दुर्ग : केंद्र सरकार सार्वजानिक क्षेत्रों के उद्यमों का लगातार विनिवेश कर रही है. साथ ही कई सरकारी कंपनियों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. जिसके विरोध में भिलाई श्रम संघठन के मजदूरों ने धरना प्रदर्शन किया है. इस सम्बन्ध में खदान मजदूर संघ भिलाई के केंद्रीय अध्यक्ष एमपी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय मजदूर संघ का यह स्पष्ट मानना है कि कुछ सार्वजानिक उद्यम में प्रबंधन के अधिकारीयों एवं राजनैतिक पहुंच रखने वाले नेताओं और व्यक्तियों द्वारा कुछ ऐसा षड्यंत्र किया जा रहा है. जिससे ये उद्यम लगातार घाटे में जा रहे हैं. घाटे में जा रहे इन उद्यमों को आधार बनाकर देश में मौजूद कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा केंद्र सरकार को गुमराह किया जा रहा है . (Bharatiya Mazdoor Sangh opposes privatization)
मजदूरों के लिए न्याय की बात : मजदूर नेताओं के मुताबिक लाभदायक योजनाओं के बावजूद ठेका श्रमिक की स्थिति में अपेक्षाकृत सुधार नहीं हुआ है. इसके विपरीत उद्योगों में ठेका श्रमिकों के लिए बने नियमों और कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. उनका शोषण किया जा रहा है. ऐसे नियमित और चिरस्थाई प्रकृति के कार्यों में भी ठेका श्रमिकों का उपयोग किया जा रहा है. जिनमें इनका उपयोग कानूनी तौर पर वर्जित है. इन सब मुद्दों को समग्र रूप से उठाते हुए केंद्र सरकार को चेतावनी देने के लिए दिल्ली के जंतर मंतर पर केंद्र सरकार के नीतिओं के विरोध में विशाल प्रदर्शन का कार्यक्रम का आयोजन किया गया. (protest at Jantar Mantar in Delhi )
क्या हैं मजदूर संघ की मांगें : मजदूर संघ ने केंद्र सरकार के सामने कई तरह की मांगें रखी हैं.
पब्लिक सेक्टर और सरकारी उपक्रमों के निजीकरण पर रोक लगाई जाए
बीमार उद्योगों को पुनर्जीवित किया जाए.
प्रतिरक्षा एवं रेलवे के निगमीकरण पर रोक लगाई जाए.
बैंकों के विलय तथा पब्लिक सेक्टर और बीमा कंपनी के निजीकरण पर रोक लगायी जाए.
कोल ब्लॉक हेतु कमर्शियल माइनिंग की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए.
स्थायी कामगारों की भर्ती की प्रक्रिया पब्लिक सेक्टर तथा सरकारी क्षेत्रों में प्रारम्भ किया जाए.
पब्लिक सेक्टर तथा सरकारी संस्थानों में कार्यरत ठेका श्रमिकों को स्थायी किया जाए.
केंद्रीय मंत्री को सौंपा ज्ञापन : कार्यक्रम के अंत में भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री रविंद्र हिम्मते के अगुवाई में संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने माननीय केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Union Defense Minister Rajnath Singh) और भारी उद्योग तथा सार्वजानिक उपक्रम केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय (Union Minister Mahendra Nath Pandey) से मुलाकत की और ज्ञापन सौंपा.