेपी सीमेंट को भरने के निर्देश दिए गए हैं.

Intro: नगर पालिक निगम भिलाई के आयुक्त ने जेपी सीमेंट प्रबन्धन को सम्पत्तिकर की वास्तविक स्व-विवरणी एवं देय राशि जमा नहीं करने पर जेपी सीमेंट को नोटीस भेजा है। नोटिस में शास्ति कर के साथ 30 दिनों के भीतर 3 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दीया है। निर्धारित तिथि मे राशि जमा नही करने पर एकतरफा वसूली की कार्यवाई की जाएगी।

Body:जेपी सीमेंट प्रबंधन द्वारा वर्ष 2016 से 2019 के लिये प्रस्तुत की गई स्व-विवरणी असत्य एवं अपूर्ण पाई गई है। निगम द्वारा जब जेपी सीमेंट से संबंधित भवनों और भूमियों के उपलब्ध विवरणों के आधार पर परीक्षण किया गया। तो यह पाया गया कि निर्धारित सम्पत्तिकर व्यावसायिक जोन के अनुसार गणना ही नहीं की गई है। तथा वास्तविक देय कर से कम की राशि जमा की गई है। जिसकी अंतर की राशि 10 प्रतिशत से अत्यधिक है। नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 138 की उपधारा (3) उपधारा (2) के अधीन एवं छ.ग. नगर पालिका नियम 1997 के नियम 11 में उल्लेखित प्रावधानों के तहत जेपी सीमेंट की स्व-विवरणी असत्य पाये जाने पर एवं वास्तविक देय राशि कम जमा किये जाने के कारण निगम द्वारा पुर्नगणना की गई। जिसमें सम्पत्तिकर के देय राशि में लगभग 38 लाख का अंतर प्राप्त हुआ। इस अंतर की राशि का 5 गुना शास्ति निर्धारित करने के पश्चात् 3करोड़ 45 लाख रु. का शास्ति जेपी सीमेंट को अधिरोपित किया गया है। Conclusion:जेपी सीमेंट को दिए गए नोटिस में लेख किया गया है। कि देय अंतर की राशि व अधिरोपित राशि नोटिस प्राप्ति के 30 दिवस के भीतर निगम कोष में जमा कर रसीद प्रस्तुत करें अन्यथा निर्धारित अवधि के भीतर देय अंतर की राशि व अधिरोपित राशि का भुगतान नहीं किये जाने पर नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार एकतरफा वसूली की कार्यवाही की जावेगी।

बाईट- प्रवीण सार्वा ,जनसम्पर्क अधिकारी,ननि भिलाई

कोमेन्द्र सोनकर,दुर्ग
Last Updated : Sep 27, 2019, 4:03 PM IST
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