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SPECIAL: ऑटो ड्राइवर पिता के बेटे अभिषेक सिंह ने सैन्य अफसर बनकर प्रदेश का नाम किया रोशन

कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं, कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं, ये कैंचियां हमें उड़ने से ख़ाक रोकेंगी कि हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं. राहत इंदौरी की इन लाइनों को चरितार्थ कर दिखाया है भिलाई के रहने वाले अभिषेक सिंह ने. अभिषेक ने कामयाबी की राह में बिछे कांटों को पार कर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है. छत्तीसगढ़ के ऑटो ड्राइवर पिता के बेटे अभिषेक सिंह सैन्य अफसर बन गए हैं. वे IMA देहरादून के पासिंग आउट परेड में आज शामिल हुए. ऐसा करके उन्होंने अपनी मां का सपना भी पूरा किया, हालांकि अब उनकी मां इस दुनिया में नहीं हैं. पढ़िए अभिषेक की कहानी...

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Published : Dec 12, 2020, 7:54 AM IST

Updated : Dec 12, 2020, 10:43 PM IST

छत्तीसगढ़ से सैन्य अफसर बने अभिषेक सिंह
छत्तीसगढ़ से सैन्य अफसर बने अभिषेक सिंह

दुर्ग: कहते हैं मन में अगर लगन और कड़ी मेहनत करने का जज्बा हो, तो हर मुश्किल राह आसान हो जाती है. अगर हौसले मजबूत हों और कुछ कर गुजरने का जनून सवार हो, फिर कामयाबी की मंजिल खुद आकर कदम चूमती है. छत्तीसगढ़ का एक लाल आज भारतीय सैन्य अकादमी से निकलकर आर्मी अफसर बनने जा रहा है. परिवार खुशी से झूम उठा है. हम बात कर रहे हैं भिलाई के अभिषेक सिंह की, जिन्होंने देशभर में अपने परिवार और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है.

छत्तीसगढ़ से सैन्य अफसर बने अभिषेक सिंह

देहरादून में स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी का गौरवशाली इतिहास है. ये सैन्य अफसरों का प्रशिक्षण केंद्र है. भारतीय सैन्य अकादमी की स्थापना 1932 में हुई थी. पहले बैच में 40 जेंटलमैन कैडेट्स का सेलेक्शन हुआ. वतर्मान में 62 हजार से ज्यादा सैन्य अफसर बन चुके हैं, जिनमें से 2500 विदेशी सैन्य अफसर शामिल हैं. उसी में एक छत्तीसगढ़ के लाल अभिषेक सिंह भी शामिल हैं.

Abhishek Singh became military officer from Bharat Military Academy
अभिषेक सिंह के पिता और उनकी पत्नी मनीषा

भिलाई के खुर्सीपार के अभिषेक बने सैन्य अफसर

भिलाई के खुर्सीपार जोन 2 के रहने वाले अभिषेक कठिन परिश्रम के बाद सिपाही बने. अभिषेक के इरादे मजबूत थे, उन्हें अपनी काबिलियत पर भरोसा था. यही वजह है कि आज वे बुलंदियों को छू रहे हैं. अभिषेक सिपाही से एक अफसर तक का सफर तय कर चुके हैं. अभिषेक में बचपन से ही आर्मी में भर्ती होने का जुनून था. उनकी मां का भी सपना था कि उनका बेटा एक दिन आर्मी में भर्ती होकर अफसर बने. अभिषेक के अफसर बनाने से पहले ही उनकी मां का निधन हो गया. उसके बाद से अभिषेक के पिता ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं और आज अपने बेटे को अफसर बनाकर दिखाया है.

Abhishek Singh became military officer from Bharat Military Academy
छत्तीसगढ़ से सैन्य अफसर बने अभिषेक सिंह

12वीं के बाद से शुरू की आर्मी की तैयारी

अभिषेक सिंह के पिता उमेश सिंह ने ETV भारत से बातचीत की. अभिषेक शुरुआत से ही मेहनती थे. आर्मी में सिपाही भर्ती के दौरान एग्जाम देने के लिए दिनरात मेहनत की थी. अब सिपाही से ऑफिसर बनने पर पूरा परिवार काफी खुश और गौरवान्वित है. अभिषेक ने 12वीं के बाद से आर्मी में जाने की तैयारी शुरू कर दी थी.

2012 में 21वीं बटालियन में ज्वॉइन किया

अभिषेक सिंह के पिता ने बताया कि उनके बेटे ने वर्ष 2012 में 21वीं बटालियन में ज्वॉइन किया. अभिषेक को लगता था कि वह भी एक दिन ऑफिसर बनेंगे. आज उसका सपना पूरा हो गया. अभिषेक का पहली बार में सेलेक्शन नहीं हो पाया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उसके बाद 2017 में कड़ी मेहनत की. इंडियन मिलिट्री एकेडमी में उनका सेलेक्शन हुआ. सेलेक्शन होने के बाद ट्रेनिंग करके वे आज ऑफिसर बन गए हैं.

मां कहती थीं मेरा बेटा बनेगा आर्मी ऑफिसर

अभिषेक की मां हमेशा कहती थीं कि मेरा बेटा एक दिन जरूर आर्मी में भर्ती होगा. एक बड़ा ऑफिसर बनेगा. आज उनकी कही बात सच हो गई, हालांकि वे बेटे को ऑफिसर बनते नहीं देख पाईं. अभिषेक 5 साल के थे, तभी उनकी मां इस दुनिया को छोड़कर चली गईं. उसके बाद से उनके पिता ने ही माता-पिता दोनों का फर्ज निभाया. अपने बेटे को ऑटो चलाकर पढ़ाई भी कराई. एक पिता के परिश्रम ने बेटे को ऊंचाईयों तक पहुंचा दिया है.

परेशानियों के बाद भी मेहनत करते रहे अभिषेक

अभिषेक की पत्नी मनीषा सिंह ने बताया कि परेशानियों के बाद भी मेहनत करना नहीं छोड़ा. उनके पति अपनी ट्रेनिंग के दौरान हर चुनौतियों को पूरा करके आज एक सिपाही से ऑफिसर बनने जा रहे हैं. मां की निधन के बाद उनके पिता ने स्कूली शिक्षा पूरी कराई. उसके बाद से अभिषेक कुछ अलग करके देश का गौरव बढ़ाने का ठान चुके थे और जो उन्होंने ठाना था आज उसे पूरा कर दिया.

अभिषेक अब ऑफिसर बनकर पठानकोट में देंगे सेवाएं

पत्नी मनीषा सिंह ने बताया कि देहरादून में इंडियन मिलिट्री एकेडमी में ट्रेनिंग लेकर वे आज पासिंग आउट परेड में शामिल हो रहे हैं. ऑफिसर बनने के बाद वे पठानकोट में अपनी सेवाएं देंगे.

दुर्ग: कहते हैं मन में अगर लगन और कड़ी मेहनत करने का जज्बा हो, तो हर मुश्किल राह आसान हो जाती है. अगर हौसले मजबूत हों और कुछ कर गुजरने का जनून सवार हो, फिर कामयाबी की मंजिल खुद आकर कदम चूमती है. छत्तीसगढ़ का एक लाल आज भारतीय सैन्य अकादमी से निकलकर आर्मी अफसर बनने जा रहा है. परिवार खुशी से झूम उठा है. हम बात कर रहे हैं भिलाई के अभिषेक सिंह की, जिन्होंने देशभर में अपने परिवार और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है.

छत्तीसगढ़ से सैन्य अफसर बने अभिषेक सिंह

देहरादून में स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी का गौरवशाली इतिहास है. ये सैन्य अफसरों का प्रशिक्षण केंद्र है. भारतीय सैन्य अकादमी की स्थापना 1932 में हुई थी. पहले बैच में 40 जेंटलमैन कैडेट्स का सेलेक्शन हुआ. वतर्मान में 62 हजार से ज्यादा सैन्य अफसर बन चुके हैं, जिनमें से 2500 विदेशी सैन्य अफसर शामिल हैं. उसी में एक छत्तीसगढ़ के लाल अभिषेक सिंह भी शामिल हैं.

Abhishek Singh became military officer from Bharat Military Academy
अभिषेक सिंह के पिता और उनकी पत्नी मनीषा

भिलाई के खुर्सीपार के अभिषेक बने सैन्य अफसर

भिलाई के खुर्सीपार जोन 2 के रहने वाले अभिषेक कठिन परिश्रम के बाद सिपाही बने. अभिषेक के इरादे मजबूत थे, उन्हें अपनी काबिलियत पर भरोसा था. यही वजह है कि आज वे बुलंदियों को छू रहे हैं. अभिषेक सिपाही से एक अफसर तक का सफर तय कर चुके हैं. अभिषेक में बचपन से ही आर्मी में भर्ती होने का जुनून था. उनकी मां का भी सपना था कि उनका बेटा एक दिन आर्मी में भर्ती होकर अफसर बने. अभिषेक के अफसर बनाने से पहले ही उनकी मां का निधन हो गया. उसके बाद से अभिषेक के पिता ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं और आज अपने बेटे को अफसर बनाकर दिखाया है.

Abhishek Singh became military officer from Bharat Military Academy
छत्तीसगढ़ से सैन्य अफसर बने अभिषेक सिंह

12वीं के बाद से शुरू की आर्मी की तैयारी

अभिषेक सिंह के पिता उमेश सिंह ने ETV भारत से बातचीत की. अभिषेक शुरुआत से ही मेहनती थे. आर्मी में सिपाही भर्ती के दौरान एग्जाम देने के लिए दिनरात मेहनत की थी. अब सिपाही से ऑफिसर बनने पर पूरा परिवार काफी खुश और गौरवान्वित है. अभिषेक ने 12वीं के बाद से आर्मी में जाने की तैयारी शुरू कर दी थी.

2012 में 21वीं बटालियन में ज्वॉइन किया

अभिषेक सिंह के पिता ने बताया कि उनके बेटे ने वर्ष 2012 में 21वीं बटालियन में ज्वॉइन किया. अभिषेक को लगता था कि वह भी एक दिन ऑफिसर बनेंगे. आज उसका सपना पूरा हो गया. अभिषेक का पहली बार में सेलेक्शन नहीं हो पाया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उसके बाद 2017 में कड़ी मेहनत की. इंडियन मिलिट्री एकेडमी में उनका सेलेक्शन हुआ. सेलेक्शन होने के बाद ट्रेनिंग करके वे आज ऑफिसर बन गए हैं.

मां कहती थीं मेरा बेटा बनेगा आर्मी ऑफिसर

अभिषेक की मां हमेशा कहती थीं कि मेरा बेटा एक दिन जरूर आर्मी में भर्ती होगा. एक बड़ा ऑफिसर बनेगा. आज उनकी कही बात सच हो गई, हालांकि वे बेटे को ऑफिसर बनते नहीं देख पाईं. अभिषेक 5 साल के थे, तभी उनकी मां इस दुनिया को छोड़कर चली गईं. उसके बाद से उनके पिता ने ही माता-पिता दोनों का फर्ज निभाया. अपने बेटे को ऑटो चलाकर पढ़ाई भी कराई. एक पिता के परिश्रम ने बेटे को ऊंचाईयों तक पहुंचा दिया है.

परेशानियों के बाद भी मेहनत करते रहे अभिषेक

अभिषेक की पत्नी मनीषा सिंह ने बताया कि परेशानियों के बाद भी मेहनत करना नहीं छोड़ा. उनके पति अपनी ट्रेनिंग के दौरान हर चुनौतियों को पूरा करके आज एक सिपाही से ऑफिसर बनने जा रहे हैं. मां की निधन के बाद उनके पिता ने स्कूली शिक्षा पूरी कराई. उसके बाद से अभिषेक कुछ अलग करके देश का गौरव बढ़ाने का ठान चुके थे और जो उन्होंने ठाना था आज उसे पूरा कर दिया.

अभिषेक अब ऑफिसर बनकर पठानकोट में देंगे सेवाएं

पत्नी मनीषा सिंह ने बताया कि देहरादून में इंडियन मिलिट्री एकेडमी में ट्रेनिंग लेकर वे आज पासिंग आउट परेड में शामिल हो रहे हैं. ऑफिसर बनने के बाद वे पठानकोट में अपनी सेवाएं देंगे.

Last Updated : Dec 12, 2020, 10:43 PM IST
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